यूके स्थित प्राइस कंपैरिजन साइट, Foundem के संस्थापक शिवौन और एडम रैफ ने Google के खिलाफ 15 साल की कानूनी लड़ाई सफलतापूर्वक जीत ली है, जिसके बाद अब पॉपुलर टेक कंपनी उन्हें 2.4 बिलियन यूरो (करीब 21 हजार करोड़ रुपये) जुर्माने के रूप में देगी। फाउंडेम को 2006 में लॉन्च किया गया था और इसके तुरंत बाद, कंपनी ने गूगल के सर्च रिजल्ट पर "प्राइस कंपैरिजन" और "शॉपिंग" जैसे महत्वपूर्ण कीवर्ड विजिबिलिटी में गिरावट का अनुभव किया। इस गिरावट के कारण ऑटोमेटेड स्पैम फिल्टर द्वारा उनके ऊपर Google सर्च जुर्माना लगाया गया, जिसने Foundem के यूजर एक्सेस को सीमित करके उसके रेवेन्यू को काफी प्रभावित किया।
BCC की
रिपोर्ट बताती है कि शुरुआत में, रैफ को लगा कि यह एक गलती है, जिसे आसानी से सुधार लिया जाएगा। हालांकि, जुर्माना हटाने के लिए किए गए कई प्रयासों के बावजूद, Google का रुख दो साल तक वैसे का वैसा ही रहा, जबकि अन्य सर्च इंजनों ने बिना किसी समस्या के Foundem को रैंक कर दिया। 2010 में, दंपत्ति ने अपना केस यूरोपीय आयोग में दायर किया, जिसने एक अविश्वास जांच शुरू की और Google को प्रतिस्पर्धियों के बीच अपनी खुद की शॉपिंग सर्विस को प्राथमिकता देने का दोषी पाया। इसके चलते 2017 का फैसला आया, जहां Google पर मार्केट के दुरुपयोग के लिए जुर्माना लगाया गया।
Google ने सात अतिरिक्त वर्षों की कानूनी कार्यवाही को समाप्त करते हुए इस निर्णय के खिलाफ अपील भी की। 2024 में, यूरोपीय न्यायालय ने Google की अपील को खारिज करते हुए और जुर्माने को अंतिम रूप दिया और यूरोपीय आयोग के फैसले को बरकरार रखा। इस मौके पर शिवौन ने BBC को दिए एक बयान में कहा, (अनुवादित) "हमें वास्तव में धमकाने वाले पसंद नहीं हैं।"
Google ने तब से दावा किया है कि फाइन टारगेट प्रैक्टिसिस 2017 में खत्म हो गईं और दावा किया कि तब किए गए बदलावों के कारण 800 से अधिक तुलनात्मक खरीदारी सर्विस के लिए अरबों क्लिक हुए हैं। अनुकूल परिणामों के बावजूद, Foundem क्षति का सामना नहीं कर सका और 2016 में बंद हो गया। वहीं, रैफ Google के खिलाफ नागरिक क्षति का दावा कर रहे हैं, जो 2026 में ट्रायल के लिए निर्धारित है।