सोमवार को एक विवादित खबर सोशल मीडिया पर चर्चा में रही। दावा किया गया था कि अगर कोई फेसबुक यूज़र डिजिटल इंडिया के समर्थन में अपनी प्रोफाइल फोटो को तिरंगे वाले इमेज से तब्दील करता है तो इस बदलाव की गिनती फेसबुक के Internet.org कैंपेन के समर्थन में वोट के तौर पर हो रही है।
दरअसल, अमेरिका के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फेसबुक के दफ्तर जाना हुआ था। रविवार को टाउनहॉल मीटिंग से ठीक पहले फेसबुक के सीईओ मार्क ज़करबर्ग ने प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के समर्थन में अपनी प्रोफाइल फोटो बदल डाली। यह प्रोफाइल फोटो तिरंगे की तस्वीर से लिपटी हुई नज़र आ रही थी। इसके बाद ऐसा ही बदलाव प्रधानमंत्री के फेसबुक पेज पर देखने को मिला। और कुछ ही देर बाद फेसबुक ने एक टूल रिलीज कर दिया जिसकी मदद से यूज़र डिजिटल इंडिया कैंपेन के समर्थन में अपनी तस्वीर भी बदल सकते थे।
कैंपेन को जबरदस्त समर्थन मिलने के बाद विवाद शुरू होने में भी वक्त नहीं लगा। कई लोग दावा करने लगे कि प्रोफाइल की तस्वीर बदलना, फेसबुक के Internet.org का समर्थन करना है। आपको बता दें कि फेसबुक के Internet.org प्रोग्राम का नया नाम फ्री बेसिक्स है जो नेट न्यूट्रैलिटी सिद्धांत को लेकर विवादों में है।
एक फेसबुक यूज़र ने लिखा, ''टूल पर सब्मिट बटन क्लिक करने से पहले मैंने पेज के सोर्स कोड की जांच की। शानदार! पेज पर एक स्टाइल क्लास है जिसका नाम "internetOrgProfilePicture_prideAvatar" है। मुझे नहीं लगता है कि यह महज संयोग है। तो मैं किसका समर्थन कर रहा हूं? इंटरनेट डॉट ओआरजी या डिजिटल इंडिया कैंपेन''
इस दावे को सुर्खियों का हिस्सा बनने में वक्त नहीं लगा। कई मीडिया हाउस द्वारा बिना किसी जांच पड़ताल के इसे सही मान लिया गया और खबर भी जारी कर दी गई। अब विवाद पर फेसबुक ने यही सफाई दी कि एक इंजीनियर ने गलती से वेब कोड पर गलत शॉर्ट हैंड नाम का इस्तेमाल किया।
कंपनी ने बयान देकर कहा, ''डिजिटल इंडिया के लिए प्रोफाइल पिक्चर अपडेट करने और इंटरनेट डॉट ओआरजी में कोई संबंध नहीं है। एक इंजीनियर ने गलती से ''इंटरनेट डॉट ओआरजी प्रोफाइल पिक्चर'' का इस्तेमाल कोड में शॉर्टहैंड नाम की तरह कर लिया। लेकिन यह प्रोडक्ट कहीं से भी इंटरनेट डॉट ओआरजी के समर्थन से नहीं जुड़ा है। विवाद को खत्म करने के लिए हम आज ही इस कोड का नाम बदल रहे हैं।"
इस बार विवाद भले ही कोड के नाम को लेकर पैदा हुआ हो, लेकिन इंटरनेट डॉट ओआरजी की खातिर समर्थन जुटाने के लिए फेसबुक ने जिन तरीकों को अपनाया है उसकी खासी निंदा हुई है। फेसबुक ऐप पर इंटरनेट डॉट ओआरजी के संबंध में आप भी कई बार ऐसे पोल से रूबरू हुए होंगे जिसमें हां/नहीं का विकल्प नहीं होता। इसके अलावा पोल यह भी नहीं बताता है कि आप इंटरनेट डॉट ओआरजी के समर्थन में वोट कर रहे हैं या विरोध में। इस बीच फेसबुक का कहना है कि उसके इस प्रोडक्ट को अगस्त में 1.7 करोड़ यूज़र का समर्थन मिला। संभावना ऐसी भी है कि जिन लोगों ने समर्थन किया है, उन्हें इंटरनेट डॉट ओआरजी के बारे में कुछ पता ही ना हो।