भारत सरकार की नोडल साइबर सुरक्षा संस्था, CERT-In ने इस महीने की शुरुआत में 'साइबर जागरूकता दिवस' शुरू किया था। इस महीने सरकार लोगों को साइबर क्रिमिनल्स से बचने के तरीकों को लेकर शिक्षित कर रही है। 'साइबर जागरूकता दिवस' का उद्देश्य देश भर में इंटरनेट यूजर्स को साइबर स्कैम और साइबर क्राइम के बारे में जागरूक करना है। टेक्नोलॉजी के तेजी से विकसित होने के साथ देश के साथ-साथ दुनियाभर में साइबर फ्रॉड की घटनाओं ने भी तेजी पकड़ ली है। आए दिन ऐसी घटनाएं रिपोर्ट की जाती हैं, जिनमें लोगों द्वारा लाखों रुपये गंवा देते हैं। हालांकि, यदि आप कुछ बातों का ध्यान रखते हैं, तो आप इन स्कैमर्स या साइबर क्रिमिनल्स से खुद को बचा सकते हैं। यहां हम सरकार की ओर से छह महत्वपूर्ण
चेतावनियों के बारे में बता रहे हैं।
बैंक डिटेल्स अपडेट करने का फ्रॉड
इसमें स्कैमर्स किसी व्यक्ति को कॉल करते हैं और उनसे उनके बैंक की डिटेल्स को अपडेट करने के लिए कहते हैं। स्कैमर्स व्यक्ति को उनके बैंक अकाउंट में मौजूद पुरानी जनकारियों को फिर से अपडेट करने के लिए कहते हैं, जिनमें आधार, पैन या कोई अन्य KYC से संबंधित जानकारी शामिल होती है। ऐसा करने के चक्कर में लोग या तो अपनी संवेदनशील जानकारी शेयर कर देते हैं या स्कैमर्स किसी न किसी तरह सीधा उस बैंक अकाउंट को एक्सेस कर लेते हैं। बता दें कि कोई भी बैंक अपने यूजर्स से उनकी निजी या कोई अन्य संवेदनशील जानकारी कॉल या SMS के जरिए नहीं मांगता है।
अपडेट के लिए लिंक पर क्लिक करवाना
अकसर देखा गया है कि साइबर क्रिमिनल्स लोगों को SMS या WhatsApp के जरिए लिंक भेजते हैं, जो कुछ हद तक असली लिंक के समान लगता है। ये लोग व्यक्ति से उन लिंक पर क्लिक कर या तो अकाउंट अपडेट करने के लिए कहते हैं या कहते हैं कि यदि उस लिंक पर क्लिक नहीं किया, तो उनका अकाउंट या डेबिट कार्ड ब्लॉक हो जाएगा। ऐसे में जल्दबाजी करते हुए व्यक्ति लिंक पर क्लिक कर देता है और फिशिंग के जाल में फंस जाता है। हम आपको ऐसे अनजान और लुभाने वाले मैसेज पर मिलने वाले लिंक पर क्लिक करने से बचने की सलाह देंगे।
KYC अपडेट
सबसे कॉमन फ्रॉड में से एक KYC अपडेट है। साइबर क्रिमिनल्स यूजर को उनकी निजी जानकारियों को शेयर करने के लिए कहते हैं, जिससे वे पीढ़ित की KYC को पूरा या अपडेट कर सके, जबकि उनका मकसद उन जानकारियों से यूजर्स का बैंक अकाउंट खाली करने का होता है। Jio, Airtel, Vi आदि टेलीकॉम कंपनियां अकसर लोगों को SMS के जरिए इस तरह के स्कैम से सचेत करती रहती हैं।
मुफ्त गिफ्ट का लालच
इस तरह का स्कैम बाहरी देशों में बहुत होता है और कुछ भारतीय भी इसका शिकार बनते हैं। फ्री गिफ्ट या कूपन आदि के लालच में कई यूजर्स को फंसाया जाता है।
अकाउंट ब्लॉक
ज्यादातर स्कैम बैंक या मोबाइल सिम ब्लॉक की धमकियों से ही जुड़े होते हैं। अकसर देखा गया है कि स्कैम में स्कैमर्स व्यक्ति को उसका बैंक या मोबाइल सिम ब्लॉक होने की जानकारी देता है और उससे कॉल पर KYC अपडेट करने के लिए कहता है। यहां पूरा खेल OTP का होता है। KYC अपडेट के नाम पर यूजर्स को भेजा गया OTP मांगा जाता है और इसके शेयर करते ही उसके अकाउंट से पैसा उड़ा लिया जाता है।
डेबिट कार्ड ब्लॉक
जैसा कि हमने ऊपर बताया, अकाउंट ब्लॉक होने के समान ही स्कैमर्स व्यक्ति को उसका डेबिट या ATM कार्ड ब्लॉक होने के बारे में बताते हैं। इसमें अनब्लॉकिंग के चक्कर में कई लोग इन स्कैमर्स को अपनी निजी जानकारियां या स्कैमर्स द्वारा उनके मोबाइल पर भेजे गए OTP को शेयर कर देते हैं।
नोट: बता दें कि टेलीकॉम ऑपरेटर्स या कोई भी बैंक अपने यूजर्स को कॉल करके उनकी जानकारियां नहीं मांगते हैं। यदि आपको अपने बैंक अकाउंट के बारे में कोई भी जानकारी चाहिए हो, तो आप बैंक के आधिकारिक ग्राहक सेवा नंबर पर संपर्क कर सकते हैं या उस बैंक की नजदीकी शाखा पर जा सकते हैं। इसके अलावा, इंटरनेट पर खोजते समय हमेशा किसी कंपनी का ग्राहक सेवा नंबर उस कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट से ही लें।