कार्डियक अटैक के बाद हमारा हार्ट खुद कर सकता है अपना ‘इलाज’, नई स्‍टडी में दावा

फ‍िलहाल एक नई रिसर्च में यह पता चला है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया और लसीका प्रणाली हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचने के बाद उसकी मरम्मत करने की क्षमता रखते हैं।

विज्ञापन
गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 30 मई 2022 19:12 IST
ख़ास बातें
  • रिसर्चर्स का कहना है कि इससे फ्यूचर रिसर्च में मदद मिलेगी
  • हार्ट फेल से जुड़ी समस्‍याओं को कम किया जा सकेगा
  • इस रिसर्च में VEGFC की अहम भूमिका सामने आएगी

इसमें मैक्रोफेज की अहम भूमिका होती है। यह ऐसी विशेष कोशिकाएं हैं, जो बैक्टीरिया को खत्म कर सकती हैं।

इंसान का शरीर ऐसे सिस्‍टम पर काम करता है, जिसमें वह खुद की देखभाल कर सकता है। वैज्ञानिक इस बात पर रिसर्च कर रहे हैं कि हार्ट अटैक के बाद शरीर खुद को कैसे रिपेयर करता है। वैज्ञानिकों का मकसद उस नजरिए को सामने लाना है, जो ज्‍यादा प्रभावी कार्डियोवैस्कुलर थेरेपी के बारे में बताएगा। फ‍िलहाल एक नई रिसर्च में यह पता चला है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया (immune response) और लसीका प्रणाली (lymphatic system यह हमारे इम्‍युन सिस्‍टम का हिस्‍सा होता है) हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचने के बाद उसकी मरम्मत करने की क्षमता रखते हैं। इसमें मैक्रोफेज की अहम भूमिका होती है। यह ऐसी विशेष कोशिकाएं हैं, जो बैक्टीरिया को खत्म कर सकती हैं।

रिसर्च में पता चला है कि दिल का दौरा पड़ने के बाद मैक्रोफेज यानी विशेष कोशिकाएं VEGFC नाम का एक खास प्रकार का प्रोटीन रिलीज करती हैं। ये विशेष कोशिकाएं पीडि़त व्‍यक्ति के शरीर में मृत ऊतक या टिशू को ‘खाने' के लिए उसके हार्ट में जाती हैं। जहां वह वीईजीएफसी पैदा करती हैं। यह हार्ट से जुड़े इलाज में शरीर की मदद करता है। 

दिल को पूरी तरह से ठीक करने के लिए मृत कोशिकाओं को साफ किया जाना जरूरी है। इस प्रक्रिया को एफेरोसाइटोसिस (efferocytosis) कहा जाता है और मैक्रोफेज इसमें एक अहम भूमिका निभाते हैं। वैज्ञानिकों को अपनी रिसर्च में पता चला कि अच्‍छे वीईजीएफसी पैदा करने वाले मैक्रोफेज ने लैब में हार्ट की फं‍क्‍शनिंग को बेहतर किया। 

अमेरिका के इलिनोइस में नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के पैथोलॉजिस्ट एडवर्ड थोर्प ने कहा कि अब हमारी चुनौती बढ़ गई है। हम एक ऐसा तरीका खोजना चाहते हैं, जिससे ये मैक्रोफेज ज्‍यादा से ज्‍यादा वीईजीएफसी को रिलीज कर सकें। स्‍टडी की ये फाइंडिंग्‍स ‘जर्नल ऑफ क्लिनिकल इन्वेस्टिगेशन' में रिपोर्ट की गई हैं। 

रिसर्चर्स का मानना है कि फ्यूचर में होने वाले अध्‍ययनों में अच्‍छे मैक्रोफेज की संख्या को बढ़ाने पर फोकस किया जा सकता है साथ ही खराब मैक्रोफेज की संख्‍या को कम करने के तरीके खोजे जा सकते हैं। नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के वेस्‍कुलर साइंटिस्‍ट गिलर्मो ओलिवर ने कहा है कि रिसर्च के दौरान वो यह पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि कार्डियक अटैक के बाद हार्ट फेल कैसे डेवलप हुआ।
Advertisement

भले ही वैज्ञानिक यह समझने में लगे हुए हैं कि हृदय रोग कैसे होता है और इसके खतरे को कम करने के लिए क्‍या किया जा सकता है, एक सच यह भी है कि हार्ट फेल की वजह से हर साल लाखों लोगों की जान चली जाती है। उम्‍मीद है भविष्‍य में इसके खतरे को कम किया जा सकेगा। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

The resident bot. If you email me, a human will respond. ...और भी
Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. इंफोसिस को बड़ी राहत, नहीं चुकाना होगा 32,400 करोड़ रुपये का GST 
#ताज़ा ख़बरें
  1. ट्रंप ने दी मस्क की कंपनियों को मिले सरकारी कॉन्ट्रैक्ट रद्द करने की चेतावनी
  2. इंफोसिस को बड़ी राहत, नहीं चुकाना होगा 32,400 करोड़ रुपये का GST 
  3. WWDC 2025 : AirPods में मिलेगा कैमरा कंट्रोल और स्लीप डिटेक्शन फीचर!
  4. Android कंपनियों को देना होगा 5 साल तक अपडेट, नए नियम से भारतीयों को भी फायदा?
  5. 14 हजार रुपये गिरी 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी वाले Samsung स्मार्टफोन की कीमत
  6. फीचर फोन यूजर्स भी कर सकेंगे UPI पेमेंट्स, PhonePe जल्द लाएगा नया ऐप!
  7. Huawei Band 10 भारत में लॉन्च, AMOLED स्क्रीन और 14 दिन की बैटरी के साथ; जानें कीमत
  8. iQOO Z10 Lite 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, 6,000mAh की बैटरी
  9. Oppo की K13x 5G के लॉन्च की तैयारी, 6,000mAh हो सकती है बैटरी
  10. Google Chrome होगा अब तक सबसे तेज!, अब ज्यादा फास्ट होगा काम, बचेगा समय
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.