फेसबुक की 'फ्री बेसिक्स' योजना विवादों में, जानें इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें

विज्ञापन
गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 30 दिसंबर 2015 18:38 IST
क्या फेसबुक की विवादास्पद 'फ्री बेसिक्स' इंटरनेट सेवा को भारत में लागू किया जाना चाहिए? इस सवाल को लेकर इंटरनेट की दुनिया दो हिस्सों में बंट गई है। इस सोशल मीडिया कंपनी का दावा है कि वह प्रस्तावित योजना के जरिए देश के मोबाइल उपभोक्ताओं को मूलभूत इंटरनेट सेवा मुफ्त मुहैया कराना चाहती है। इसके बारे में आपको अपने विचार रखने के लिए 7 जनवरी तक का वक्त है। आप advisorfea1@trai.gov.in पर ईमेल करके अपने विचार बता सकते हैं। आइए जानते हैं कि मार्क ज़करबर्ग के नेतृत्व वाली यह योजना आखिरकार किन वजहों से विवादों में आ गई है।

1. फेसबुक का कहना है कि 'फ्री बेसिक्स' योजना का मकसद ग्रामीण इलाकों के गरीब मोबाइल यूज़र को मुफ्त में इंटरनेट मुहैया कराने की है। फेसबुक की प्रस्तावित 'फ्री बेसिक्स' योजना में उपभोक्ता शिक्षा, हेल्थकेयर व रोजगार जैसी सेवाएं अपने मोबाइल फोन पर उस ऐप के जरिए नि:शुल्क (बिना किसी डेटा योजना के) हासिल कर सकते हैं जो कि इस प्लेटफॉर्म के लिए विशेष रूप से बनाया गया है।

2. इस महीने ही दूरसंचार नियामक ट्राई ने रिलांयस कम्युनिकेशंस से इस सेवा (फ्री बेसिक्स) को अस्थायी तौर पर स्थगित रखने को कहा है। रिलायंस कम्युनिकेशंस भारत में फेसबुक की फ्री बेसिक्स पहल की भागीदार है। इस प्रोग्राम को 6 राज्यों में इस साल फरवरी महीने में Internet.org के नाम से लॉन्च किया गया था। इसे पिछले महीने ही पूरे देश में लागू किया गया।

3. आलोचकों ने कंपनी की इस पहल को नेट निरपेक्षता (नेट न्यूट्रैलिटी) के सिद्धांत का कथित उल्लंघन बताया है। नेट न्यूट्रैलिटी का मतलब है कि कोई भी यूज़र इंटरनेट को बिना किसी रोक या नियंत्रण के इस्तेमाल कर सके। इसके साथ यह किसी एक खास कंपनी द्वारा संचालित ना हो। आलोचकों का मानना है कि फेसबुक इस योजना का इस्तेमाल टॉर्जन हॉर्स की तरह इंटरनेट को नियंत्रित करने के लिए कर रही है।

4. 'फ्री बेसिक्स' में उपभोक्ता कुछ वेबसाइटें नि:शुल्क खोल सकते हैं लेकिन इसके साथ ही यह पहल यूट्यूब, गूगल या ट्विटर आदि बाकी वेबसाइटों की अनुमति नहीं देती। यूज़र को अन्य कंटेंट के लिए भुगतान करना होगा। आलोचकों ने इसे 'डिफरेंशियल प्राइसिंग' करार दिया है। इस वजह से इनोवेशन और नई स्टार्ट अप कंपनियों को बड़े कॉरपोरेट घरानों से प्रतिस्पर्धा करने के लिए बराबरी का मौका नहीं मिलेगा।
Advertisement

5. मंगलवार को फेसबुक के सीईओ मार्क ज़करबर्ग ने ई-कॉमर्स साइट और ऐप पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा को फ्री बेसिक्स के फायदे समझाने के लिए फोन पर बात की। पेटीएम के सीईओ पहले ही ट्विटर के जरिए फ्री बेसिक्स के प्रति अपने विरोध को जता चुके हैं। विजय शेखर शर्मा 'सेव द इंटरनेट' कैंपेन के अहम चेहरों में से एक है। इस कैंपेन का मकसद 'फ्री बेसिक्स' के खिलाफ विचार रखने वाले इंटरनेट यूज़र को मंच देना है।

6. नौ बड़े स्टार्ट अप के संस्थापकों ने दूरसंचार नियामक ट्राई को चिट्ठी लिखकर इंटरनेट की निरपेक्षता बरकरार रखने की अपील की है। वहीं, आईआईटी के करीब 40 प्रोफेसर ने भी ट्राई को चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया है कि फ्री बेसिक्स के कारण इंटरनेट इस्तेमाल करने की आजादी का उल्लंघन होगा।
Advertisement

7. इस सोशल मीडिया कंपनी ने पिछले कुछ दिनों में अपनी 'फ्री बेसिक्स' सेवा के बचाव में विज्ञापन जारी किए हैं। कई अखबारों में पूरे पन्ने का विज्ञापन दिया जा रहा है। एक अंग्रेजी अखबार में अपने आलेख में ज़करबर्ग ने 'फ्री बेसिक्स' की तुलना एक पुस्तकालय से की है जिसमें हेल्थकेयर व शिक्षा सहित कुछ ही विषय की किताबें हैं। ज़करबर्ग ने लिखा, ''लोगों को मुफ्त में इंटरनेट  मुहैया कराने के बजाय आलोचक इस योजना के बारे में मनगढ़ंत बातें फैला रहे हैं, चाहे इस वजह से कई करोड़ लोगों तक इंटरनेट ना पहुंचे।''
Advertisement

8. आलोचकों का कहना है कि भारत में इस प्रोग्राम में माइक्रोसॉफ्ट की बिंग सर्विस के जरिए मुफ्त वेब सर्च कर पा रहे हैं, लेकिन गूगल से सर्च करने के लिए पैसा लग रहे हैं।

9. फेसबुक का दावा है कि अब तक 32 लाख लोगों ने ट्राई से फ्री बेसिक्स पर प्रतिबंध नहीं लगाने की अपील की। इस सेवा को आधिकारिक तौर पर Internet.org के नाम से जाना जाता है।
Advertisement

10. नेट न्यूट्रैलिटी को लेकर छिड़ी इस बहस के बीच सरकार नया कानून लाने पर विचार कर रही है जिसकी मदद से टेलीकॉम और इंटरनेट से जुड़ी कंपनियों द्वारा दी जा रही मुफ्त सेवा का संचालन किया सके।
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े:
The resident bot. If you email me, a human will respond. ...और भी
Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Vivo T4 Lite 5G जल्द इंडिया में लेगा एंट्री, Rs 10,000 से कम होगी कीमत?
  2. OnePlus Nord 5 और CE 5 में नहीं मिलेगा 128GB स्टोरेज, सीधे 256GB से होगी शुरुआत
  3. boAt Airdopes Prime 701 ANC जल्द हो रहा है लॉन्च, मिलेंगे 50 घंटे की बैटरी और Spatial ऑडियो जैसे फीचर्स!
  4. सोलर तूफानों से Elon Musk की Starlink के सैटेलाइट्स आसमान से गिर रहे
#ताज़ा ख़बरें
  1. भारतीय एस्ट्रोनॉट Shubhanshu Shukla का Axiom-4 मिशन 19 जून को होगा लॉन्च
  2. सोलर तूफानों से Elon Musk की Starlink के सैटेलाइट्स आसमान से गिर रहे
  3. आपकी छत पर उड़ रहा है कौन सा हवाई जहाज, मोबाइल से ऐसे करें पता
  4. Starlink सैटेलाइट इंटरनेट कनेक्शन के लिए लगेगी स्पेशल किट. जानें कितना होगा खर्चा?
  5. Nothing Phone 3 का डिजाइन हुआ लीक; फैंस हो सकते हैं निराश, नहीं मिलेगा ये पॉपुलर फीचर
  6. फ्री में फिल्में, शो और वेबसीरीज देखने का मौका, क्या आप जानते हैं सरकार के इस ऐप के बारे में?
  7. 3750 रुपये सस्ती कीमत में खरीदें 6000mAh बैटरी, 50MP कैमरा वाला ये Realme स्मार्टफोन
  8. OnePlus Nord 5 और CE 5 में नहीं मिलेगा 128GB स्टोरेज, सीधे 256GB से होगी शुरुआत
  9. boAt Airdopes Prime 701 ANC जल्द हो रहा है लॉन्च, मिलेंगे 50 घंटे की बैटरी और Spatial ऑडियो जैसे फीचर्स!
  10. Vivo T4 Lite 5G जल्द इंडिया में लेगा एंट्री, Rs 10,000 से कम होगी कीमत?
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.