वस्तु एंव सेवा कर परिषद (GST Council) ने सिनेमाघरों में सर्व किए जाने वाले खाने-पीने के सामान पर टैक्स को घटा दिया है। पहले जहां सिनेमाघरों में खाने-पीने की चीजों पर 18% टैक्स लगता था, अब यह घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे सिनेमा देखना अब एक तरह से सस्ता हो गया है, क्योंकि दर्शकों को अब सिनेमाघरों में खाने-पीने की चीजें सस्ते में उपलब्ध हो सकेंगीं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी काउंसिल की 50वीं बैठक में इसकी घोषणा की।
सिनेमाघरों में मिलने वाले
फूड और कोल्ड ड्रिंक पर अब टैक्स को घटाकर 5% कर दिया गया है। इस कदम का मकसद
रेस्तरां और सिनेमाघरों में खाने-पीने की चीजों पर टैक्स को एक समान करना है। क्योंकि रेस्तरां में खाने पर पहले से ही 5% का टैक्स लगाया गया है, लेकिन सिनेमाघरों में खाने पर यह टैक्स 18% लगाया गया था। लेकिन इस बात में अब भी एक पेंच है।
मूवी थियेटर में मूवी टिकट के साथ फूड और कोल्ड ड्रिंक कॉम्बो प्लान में भी दिया जाता है। ऐसे में जीएसटी काउंसिल ने साफ किया है कि कॉम्बो प्लान में मिलने वाले फूड पर टैक्स उतना ही रहेगा जितना की टिकटों पर लागू है। इसके अलावा
जीएसटी काउंसिल की 50वीं बैठक में
ऑनलाइन गेम्स, कसीनो और होर्स रेसिंग पर 28% टैक्स लगाने का फैसला लिया गया है। वर्तमान में ऑनलाइन गेमिंग से होने वाले फायदे पर कंपनियों को 18% टैक्स देना पड़ता है जिसे अब 10% बढ़ा दिया गया है।
काउंसिल की बैठक में SUV पर लगने वाले टैक्स को लेकर भी बड़ा फैसला लिया गया है। यहां पर SUV को दोबारा से परिभाषित किया गया है। SUV की परिभाषा के तहत व्हीकल 4 मीटर लम्बा होना चाहिए। इसकी इंजन क्षमता कम से कम 1500cc की होनी चाहिए। ग्राउंड क्लियरेंस 170mm होनी चाहिए। अगर इन तीनों मापदंडों को व्हीकल पूरा करता है तो उसे टैक्सेबल एसयूवी कहा जाएगा, चाहे कंपनी ने उसे एसयूवी नाम न भी दिया हो। लेकिन कंफिग्रेशन इससे ज्यादा होती है तो ऐसे व्हीकल पर टैक्स भी ज्यादा लगेगा।