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  • 89 करोड़ किमी. के आसमानी सफर पर निकला ESA का ‘जूस अंतरिक्ष यान', रास्‍ते से भेजीं सेल्‍फी, देखें

89 करोड़ किमी. के आसमानी सफर पर निकला ESA का ‘जूस अंतरिक्ष यान', रास्‍ते से भेजीं सेल्‍फी, देखें

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  • 89 करोड़ किमी. के आसमानी सफर पर निकला ESA का ‘जूस अंतरिक्ष यान', रास्‍ते से भेजीं सेल्‍फी, देखें
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    89 करोड़ किमी. के आसमानी सफर पर निकला ESA का ‘जूस अंतरिक्ष यान', रास्‍ते से भेजीं सेल्‍फी, देखें

    यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी (ESA) का ‘जूस मिशन' (Juice mission) लॉन्‍च हो गया है। जूस मिशन का पूरा नाम है- जुपिटर आइसी मून्स एक्सप्लोरर (JUICE) मिशन। 14 अप्रैल को फ्रेंच गुयाना में ईएसए के स्पेसपोर्ट से ‘एरियन 5 रॉकेट' पर ‘जूस स्‍पेसक्राफ्ट' को लॉन्‍च किया गया। यह बृहस्‍पति ग्रह के सफर पर है और करीब 8 साल बाद वहां पहुंचेगा। पृथ्‍वी से बृहस्‍पति की औसत दूरी 89 करोड़ किलोमीटर आंकी जाती है। खास बात है कि ‘जूस अंतरिक्ष यान' ने अंतरिक्ष से अपनी पहली ‘सेल्‍फी' ली हैं। इनमें देखा जा सकता है कि स्‍पेसक्राफ्ट अपने रास्‍ते पर आगे बढ़ रहा है।
  • लॉन्‍च के कुछ घंटों बाद ली गई तस्‍वीरें
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    लॉन्‍च के कुछ घंटों बाद ली गई तस्‍वीरें

    जानकारी के अनुसार, 14 अप्रैल को हुए लॉन्‍च के कुछ घंटों बाद स्‍पेसक्राफ्ट के कैमरों ने उसे कैद किया। यह मिशन 13 अप्रैल को ही लॉन्‍च हो जाना था, लेकिन खराब मौसम ने मिशन को एक दिन के लिए टाल दिया। रिपोर्टों के अनुसार, इस स्‍पेसक्राफ्ट में कई कैमरे लगे हैं। उनमें से दो कैमरे स्‍पेसक्राफ्ट की बॉडी पर लगाए गए हैं, ताकि स्‍पेसक्राफ्ट के सिस्‍टम को मॉनिटर किया जा सके, जिनमें उसके सोलर विंग्‍स और एंटीना शामिल हैं।
  • स्‍पेसक्राफ्ट पर लगे कैमरों ने किया कमाल!
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    स्‍पेसक्राफ्ट पर लगे कैमरों ने किया कमाल!

    स्‍पेसक्राफ्ट की बॉडी पर लगे कैमरों की मदद से ही मिशन की पहली तस्‍वीरें, जिन्‍हें ‘सेल्‍फी' कहा जा रहा है, सामने आई हैं। तस्‍वीरों को कलर एडजस्‍टमेंट से प्रोसेस किया गया है। यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी यानी ईएसए ने इन तस्‍वीरों को शेयर किया हैं। इनमें से कुछ तस्‍वीरों के बैकग्राउंड में हमारी पृथ्‍वी को भी देखा जा सकता है।
  • 2031 में बृहस्‍पति पर पहुंचेगा जूस
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    2031 में बृहस्‍पति पर पहुंचेगा जूस

    ‘जूस स्‍पेसक्राफ्ट' साल 2031 तक बृहस्‍पति ग्रह पर पहुंच सकता है। मिशन का मकसद हमारे सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह और उसके बर्फीले चंद्रमाओं की विस्तृत खोज करना है। बृहस्‍पति ग्रह पर अबतक सिर्फ दो स्‍पेसक्राफ्ट पहुंच सके हैं। इनमें पहला है गैलीलियो प्रोब (Galileo probe)। इसने 1995 से 2003 के बीच बृहस्‍पति ग्रह की परिक्रमा की थी। वहीं, जूनो (Juno) जिसे साल 2011 में लॉन्‍च किया गया था, साल 2016 में बृहस्‍पति पर पहुंचा और उसकी परिक्रमा कर रहा है। हाल ही में जूनो ने बृहस्‍पति की 50 परिक्रमाएं पूरी की हैं।
  • नासा भी भेजने वाली है मिशन
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    नासा भी भेजने वाली है मिशन

    अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) भी बृहस्‍पति ग्रह पर एक मिशन भेजने वाली है। जानकारी के अनुसार, नासा का यूरोपा क्लिपर (Europa Clipper) इस साल अक्‍टूबर में लॉन्‍च होने वाला है। खास बात है कि यह यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी के ‘जूस स्‍पेसक्राफ्ट' से पहले ही साल 2030 तक बृहस्‍पति पर पहुंच जाएगा। जूस स्‍पेसक्राफ्ट का मकसद ना सिर्फ बृहस्‍पति को एक्‍सप्‍लोर करना है, बल्कि उसके तीन चंद्रमाओं - गेनीमेड, कैलिस्टो और यूरोपा की भी बारीकी से जांच की जाएगी। तस्‍वीरें, ESA, Nasa से।
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