स्मार्टफोन यूजर्स कोई भी ऐप डाउनलोड करने के लिए आमतौर पर Apple और Google के ऐप स्टोर्स का रुख करते हैं। इसके बावजूद फोन में खतरनाक और धोखाधड़ी करने वाले ऐप्स का खतरा बना रहता है। टेक दिग्गज ऐसे ऐप्स के खिलाफ ऐक्शन लेती हैं, लेकिन कई बार कदम देरी से उठाया जाता है। एक सिक्योरिटी रिसर्च फर्म ने ऐसे ऐप के बारे में बताया है, जो यूजर्स के लिए खतरनाक है। यह एक रिकॉर्डिंग ऐप (recording app) है, जिसमें मैलवेयर का पता चला है। यह मैलवेयर लोगों को बिना बताए उनके आसपास के ऑडियो को हर 15 मिनट में रिकॉर्ड कर सकता है और डेवलपर तक पहुंचा सकता है।
साइबर सुरक्षा फर्म ‘ईएसईटी' की हालिया
स्टडी के अनुसार,
ऐप का नाम आईरिकॉर्डर (iRecorder) है। यह एक स्क्रीन रिकॉर्डर सॉफ्टवेयर है, जो यूजर्स की डिवाइस तक मैलवेयर पहुंचा रहा था। iRecorder- Screen Recorder नाम के ऐप को Google ने Play Store से हटा दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, ऐप को 50 हजार से ज्यादा बार इंस्टॉल किया गया था। इसे सबसे पहले सितंबर 2021 में लाया गया था। तब ऐप में कोई मैलवेयर नहीं था। रिपोर्ट कहती है कि अगस्त 2022 के आसपास डेवलपर ने ऐप को अपडेट किया और उसमें मैलवेयर से जुड़ी फंक्शनैलिटी आ गईं।
कैसे नुकसान पहुंचाया ऐप ने?
रिपोर्ट में बताया गया है कि ऐप में AhMyth RAT पर बेस्ड दो कोड का पता चला। यह ऐसा टूल है, जिससे कई तरह की गड़बड़ियां की जा सकती हैं। मसलन- यूजर्स को पता चले बिना उनके कॉल लॉग्स, कॉन्टैक्ट्स और टेक्स्ट मैसेजस को फिल्टर किया जा सकता है। फाइल्स में मौजूद लिस्ट देखी जा सकती है। डिवाइस की लोकेशन ट्रैक हो सकती है। एसएमएस भेजे जा सकते हैं। ऑडियो रिकॉर्ड किया जा सकता है यहां तक कि फोटोज ली जा सकती हैं।
रिपोर्ट कहती है कि जिन यूजर्स ने iRecorder ऐप को इंस्टॉल या अपडेट किया, उनकी डिवाइसेज की सिक्योरिटी दांव पर लग गई। ‘ईएसईटी' की स्टडी में खुलासा होने के बाद गूगल ने इस ऐप को हटा दिया है। हालांकि आधिकारिक रूप से इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है। अगर आपके फोन में भी यह ऐप मौजूद है, तो फौरन डिलीट कर दें।