भारत के सात बड़े एयरपोर्ट्स में GPS Spoofing से जुड़े साइबर अटैक दर्ज हुए, जिनमें दिल्ली, मुंबई और कोलकाता शामिल हैं। सरकार ने बताया कि MON बैकअप सिस्टम की वजह से किसी फ्लाइट में बाधा नहीं आई।
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देश के सात बड़े एयरपोर्ट्स को हाल ही में साइबर अटैक्स का सामना करना पड़ा। इनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे बड़े एयरपोर्ट शामिल हैं। खासतौर पर दिल्ली एयरपोर्ट के पास फेस-इन होने वाले विमानों को GPS Spoofing जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा, जहां विमान के नेविगेशन सिस्टम को गलत लोकेशन डेटा दिखाया गया। यह खतरनाक होता है, क्योंकि इससे कम्युनिकेशन और नेविगेशन दोनों प्रभावित होते हैं और हादसे की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
बीते सोमवार सरकार ने बताया (via NDTV) कि भले ही एयरपोर्ट्स पर साइबर अटैक्स हुए, लेकिन इसके बावजूद किसी भी फ्लाइट में रुकावट नहीं आई। अटैक के बाद सिक्योरिटी को और टाइट दिया गया और उसी दिन सभी एयरपोर्ट्स ने अपनी टेक्निकल टीमों के साथ स्थिति का मूल्यांकन भी पूरा कर लिया था।
McAfee के मुताबिक, GPS Spoofing एक साइबर हमला है जिसमें किसी विमान, जहाज या वाहन के नेविगेशन सिस्टम को फर्जी लेकिन विश्वसनीय लोकेशन, स्पीड या टाइम डेटा भेजा जाता है। यह Jamming से अलग होता है, जहां GPS सिग्नल को शोर से दबा दिया जाता है, क्योंकि स्पूफिंग में सीधा विमान व ATC के बीच नकली डेटा पहुंचा दिया जाता है, जिससे सिस्टम को लगता है कि विमान किसी और जगह है।
यह तकनीक उड़ानों के रूट, ऊंचाई और पोजिशन को गलत दिशा में मोड़ सकती है, इसलिए इसे गंभीर साइबर सिक्योरिटी थ्रेट माना जाता है।
सरकार ने बताया है कि भारत पहले से ही एक मजबूत Minimum Operating Network (MON) पर काम करता है। ये MON एक ग्राउंड-बेस्ड नेविगेशन और सर्विलांस नेटवर्क है, जो सैटलाइट-बेस्ड GPS सिस्टम में किसी भी गड़बड़ी की स्थिति में तुरंत बैकअप मोड पर काम करने लगता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एयरक्राफ्ट सुरक्षा के लिए यही मॉडल यूज किया जाता है। इसी सिस्टम की वजह से भारत में कोई भी उड़ान प्रभावित नहीं हुई।
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