God पार्टिकल की खोज करने वाले सत्येंद्र नाथ बोस को Google ने आज खास वजह से किया याद!

जब सत्येंद्र पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स को प्लैंक्स (Plancks') रेडिएशन फॉर्मूला पढ़ा रहे थे तो उन्होंने कणों (Particle) की थ्योरी पर सवाल उठाए और उनके बारे में अपने खुद के प्रयोग करने शुरू किए।

विज्ञापन
हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 4 जून 2022 11:15 IST
ख़ास बातें
  • बोस ने 15 साल की उम्र में ही विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई शुरू कर दी थी
  • बायोलॉजी, मिनरोलॉजी, फिलोसोफी, आर्ट्स, लिटरेचर और म्यूजिक में भी थी रुचि
  • कोलकाता यूनिवर्सिटी से एप्लाइड मैथेमेटिक्स में मास्टर्स की डिग्री ली

बोस को क्वांटम मैकेनिक्स पर किए उनके काम के लिए जाना जाता है।

Google ने doodle के माध्यम से आज भारतीय भौतिक विज्ञानी और गणितज्ञ सत्येंद्र नाथ बोस को याद किया है। आज का दिन इसलिए खास है क्योंकि सन् 1924 में आज ही के दिन सत्येंद्र नाथ बोस ने अपने क्वांटम फॉर्मूलेशन एल्बर्ट आइंस्टाइन को भेजे थे और आइंस्टाइन ने तुरंत इसे क्वांटम मैकेनिक्स में एक महत्वपूर्ण खोज के रूप में मान्यता दे दी थी। इसलिए इस दिन को बोस-आइंस्टीन कंडेनसेट के रूप में जाना जाता है। डूडल में दिखाया गया है कि बोस एक प्रयोग कर रहे हैं। आइंस्टाइन के साथ मिलकर बोस ने इलेक्ट्रिोमेग्नेटिक रेडिएशन के गैसीय गुणों के बारे में एक थ्योरी तैयारी की थी। 

सत्येंद्र नाथ बोस 1 जनवरी, 1894 को कोलकाता में जन्मे थे। उन्हें 1920 के दशक की शुरुआत में क्वांटम मैकेनिक्स पर किए काम की वजह से जाना जाता है। बोस रॉयल सोसाइटी के फेलो थे और 1954 में उन्हें भारत सरकार ने पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। इसके अलावा वह वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के सलाहकार भी थे और बाद में रॉयल सोसाइटी के फेलो बने।

केवल विज्ञान ही नहीं, उनकी रुचि कई विषयों में थी। उनके बारे में बताया जाता है कि वे फिजिक्स, मैथेमेटिक्स, कैमिस्ट्री, बायोलॉजी, मिनरोलॉजी, फिलोसोफी, आर्ट्स, लिटरेचर और म्यूजिक आदि में भी रुचि रखते थे। उनके पिता एक एकाउंटेंट थे। वे काम पर जाने से पहले बोस को हल करने के लिए एक अंकगणितीय (arithmetic) सवाल देकर जाते थे। इसी के कारण बोस की गणित में रुचि बढ़ती गई। 

बोस ने 15 साल की उम्र में ही कोलकाता के प्रेजिडेंसी कॉलेज में दाखिला लेकर विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई शुरू कर दी थी। जिसके बाद उन्होंने कोलकाता यूनिवर्सिटी से ही एप्लाइड मैथेमेटिक्स में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। 1917 के खत्म होते होते उन्होंने फिजिक्स में लैक्चर देना शुरू कर दिया था। 

जब सत्येंद्र पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स को प्लैंक्स (Plancks') रेडिएशन फॉर्मूला पढ़ा रहे थे तो उन्होंने कणों (Particle) की थ्योरी पर सवाल उठाए और उनके बारे में अपने खुद के प्रयोग करने शुरू किए। इसका नतीजा हुआ कि उन्होंने अपनी खुद की पार्टिकल थ्योरी बनाई। कोई भी पार्टिकल जो आज बोस के आँकड़ों के अनुरूप है, बोसॉन (boson) के रूप में जाना जाता है। उनके काम से कई वैज्ञानिक आविष्कार हुए हैं जिनमें पार्टिकल एक्सिलरेटर और गॉड पार्टिकल (God particle) की खोज शामिल है।
Advertisement

 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. OnePlus Ace 6 के फुल स्पेसिफिकेशन्स लॉन्च से पहले हुए लीक, इसमें मिलेगी 7,800mAh की जंबो बैटरी!
  2. 15000 रुपये वाले स्मार्टफोन पर डिस्काउंट, अमेजन पर आई जबरदस्त डील
#ताज़ा ख़बरें
  1. OnePlus Ace 6 के फुल स्पेसिफिकेशन्स लॉन्च से पहले हुए लीक, इसमें मिलेगी 7,800mAh की जंबो बैटरी!
  2. 15000 रुपये वाले स्मार्टफोन पर डिस्काउंट, अमेजन पर आई जबरदस्त डील
  3. iPhone में ऐप्स डाउनलोड करते हुए ऐसे करें मैनेज, जानें आसान तरीका
  4. Huawei Nova Flip S vs Motorola Razr 60 Ultra vs Infinix Zero Flip: जानें कौन सा फ्लिप फोन है बेस्ट
  5. 6500 से भी सस्ता मिल रहा 5000mAh बैटरी वाला Lava का 5G स्मार्टफोन
  6. OnePlus Pad 2 का नया वर्जन जल्द होगा लॉन्च, MediaTek Dimensity 9400+ चिपसेट
  7. 11 महीने तक 24GB डेटा, अनलिमिटिड कॉलिंग, फ्री बेनिफिट्स के साथ BSNL लाई धमाकेदार प्लान
  8. Samsung Galaxy M17 5G vs Redmi 15 5G vs Motorola G45 5G: कौन सा किफायती फोन है बेस्ट
  9. WhatsApp पर चुपचाप चैट में फोटो या लिंक देखने का आसान तरीका, सामने वाले को नहीं लगेगी भनक
  10. अपने फोन में ये सेटिंग्स ऑन कर ली तो कभी लीक नहीं होगा पासवर्ड!
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.