महंगी कारों का जिक्र होते ही दिमाग में BMW और Ferrari जैसे नाम आते हैं। लेकिन ये दुनिया की सबसे महंगी कारें नहीं है। अब तक की सबसे महंगी कार का तमगा मर्सिडीज-बेंज 300 एसएलआर (Mercedes Benz 300 SLR) को मिला है। यह कार 27 साल पुरानी है। आप भी सोच में पड़ गए होंगे कि 27 साल पुरानी कार सबसे महंगी कैसे हो सकती है!
इसके पीछे का कारण भी दिलचस्प है। 1955 मॉडल Mercedes Benz 300 SLR की नीलामी की गई है और इसे 1100 करोड़ रुपये में बेचा गया है। इस कार की इतनी कीमत लगाने के पीछे की वजह है कि यह मॉडल उस वक्त से जुड़ा है जब मर्सिडीज ब्रांड ने कार बनाने की शुरुआत की थी। इससे पहले Ferrari 250 GTO को 375 करोड़ रुपये में बेचा गया था जो अब तक की सबसे महंगी कार कही जाती थी।
Mercedes Benz 300 SLR उस जमाने ताल्लुक रखती है जब 1954 व 1955 में Formula 1 वर्ल्ड चैंपियनशिप में अर्जेंटीना के स्टार जुआन मैनुअल फैंगियो कंपनी की W 196 R Grand Prix कार के साथ दो वर्ल्ड रेसिंग चैम्पियनशिप जीती थीं। कार में 8 सिलेंडर का इस्तेमाल होता था। W 196 R Grand Prix में भी 3.0 लीटर इंजन का इस्तेमाल किया जाता था जो कि काफी पावरफुल था। उस वक्त की कारों में यह सबसे तेजी से दौड़ने वाली कार हुआ करती थी। इसकी स्पीड 128km/h हुआ करती थी।
Mercedes Benz 300 SLR Uhlenhaut Coupe भी उसी कार पर आधारित है। इस तरह की कारों का बोलबाला 1930 के दशक की रेसिंग में देखा जाता है। उसके बाद इस कार को 3 लीटर इंजन और इसके उपनाम SLR के साथ अपग्रेड कर दिया गया। जर्मन भाषा में इसे स्पोर्ट्स लाइट रेसिंग कहते हैं। कंपनी ने 300 SLR कारों में से सिर्फ 9 कारें ही ऐसी बनाई हैं। इसके साथ Uhlenhaut Coupe जो शब्द जुड़ा है वह इसके चीफ इंजीनियर Rudolf Uhlenhaut के नाम पर जुड़ा हुआ है।
कार की नीलामी क्लासिक कारों की नीलामी करने वाली कनाडा़ की RM Sotheby कंपनी के माध्यम से की गई है। इस तरह से कार कई मायनों में खास हो जाती है। इतना ही नहीं, इस कार की नीलामी से जो रकम मिली है उसका इस्तेमाल भी खास जगह किया जाएगा। बताया जा रहा है कि Mercedes Benz 300 SLR Uhlenhaut Coupe की नीलामी से जो फंड मिला है, उसका इस्तेमाल एनवायरमेंटल साइंस और डीकार्बोनाइजेशन जैसे विषयों की पढ़ाई करने वाले युवा छात्रों की स्कॉलरशिप के लिए किया जाएगा।