चीन ने भारतीय EV मार्केट के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। चीन ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में इस्तेमाल होने वाली दुर्लभ चुम्बक, जिन्हें रेयर अर्थ मेग्नेट्स (rare earth magnets) कहा जाता है, की सप्लाई भारत में रोक दी है। अब चीन से ये रेयर अर्थ मेग्नेट आयात नहीं की जा सकती हैं। 4 अप्रैल 2025 से यह निर्यात प्रतिबंध लागू हो गया है। चीन का कहना है कि अगर भारत को रेयर अर्थ मेग्नेट्स चाहिएं तो इसके लिए सप्लायर्स को एक खास सर्टिफिकेट देना होगा। आइए जानते हैं क्या होती हैं रेयर अर्थ मेग्नेट और क्यो हैं ये EV प्रोडक्शन के लिए इतनी जरूरी?
चीन ने रोकी रेयर अर्थ मेग्नेट की सप्लाई
चीन ने भारत के
इलेक्ट्रिकल व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है। देश ने रेयर अर्थ मेग्नेट की सप्लाई फिलहाल भारत को देनी बंद कर दी है जो EV और इनके कम्पोनेंट बनाने के लिए बहुत जरूरी होती हैं। CNBC TV18 की
रिपोर्ट के अनुसार, ऑटोमोबाइल और कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरर्स ने अब इस मामले में सरकार से दखल देने की सिफारिश की है। अचानक लगा यह प्रतिबंध सप्लाई चेन में बाधा बनेगा और EV प्रोडक्शन बहुत धीमा पड़ सकता है।
क्या है चीन की मांग
रेयर अर्थ मेग्नेट्स की सप्लाई बंद करने के पीछे चीन ने वजह भी बताई है। चीन का कहना है कि नई पॉलिसी के अनुसार, रेयर अर्थ मेग्नेट्स अब उन्हीं देशों को सप्लाई की जाएंगीं जो सप्लायर्स को निर्धारित फॉर्मेट में एंड-यूजर सर्टिफिकेट (end-user certificates) उपलब्ध करवाएंगे। चीनी सरकार अब रेयर अर्थ मेग्नेट्स के एक्सपोर्ट को रिलीज करने के लिए अंतिम-उपयोगकर्ता प्रमाणपत्र मांग रही है। सर्टिफिकेट भारतीय विदेश मंत्रालय और चीनी दूतावास दोनों द्वारा समर्थित होना चाहिए। आयातकों को यह कंफर्म करना होगा कि मेग्नेट्स का इस्तेमाल हथियारों में नहीं किया जाएगा या किसी थर्ड पार्टी को इनका ट्रांसफर नहीं किया जाएगा।
Rare earth magnets क्यों हैं EV के लिए इतनी जरूरी
रेयर अर्थ मेग्नेट्स इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स के प्रोडक्शन में अहम रोल निभाती हैं। इनमें अद्वितीय मेग्नेटिक स्ट्रेंथ और क्षमता होती है। ये मेग्नेट्स आम तौर पर नियोडायमियम (neodymium), आयरन (iron), और बोरोन (boron) से बनती हैं। मेग्नेट्स EV मोटर्स के सबसे जरूरी कम्पोनेंट्स में से एक होती हैं। ये इलेक्ट्रिक एनर्जी को मेकेनिकल गति में बदलने में मदद करती हैं और इनकी वजह से इस प्रक्रिया में ऊर्जा का नुकसान बहुत कम होता है। इसलिए ये EV बनाने में इतनी जरूरी हैं।
इन्हीं की वजह से EV मेकर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए छोटी, हल्की और ज्यादा क्षमता वाली मोटर बना पाते हैं। इस तरह की मोटर्स होने से व्हीकल की ड्राइविंग रेंज बढ़ती है और व्हीकल की ऑवरऑल परफॉर्मेंस भी बेहतर होती है। ये रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम को भी एनहांस करती हैं। चूंकि अब दुनियाभर में क्लीन एनर्जी की डिमांड बढ़ रही है, इन मेग्नेट्स का महत्व भी लगातार बढ़ रहा है। लेकिन इनकी ग्लोबल सप्लाई बहुत ही सीमित है जो कि ईवी मार्केट के लिए चिंता पैदा कर रहा है।