• होम
  • डिफेंस टेक
  • ख़बरें
  • चीन से हथियार खरीदकर परेशान बांग्‍लादेश, सस्‍ते में मिली पनडुब्बियां निकलीं पुरानी

चीन से हथियार खरीदकर परेशान बांग्‍लादेश, सस्‍ते में मिली पनडुब्बियां निकलीं पुरानी

बांग्‍लादेश बार-बार चीन से कह रहा है कि डिफेक्टिव पार्ट्स की सप्‍लाई की जाए और चीनी कंपनियां हैं कि चीज ठीक करने के लिए ज्‍यादा पैसों की डिमांड कर रही हैं।

चीन से हथियार खरीदकर परेशान बांग्‍लादेश, सस्‍ते में मिली पनडुब्बियां निकलीं पुरानी

चीन से बनकर दो फ्रीगेट बांग्‍लादेश आईं और शुरुआत से ही उनमें गड़बड़ी आने लगी। (सांकेतिक इमेज)

ख़ास बातें
  • चीन के हथियारों की पोल फ‍िर खुली
  • डिफेक्टिव कलपुर्जे देने का आरोप
  • बांग्‍लादेश की ओर से लगाया गया आरोप
विज्ञापन
चीनी सामान को लेकर एक कहावत जमाने से मशहूर है, चला तो चांद तक, नहीं तो रात तक! आपको चीन की वो लड़‍ियां तो याद होंगी जो एक दिवाली के बाद अगली दिवाली जलती ही नहीं। कुछ ना कुछ खराबी आ जाती है। ऐसा लगता है कि चीन ने ऐसा ही सामान बांग्‍लादेश को पकड़ाकर उसे ‘ठग' लिया है। बांग्‍लादेश काफी वक्‍त से चीन से हथियार वगैरह खरीद (china Bangladesh defence news) रहा है। युद्धपोत से लेकर गश्‍त करने वाली नाव और जहाज से लेकर चीन में बने F-7 फाइटर जेट, क्‍या-क्‍या नहीं खरीदा चाइना से। K-8W एयरक्राफ्ट और कम दूरी वाले एयर डिफेंस सिस्‍टम की भी खरीद की बांग्‍लादेश ने। इन हथियारों और तकनीक की पोल अब खुल गई है।  

इकॉनमिक टाइम्‍स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्‍लादेश ने चीन पर डिफेक्टिव कलपुर्जे देने का आरोप लगाया है। कहा है कि चीन से खरीदे हथियारों में टेक्निकल प्रॉब्‍लम आ रही है। कई हथियार तो ऐसे हैं जो फायरिंग नहीं कर रहे। बांग्‍लादेश बार-बार चीन से कह रहा है कि डिफेक्टिव पार्ट्स की सप्‍लाई की जाए और चीनी कंपनियां हैं कि चीज ठीक करने के लिए ज्‍यादा पैसों की डिमांड कर रही हैं। 

ना सिर्फ बांग्‍लादेश की थल सेना, नेवी भी ऐसी परेशानियों से जूझ रही है। चीन से बनकर दो फ्रीगेट बांग्‍लादेश आईं और शुरुआत से ही उनमें गड़बड़ी आने लगी। बांग्‍लादेश ने सवाल किया तो चीन की ओर से एक्‍स्‍ट्रा पैसे मांग लिए गए कहा गया कि तभी दिक्‍कत ठीक कर पाएंगे। 

हद तो तब हो गई जब बांग्‍लादेश ने दो सबमरीन चीन से खरीदीं और बहुत सस्‍ते में चीन ने दे भी दी। बाद में पता चला कि वो तो यूज्‍ड सबमरीन थीं। यानी चीन ने बांग्‍लादेश को पुराना सामान पकड़ा दिया। चीन के लिए वो सबमरीन किसी काम की नहीं थीं और उसने उनसे भी पैसे बनाए।  

रिपोर्ट के अनुसार, बांग्‍लोदश की नेवी ने पिछले साल जब एक चीनी कंपनी को बताया कि उसके बनाए युद्धपोत पर जो तोप लगी है, वह बेकार है और काम नहीं कर रही तो चीनी कंपनी ने ज्‍यादा पैसे मांगे और तब तोप ठीक करने की बात कही। 

रिपोर्ट के अनुसार, चीनी सामान से थक कर निराश बांग्‍लादेश अब तुर्की की ओर शिफ्ट हो गया है। उसने तुर्की से रॉकेट सिस्‍टम की खरीद की है। चीनी सामान का शिकार बांग्‍लादेश ही नहीं, दुनिया के कई देश हुए हैं। खासतौर पर मिलिट्री इक्विपमेंट की खरीद करने वाले देश खासे परेशान हैं और चीनी कंपनियों या वहां की सरकार से उन्‍हें कोई मदद नहीं मिल रही। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Netflix के प्लान हुए महंगे, इन देशों में यूजर्स को चुकाने होंगे ज्यादा पैसे
  2. Infinix Smart 9 HD लाइव शॉट हुए लीक, जल्द भारत में होगा लॉन्च
  3. iQOO 14 Pro पर चल रहा काम, Samsung OLED डिस्प्ले के साथ देगा दस्तक!
  4. IND vs ENG T20I Live: भारत-इंग्लैंड के बीच आज पहले T20I मैच में होगा घमासान! यहां देखें फ्री!
  5. TCL K7G Plus स्मार्ट डोर लॉक लॉन्च, 3D फेशियल रिकग्निशन के साथ 5-6 महीने चलेगी बैटरी
  6. Nothing Phone (3) का दिखा टीजर, स्पेशल एडिशन के साथ होगा लॉन्च!
  7. iPhone 17 सीरीज में बदल जाएगा फोन का डिजाइन! तस्वीरें लीक
  8. MicroStrategy ने बढ़ाई बिटकॉइन की होल्डिंग, 1 अरब डॉलर से ज्यादा का किया इनवेस्टमेंट 
  9. महाकुंभ में परिवहन के लिए इस्तेमाल होंगे ओला इलेक्ट्रिक के 1,000 इलेक्ट्रिक स्कूटर्स
  10. बेहद पतला होने के बाद भी Oppo Find N5 फोल्डेबल फोन में मिलेगा वायरलेस चार्जिंग सपोर्ट, कंपनी ने शेयर किया वीडियो
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »