दूरसंचार विभाग ने बुधवार को कॉल ड्रॉप और सर्विस क्वालिटी से जुड़े मुद्दों के बढ़ते मामलों पर चर्चा करने के लिए भारत में सभी ऑपरेटरों के साथ मीटिंग की। इस मीटिंग का उद्देश्य इस मुद्दों और इसके नीतिगत उपायों पर विचार-विमर्श करने का था। बता दें कि हाल ही में देश में Airtel और Jio द्वारा 5G नेटवर्क का ट्रायल रोलाउट शुरू किया गया है और दोनों ऑपरेटर तेजी से देश के शहरों में अपना हाई स्पीड नेक्स्ट जनरेशन नेटवर्क उपलब्ध करा रहे हैं।
समाचार एजेंसी PTI के
अनुसार, भारत में सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स के साथ कॉल ड्रॉप और सर्विस क्वालिटी से जुड़े मुद्दों पर दूरसंचार सचिव के राजारमन ने बुधवार को एक मीटिंग रखी, जिसमें भारती एयरटेल (Bharti Airtel), रिलायंस जियो (
Reliance Jio) और वोडाफोन आइडिया (Vi) सहित लगभग सभी
टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स ने भाग लिया।
रिपोर्ट में DoT सूत्रों का हवाला देते हुए बताया गया है कि चर्चा नीति और परिचालन उपायों की पहचान करने पर केंद्रित थी, जो कंपनियों को देश में दूरसंचार सर्विस की क्वालिटी में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। इसमें अवैध बूस्टरों के कारण होने वाले हस्तक्षेप का मुद्दा भी शामिल था, साथ ही राइट ऑफ वे मुद्दे को हल करने के तरीकों पर भी चर्चा हुई। एजेंसी को सूत्रों ने बताया कि करीब दो घंटे तक चली इस बैठक में दूरसंचार कंपनियों ने सर्विस क्वालिटी के मौजूदा स्तर और स्टैंडर्ड पर विस्तृत जानकारी दी।
जबकि
टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI सर्विस क्वालिटी मानदंडों को देखता है, टेलीकॉम ऑपरेटरों के साथ DoT की बातचीत समस्याओं की पहचान करने और नीतिगत उपायों और ऑपरेशन हस्तक्षेपों पर इनपुट मांगने के बारे में थी।
इस साल सितंबर में संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संकेत दिया था कि दूरसंचार सर्विस क्वालिटी मानकों को और अधिक सख्त बनाया जा सकता है।