चांद कैसे बना? उल्का पिंडों में मिली गैसों ने खोले नए राज

खोजकर्ताओं की टीम ने पाया कि मीटिओराइट्स यानि उल्का पिंडों में जिन गैसों के निशान मिले हैं वे गैसें सोलर गैसों से मिलती हैं।

विज्ञापन
गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 13 अगस्त 2022 13:10 IST
ख़ास बातें
  • रिसर्चर पैट्रीजिया विल ने लूनर उल्का पिंडों के 6 सैम्पल किए स्टडी
  • इनमें बेसाल्ट चट्टान मिली जो कि चांद के मेग्मा से बनी हैं
  • अब तक ये चट्टानें सौर हवाओं से बची रहीं

उल्का पिंडों में जिन गैसों के निशान मिले हैं वे गैसें सोलर गैसों से मिलती हैं

धरती का उपग्रह चांद, चंद्रमा, मून कई नामों से पुकारा जाता है। इसके बनने के पीछे जो सबसे लोकप्रिय थ्योरी है, वह कहती है कि इसका निर्माण धरती तथा दूसरे किसी खगोलिय पिंड के आपस में टकराने के कारण हुआ है। लेकिन, अब एक नई स्टडी में सामने आया है कि चांद का संबंध धरती से और भी ज्यादा गहरा है। ETH Zurich के वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है कि चांद पर निओन, हीलियम जैसी जो गैसे हैं वे इसने धरती की दूसरी परत मेंटल (Mantle) से खींची हैं। यह खोज अंटार्टिका में पाए गए लूनर मीटिओराइट्स का अध्य्यन करके की गई है। 

खोजकर्ताओं की टीम ने पाया कि मीटिओराइट्स यानि उल्का पिंडों में जिन गैसों के निशान मिले हैं वे गैसें सोलर गैसों से मिलती हैं। इस खोज से वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिलेगी कि वह कौन सी प्रक्रिया थी जिससे धरती, चांद और दूसरे खगोलीय पिंडों का निर्माण हुआ। 

Science Advances में यह स्टडी प्रकाशित की गई है। इसमें डॉक्टरल रिसर्चर पैट्रीजिया विल ने लूनर उल्का पिंडों के 6 सैम्पल लिए और उन्हें स्टडी किया। इनमें बेसाल्ट चट्टान मिली जो कि चांद के भीतरी हिस्से से निकले मेग्मा के ठंडे होने से बनी। इस तरह की कई परतें बनती गईं और ये कॉस्मिक किरणों, खासकर सौर हवाओं से बची रहीं। इनके ठंडा होने की प्रक्रिया में लूनर ग्लास पार्टिकल बने और दूसरे पदार्थ भी बने जो मेग्मा में पाए गए। 

ग्लास पार्टिकल्स को बारीकी से जांचने पर टीम को इनके अंदर सौर गैसों के केमिकल फिंगरप्रिंट मिले। इनमें हीलियम निओन जैसी गैसें चांद के भीतरी हिस्से में भी मौजूद हैं। विल ने कहा कि चांद के बिना एक्सपोज हुए बेसाल्ट वाले पदार्थ में सौर गैसों का मिलना काफी उत्साहित करने वाला परिणाम है। शोधकर्ताओं ने कहा कि ये गैसें जीवन निर्वाह के लिए जरूरी नहीं हैं, फिर भी ये जानना काफी रोचक होगा कि चांद के बनने की इतनी कठिन प्रक्रिया में ये गैसें बची कैसे रहीं। इससे वैज्ञानिकों को चांद और दूसरे ग्रहों के बनने की प्रक्रिया के लिए दूसरे मॉडल बनाने में भी मदद मिलेगी। 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: , Moon Formation, moon formation theory

द रेजिडेंट बोट । अगर आप मुझे ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Oppo Reno 15 Pro में मिल सकता है 6.57 इंच डिस्प्ले, TDRA पर हुई लिस्टिंग
  2. Vivo X300 सीरीज में मिल सकती है Zeiss ट्यून्ड रियर कैमरा यूनिट
#ताज़ा ख़बरें
  1. Oppo Reno 15 Pro में मिल सकता है 6.57 इंच डिस्प्ले, TDRA पर हुई लिस्टिंग
  2. Wobble Phone Launch: देसी कंपनी ला रही धांसू फीचर्स वाला 'मेड इन इंडिया' फोन! 19 नवंबर को है लॉन्च
  3. Google Doodle: गूगल का डूडल बन गया क्लासरूम! आज बता रहा जिंदगी का ब्लूप्रिंट, जानें कैसे
  4. Vivo X300 सीरीज में मिल सकती है Zeiss ट्यून्ड रियर कैमरा यूनिट
  5. Samsung Galaxy Z TriFold में होगी 5437mAh बैटरी, 200MP कैमरा और Snapdragon चिपसेट, लीक में हुआ खुलासा
  6. अब 16 साल से कम उम्र के बच्चे फेसबुक इंस्टाग्राम नहीं कर पाएंगे इस्तेमाल, कंपनी खुद डिलीट करेगी अकाउंट
  7. रूस का पहला ह्यूमनॉइड स्टेज पर गिर पड़ा, लोग बोलें 'वोडका ज्यादा हो गई', सोशल मीडिया पर छाए Memes
  8. itel A90 Limited Edition में अब स्टोरेज की टेंशन खत्म! Rs 7,200 में लॉन्च हुआ 128GB वेरिएंट
  9. बड़े धोखे हैं इस 'राइड' में! 10 में से 8 यूजर्स ने कहा- टैक्सी बुकिंग ऐप करती हैं ठगी
  10. Dell Pro Plus Earbuds भारत में लॉन्च, एडेप्टिव ANC के साथ गजब फीचर्स से लैस, जानें कीमत
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.