What is ASMI Gun : हथियारों के क्षेत्र में भारत अपनी निर्भरता को बाकी देशों पर धीरे-धीरे कम कर रहा है। मेक इन इंडिया इनिशिएटिव के तहत कई हथियार अब देश में बनाए जा रहे हैं। उन्हीं में से एक है ASMI गन (ASMI Gun), जिसे खरीदने के लिए सेना की उत्तरी कमांड ने 4.26 करोड़ रुपये का ऑर्डर दिया है। यह ऑर्डर लोकेश मशीन्स लिमिटेड (Lokesh Machines LTD) नाम की कंपनी को मिला है, जो इन गन्स को मैन्युफैक्चर करती है। नए ऑर्डर ने कंपनी को अचानक से सुर्खियोंं में ला दिया है। आखिर क्या खूबियां हैं ASMI गन में, आइए जानते हैं।
टीओआई की
रिपोर्ट के अनुसार, ASMI एक 9X19mm की कैलिबर सबमशीन गन है। इसने दुनिया की कई जानी-मानी मशीन गन्स को टक्कर दी है। इसके डिजाइन, डेवलपमेंट और मैन्युफैक्चरिंग का काम 3 साल से भी कम वक्त में पूरा किया गया है।
रिपोर्टों के अनुसार, नजदीक यानी आमने-सामने की जंग में छोटे और हल्के हथियारों का इस्तेमाल किया जाता है और ASMI गन इसमें फायदेमंद साबित हो सकती है। ASMI (अस्मि) शब्द संस्कृत से आया है। इसका मतलब गर्व होता है। इस गन को बनाने में डीआरडीओ के साथ ही आर्मी इन्फ्रेंट्री स्कूल ने मदद की है।
9एमएम की गन को बनाने में एल्युमिनियम और कार्बन फाइबर का इस्तेमाल हुआ है। एनएसजी को यह गन टेस्टिंग के लिए दी गई है। कहा जाता है कि आसाम राइफल्स ने भी गन को इस्तेमाल करके देखा है। कुछ गन्स को बीएसएफ ने भी ऑर्डर किया है, ताकि इन्हें इस्तेमाल करके देखा जा सके। रिपोर्ट कहती है कि इंडियन आर्मी ने जो ऑर्डर दिया है, उसे सितंबर तक पूरा कियाा जा सकता है।
ASMI गन का वजन 1 किलो 80 ग्राम बताया जाता है। इस पर टेलिस्कोप या दूरबीन को फिट किया जा सकता है। यह 100 मीटर की सटीक रेंज के साथ आती है और फायरिंग के दौरान गोलियां फंसने का झंझट इसमें नहीं होता। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ASMI गन से एक मिनट में 600 गोलियां फायर की जा सकती हैं। लोडिंग स्विच दोनों साइड से होने के कारण इस गन को दोनों हाथों से चलाना आसान है।