• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • अंटार्कटिका का यह ग्‍लेशियर बढ़ा रहा वैज्ञानिकों की चिंता, 2031 में हो सकती है ‘आपदा’ की शुरुआत!

अंटार्कटिका का यह ग्‍लेशियर बढ़ा रहा वैज्ञानिकों की चिंता, 2031 में हो सकती है ‘आपदा’ की शुरुआत!

थ्‍वेट्स ग्‍लेशियर प‍िघल रहा है और हर साल करीब 50 अरब टन बर्फ को पानी में बदल रहा है।

अंटार्कटिका का यह ग्‍लेशियर बढ़ा रहा वैज्ञानिकों की चिंता, 2031 में हो सकती है ‘आपदा’ की शुरुआत!

नेचर जियोसाइंस जर्नल में सोमवार को पब्लिश हुई एक स्‍टडी के मुताबिक थ्‍वेट्स ग्‍लेशियर का बेस खत्‍म हो रहा है।

ख़ास बातें
  • इस ग्‍लेशियर पर नई जानकारी ने वैज्ञानिकों को चिंतित किया है
  • ग्लेशियर का बेस पिछली दो शताब्दियों में समुद्र तल से अलग हो गया
  • यह हर साल 2.1 किलोमीटर की दर से पीछे हट रहा है
विज्ञापन
थ्‍वेट्स ग्‍लेशियर (Thwaites glacier) जिसे डूम्ज़्डे ग्‍लेशियर के नाम से भी जाना जाता है, अंटार्कटिका (Antarctica) के प्रमुख ग्‍लेशियरों में से एक है। जब दुनियाभर में जलवायु पर‍िवर्तन का असर दिखाई दे रहा है, तो इस ग्‍लेशियर की स्थिति क्‍या है? वैज्ञानिक इस पर रिसर्च कर रहे हैं और जो जानकारी उन्‍हें मिली है, उसने चिंता बढ़ा दी है। थ्‍वेट्स ग्‍लेशियर के आकार को आप ऐसे समझ सकते हैं कि यह अमेरिका के फ्लोरिडा राज्‍य के बराबर है। अनुमान है कि इसके पिघलने से समुद्र का जलस्‍तर दो फीट तक बढ़ जाएगा जो तबाही लेकर आएगा। वैज्ञानिक यह जानते हैं कि थ्‍वेट्स ग्‍लेशियर भी प‍िघल रहा है और हर साल करीब 50 अरब टन बर्फ को पानी में बदल रहा है। 

ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वेक्षण का कहना है कि यह ग्लेशियर दुनिया के समुद्र में होने वाली बढ़ोतरी के 4 फीसदी के लिए जिम्मेदार है। कई और स्‍टडीज में भी नई जानकारियां सामने आई हैं। 

फर्स्‍टपोस्‍ट के अनुसार, CNN की रिपोर्ट में नेचर जियोसाइंस जर्नल में सोमवार को पब्लिश हुई एक स्‍टडी का हवाला दिया गया है। लिखा गया है कि थ्‍वेट्स ग्‍लेशियर का बेस खत्‍म हो रहा है। जानकारी के अनुसार, पहली बार रिसर्चर्स ने इस ग्लेशियर के नीचे समुद्र तल का नक्शा बनाने के लिए ड्रोन का इस्‍तेमाल किया। वैज्ञानिकों ने जो खोज की, उसने उन्हें स्तब्ध कर दिया। इस ग्लेशियर का बेस पिछली दो शताब्दियों में समुद्र तल से अलग हो गया और हर साल 2.1 किलोमीटर की दर से पीछे हट रहा है। 

अनुमान है कि यह ग्‍लेशियर आने वाले समय में अपनी समुद्री रिज से तेजी से पीछे हट सकता है, जो अभी तक इसे कंट्रोल कर रही है। स्‍टडीज से पता चलता है कि इसकी बर्फ की शेल्फ साल 2031 की शुरुआत में समुद्र में गिर सकती है। 

वैज्ञानिक लंबे वक्‍त से थ्‍वेट्स ग्‍लेशियर पर नजर रख रहे हैं। साल 1973 में पहली बार इसके टूटने के बारे में सोचा गया था। 
साल 2020 में इसकी इमेजेस की स्‍टडी में पाया गया कि थ्‍वेट्स और उसके पड़ोसी पाइन आइलैंड ग्लेशियर पहले की तुलना में अधिक तेजी से टूट रहे थे। 

वैज्ञानिक इसके पिघलने को अच्‍छा नहीं मानते। ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वेक्षण की स्‍टडी के सह-लेखकों में से एक रॉबर्ट लार्टर कहते हैं कि थ्‍वेट्स ग्‍लेशियर वास्‍तव में कमजोर हो रहा है। इसकी वजह से भविष्य में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। वैज्ञानिक कहते हैं कि इस ग्‍लेशियर के साथ होने वाली घटना बड़े रिएक्‍शन की वजह बन सकती है। 
 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ The resident bot. If you email me, a human will respond. और भी
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Sony ने की 20 अरब इमेज सेंसर्स की बिक्री, स्मार्टफोन कैमरा ने बढ़ाई डिमांड
  2. रोबोट समझेंगे आपके जज्बात! इस नई तकनीक से वैज्ञानिक कर रहे दावा
  3. 64MP कैमरा, 6050mAh बैटरी जैसे तगड़े फीचर्स वाला रग्ड फोन Ulefone Armor X31 Pro लॉन्च, जानें कीमत
  4. 16GB रैम, 6400mAh बैटरी वाले OnePlus Ace 5, Ace 5 Pro फोन के फुल स्पेसिफिकेशन लॉन्च से पहले लीक!
  5. BSNL लॉन्च करेगी eSIM, अगले वर्ष जून तक पूरे देश में होगा 4G नेटवर्क
  6. 'HR करेंगे बात ...' Ola सीईओ भाविश अग्रवाल का यह ईमेल सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल, जानें वजह
  7. Realme 14x 5G vs Poco M7 Pro 5G: Rs 15 हजार में कौन सा है दमदार स्मार्टफोन? जानें
  8. WhatsApp New Year Stickers: नए साल 2025 के लिए Whatsapp में आए खास फीचर्स, ऐसे करें इस्तेमाल
  9. Maruti Suzuki की 500 Km रेंज वाली e Vitara इलेक्ट्रिक SUV का भारत में लॉन्च कंफर्म! जानें क्या होगा खास?
  10. गलती से iPhone मंदिर की दानपेटी में गिरा, वापस मांगा तो प्रशासन बोला- 'नहीं मिलेगा, अब यह भगवान का ...'
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »