स्मार्टवॉच से 7 साल पहले ही इस बीमारी के लक्षणों को चल जाएगा पता! जानें लेटेस्ट स्टडी

पार्किंसंस रोग के अधिकांश रोगियों का मस्तिष्क इलाज के समय तक पहले ही क्षतिग्रस्त हो चुका होता है।

विज्ञापन
Written by नितेश पपनोई, अपडेटेड: 5 जुलाई 2023 16:39 IST
ख़ास बातें
  • स्टडी में भाग लेने वाले लोगों की एक्टिविटी को ट्रैक किया गया
  • कंपकंपी, लचीलेपन का कम होना और धीमी गति से चलना इस स्थिति का अहम लक्षण है
  • स्टडी को आगे जाकर एक स्क्रीनिंग टूल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है

स्मार्टवॉच या एक्टिविटी ट्रैकर से इस बिमारी को कई साल पहले पता लगाने में मदद मिल सकती है

पार्किंसंस रोग एक पुरानी और प्रगतिशील न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जो मस्तिष्क के एक हिस्से में न्यूरॉन्स के एक छोटे समूह को प्रभावित करती है। यूं तो ये बीमारी मांसपेशियों के कंट्रोल और बैलेंस को मुख्य रूप से प्रभावित करती है, लेकिन इसे सोचने की क्षमता, मानसिक स्वास्थ्य और जीवन के अन्य कई पहलुओं को भी प्रभावित करने के लिए जाना जाता है। अब, एक स्टडी में दावा किया गया है कि स्मार्टवॉच पार्किंसंस रोग के लक्षणों को दिखने से सात साल पहले ही पहचान सकती है। 

कार्डिफ यूनिवर्सिटी में यूके डिमेंशिया रिसर्च इंस्टीट्यूट टीम द्वारा की गई इस स्टडी में देखा गया है कि स्मार्टवॉच पार्किंसंस रोग को बहुत पहले ही पहचान सकती है। इस स्टडी को स्मार्टवॉच पहनने वाले 103,000 से अधिक लोगों के डेटा का विश्लेषण करके तैयार किया गया है। Nature Medicine जर्नल में प्रकाशित स्टडी कहती है कि रिसर्चर्स ने 2013 और 2016 के बीच एक हफ्ते में स्टडी में भाग लेने वाले लोगों के प्रवृत्ति को ट्रैक किया। इससे उन्हें यह फैसला लेने में मदद मिली कि पार्किंसंस विकसित होने का खतरा किसे होगा।

स्टडी आगे कहती है कि कंपकंपी और लचीलेपन के कम होने के साथ-साथ धीमी गति से चलना इस स्थिति का एक अहम लक्षण है। रिसर्च टीम को उम्मीद है कि उनकी स्टडी को आगे जाकर एक स्क्रीनिंग टूल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, उन्होंने आगाह किया कि यह जांचने के लिए और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है कि यह परिणाम कितना सटीक होगा।

पार्किंसंस रोग के अधिकांश रोगियों का मस्तिष्क इलाज के समय तक पहले ही क्षतिग्रस्त हो चुका होता है। स्टडी टीम को लीड करने वाले डॉ. सिंथिया सैंडोर ने Sky News को बताया, "हालांकि इसका क्लिनिकल ट्रायल शुरू करने से पहले, बहुत अधिक काम करने की आवश्यकता होगी, हमारी खोज पार्किंसंस रोग के शुरुआती निदान में एक महत्वपूर्ण छलांग लगाती है और सुझाव देती है कि एक्टिविटी ट्रैकर और स्मार्टवॉच जैसे डिवाइस क्लिनिकल प्रैक्टिस ​​​​में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।"

इतना ही नहीं, रिसर्चर्स का यह भी मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को उन लोगों की पहचान करने के लिए जोड़ा जा सकता है, जिन्हें जीवन में बाद में पार्किंसंस रोग विकसित होगा और इस तरह समय की भविष्यवाणी भी की जा सकेगी।
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Nitesh has almost seven years of experience in news writing and reviewing tech ...और भी
Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Realme 15 सीरीज जल्द होगी भारत में लॉन्च, AI सपोर्ट वाले कैमरा फीचर्स
  2. Xiaomi 16 Ultra में Sony LYT-900 के बजाय मिल सकता है SmartSens कैमरा
#ताज़ा ख़बरें
  1. Nothing की Headphone (1) के लॉन्च की तैयारी, 1,040mAh हो सकती है बैटरी
  2. Xiaomi ने लॉन्च की नई इलेक्ट्रिक केतली, अब पानी उबालना भी होगा स्मार्ट
  3. टेक्नोलॉजी की दुनिया से आपके लिए आज की 5 महत्वपूर्ण खबरें
  4. MP पुलिस BSNL के नेटवर्क से परेशान! 80,000 से ज्यादा SIM होंगे Airtel में पोर्ट
  5. iOS 26 में हैं 2 हिडन फीचर्स, एक लाइव ट्रांसलेशन और दूसरा...
  6. Xiaomi 16 Ultra में Sony LYT-900 के बजाय मिल सकता है SmartSens कैमरा
  7. Realme 15 सीरीज जल्द होगी भारत में लॉन्च, AI सपोर्ट वाले कैमरा फीचर्स
  8. Lenovo का Yoga Tab Plus जल्द होगा भारत में लॉन्च, 10,200mAh की बैटरी
  9. Rs 5,000 में 5G फोन! 8 जुलाई को मार्केट में उतर रहा AI+, लॉन्च होंगे 2 स्मार्टफोन
  10. iPhone 17 में भी मिलेगा बड़ा डिस्प्ले और 120Hz रिफ्रेश रेट, लेकिन ये फीचर रहेगा गायब!
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.