Apple AirPods Max यूजर्स “Three Amber Lights of Death” बग से जूझ रहे हैं। Reddit और CNET रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ लोगों ने हेडफोन को फ्रीजर में रखकर अस्थायी तौर पर ठीक किया है। लेकिन क्या यह तरीका सुरक्षित है?
2021 में लॉन्च किए गए थे AirPods Max
जब आपके 60-70 हजार रुपये वाले हेडफोन्स अचानक काम करना बंद कर दें और तीन बार एम्बर लाइट फ्लैश करने लगें, तो डर तो बनता है। कई यूजर्स का कहना है कि उनके AirPods Max हेडफोन्स की यह समस्या तब ठीक हुई जब उन्होंने उन्हें 30 से 60 मिनट तक फ्रीजर में रखा। यह “फ्रीजर हैक” पिछले कुछ महीनों से सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और इसके पीछे का कारण जितना अजीब है, उतना ही दिलचस्प भी।
कई यूजर्स ने हालिया वर्षों में शिकायत की है कि AirPods Max अचानक रीसेट या पेयरिंग नहीं करते। हेडफोन की लाइट तीन बार एम्बर रंग में फ्लैश करती है, फिर बंद हो जाती है। इस स्थिति को अब कम्युनिटी ने “Three Amber Lights of Death” नाम दिया है। यह समस्या ज्यादातर पुराने AirPods Max यूनिट्स में देखी जा रही है, जहां बैटरी या इंटरनल सर्किट किसी वजह से रेस्पॉन्ड नहीं करता।
Reddit और Threads पर कई यूजर्स ने दावा किया है कि उन्होंने अपने नॉन-रिस्पॉन्डिंग AirPods Max को फ्रीजर में लगभग 30 से 40 मिनट के लिए रखा, फिर बाहर निकालकर रीसेट किया और हेडफोन्स ने दोबारा काम करना शुरू कर दिया।
इसी ट्रिक को हाल ही में CNET के Jeff Carlson ने भी आजमाया, जब उनके AirPods Max ने समान समस्या दिखाई। उनका कहना है कि 2021 में खरीदे उनके हेडफोन ने भी रीसेट किए जाने पर Three Amber Lights of Death इश्यू दिखाया। ऐसे में जब उन्होंने इंटरनेट पर इस समस्या के बारे में विस्तार से पता लगाने की कोशिश की, तो उन्हें पिछले कुछ सालों के कई रेडिट व अन्य पोस्ट मिले, जिनमें लोगों ने फ्रीजर हैक के बारे में बात की थी।
इस ट्रिक में AirPods Max को 30-40 मिनट तक फ्रीजर में रखना होता है, जिसके बाद उन्हें बाहर निकालकर रीसेट करके फिर से नॉर्मली यूज किया जा सकता है। जेफ का कहना है कि उन्होंने अपने AirPods Max को उसके साथ आए कैरी केस के साथ लगभग एक घंटे के लिए फ्रीजर में रखा। जब उन्होंने हेडफोन्स को बाहर निकाकर तुरंत यूज किया, तो वे काम कर रहे थें।
हालांकि, उन्होंने ये भी बताया कि समस्या अस्थाई रूप से फिक्स हुई और कुछ समय बाद हेडफोन्स पहले जैसी कंडिशन में पहुंच गए। उन्होंने लिखा, (अनुवादित) "दुर्भाग्य से, फ्रीजिंग ट्रिक के साथ कई दिनों बाद, एयरपॉड्स मैक्स अपनी पहले के समान स्थिति में लौट आए, जिससे पुष्टि हुई कि ये तकनीक केवल एक अस्थायी समाधान है।"
समान रिपोर्ट में जेफ ने एक रेडिट यूजर के पोस्ट का हवाला दिया है, जिसका मानना है कि लंबे समय तक फोल्ड करने या मोड़े जाने से हेडबैंड के अंदर मौजूद बहुत पतली तारों के बाहरी कोटिंग में माइक्रो-कैक्स आ जाते हैं। यह ट्रिक शायद इसलिए काम करती है क्योंकि डिवाइस के अंदर के माइक्रो-क्रैक्स या सर्किट में ढीले कनेक्शन ठंड के कारण सिकुड़ जाते हैं, जिससे कुछ समय के लिए इलेक्ट्रिकल कनेक्शन बहाल हो जाता है।
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