क्या फेसबुक-इंस्टाग्राम चलाने के लिए अब पैसे देने होंगे? जानें क्या है Meta वेरिफाइड?
फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप जैसे पॉपुलर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का मालिकाना हक ‘मार्क जुकरबर्ग' की कंपनी मेटा (Meta) के पास है। कंपनी ने रविवार को अपनी पेड सब्सक्रिप्शन सर्विस का ऐलान किया, जिसे
Meta Verified कहा जा रहा है। ऐलान बड़ा था, तो खुद मार्क जुकरबर्ग ने इसकी जानकारी दी। एक पोस्ट के जरिए उन्होंने कंपनी के सब्सक्रिप्शन मॉडल की घोषणा की। इसके तहत 11.99 डॉलर और 14.99 डॉलर के दो प्लान पेश किए गए हैं। क्या हैं ये प्लान? प्लान लेने वालों को कौन से फीचर मिलेंगे और क्या अब फेसबुक-इंस्टाग्राम चलाने के पैसे देने होंगे? ऐसे ही सवालों के जवाब हम आपको दे रहे हैं।
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क्या है मेटा वेरिफाइड?
सबसे पहले बात मेटा वेरिफाइड की। कंपनी के मुताबिक यह उसकी पेड सब्सक्रिप्शन सर्विस है यानी पैसे दीजिए, सर्विस लीजिए। इस सर्विस को फेसबुक और इंस्टाग्राम यूजर्स खरीद सकते हैं। अगर आप एंड्रॉयड यूजर हैं तो मेटा वेरिफाइड सर्विस लेने के लिए आपको 11.99 डॉलर यानी एक हजार रुपये हर महीने खर्च करने होंगे। जेब में ऐपल का फोन रखते हैं, तो यह सर्विस थोड़ी महंगी पड़ेगी। हर महीने 14.99 डॉलर यानी करीब 1200 रुपये खर्च करने होंगे।
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कहां हुई सर्विस शुरू?
मेटा वेरिफाइड को अभी इंडिया में नहीं लाया गया है। इसकी शुरुआत सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से होने जा रही है। हो सकता है कंपनी भारत के लिए सस्ते प्लान लेकर आए। मेटा वेरिफाइड लॉन्च होने के बाद कई लोगों को यह कहते हुए सुना जा रहा है कि अब फेसबुक और इंस्टाग्राम चलाना मुफ्त नहीं होगा। लोगों को पैसे देने होंगे। इस बात में कितनी सच्चाई है, आइए जानते हैं।
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मस्क की राह पर जुकरबर्ग!
मेटा वेरिफाइड सर्विस काफी हद तक वैसी ही है, जैसे एलन मस्क की कंपनी ट्विटर का ब्लू सब्सक्रिप्शन है। दोनों ही सर्विस की सबसे बड़ी खूबी है कि इसे खरीदने वालों के अकाउंट को ब्लू टिक या वेरिफाइड का बैज मिल जाता है। ट्विटर पर अबतक जो ब्लू टिक फ्री था, उसके लिए कंपनी अब पैसे ले रही है। उसी तरह फेसबुक पर भी वेरिफाइड का बैज यूजर्स को दिया जाएगा, जिसके लिए मार्क जुकरबर्ग की कंपनी यह सर्विस लेकर आई है।
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फेसबुक-इंस्टा फ्री ही रहेंगे
हालांकि वो बात तो रह ही गई, जो आपको बतानी थी। मेटा वेरिफाइड एक अलग सर्विस है। अगर आप इसे नहीं लेना चाहते, तो कोई बात नहीं। आप पहले की तरह ही फेसबुक, इंस्टाग्राम या वॉट्सऐप फ्री में चला पाएंगे। सर्विस लेने वाले और सर्विस नहीं लेने वालों में मुख्य अंतर वेरिफाइड बैज का होगा। कहा जा रहा है कि कंपनी सब्सक्रिप्शन लेने वालों को कुछ अडिशनल फीचर पेश कर सकती है। हालांकि इसके बारे में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है। तस्वीरें - unsplash से।
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क्या फेसबुक-इंस्टाग्राम चलाने के लिए अब पैसे देने होंगे? जानें क्या है Meta वेरिफाइड?