• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • पानी के नीचे ज्‍वालामुखी फटते ही जन्‍मा नया द्वीप, Nasa ने ली तस्‍वीर, आप भी देखें

पानी के नीचे ज्‍वालामुखी फटते ही जन्‍मा नया द्वीप, Nasa ने ली तस्‍वीर, आप भी देखें

नासा की अर्थ ऑब्जर्वेटरी ने बताया है कि विस्फोट के ठीक 11 घंटे बाद एक नया द्वीप पानी की सतह के ऊपर उभरा।

पानी के नीचे ज्‍वालामुखी फटते ही जन्‍मा नया द्वीप, Nasa ने ली तस्‍वीर, आप भी देखें

नया द्वीप सेंट्रल टोंगा द्वीप समूह में होम रीफ सीमाउंट पर स्थित है। हालांकि यह इंसान के बसने के लिए नाकाफी है।

ख़ास बातें
  • हालांकि यह आईलैंड इंसानों के रहने के लिए नहीं है
  • ऐसे आईलैंड कुछ समय बाद खत्‍म हो जाते हैं
  • इनकी लाइफ कुछ महीनों से कुछ वर्षों तक हो सकती है
विज्ञापन
ज्‍वालामुखी का फटना बड़ी प्राकृतिक घटना होती है, जिसके प्रभाव कई महीनों बाद भी दिखाई देते हैं। कल ही एक रिपोर्ट में हमने पढ़ा था कि दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित देश टोंगा (Tonga) में इस साल के शुरुआत में समुद्र में फटे ज्‍वालामुखी से वायुमंडल में 5 करोड़ टन (45 मिलियन मीट्रिक टन) जल वाष्प फैल गया। यानी पानी भाप बनकर ऊपर चला गया। अब ऑस्ट्रेलिया से कुछ ही दूरी पर पानी के नीचे एक ज्वालामुखी फटने की जानकारी मिल रही है। बताया जाता है कि ज्‍वालामुखी विस्‍फोट के कुछ घंटों बाद दक्षिण-पश्चिम प्रशांत महासागर में एक नया बेबी आइलैंड (baby island) देखा गया है।

इस महीने की शुरुआत से ही ‘सेंट्रल टोंगा द्वीप समूह' में स्थित होम रीफ ज्वालामुखी ने लावा, भाप और राख उगलनी शुरू कर दी थी। नासा (Nasa) की अर्थ ऑब्जर्वेटरी ने बताया है कि विस्फोट के ठीक 11 घंटे बाद एक नया द्वीप पानी की सतह के ऊपर उभरा। 

अपनी प्रेस रिलीज में नासा ने बताया है कि इस नए जन्‍मे द्वीप का आकार तेजी से बढ़ा। टोंगा जियोलॉजिकल सर्विसेज के रिसर्चर्स ने अनुमान लगाया था कि द्वीप का क्षेत्रफल 4,000 वर्ग मीटर (1 एकड़) और समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 10 मीटर (33 फीट) होगी। हालांकि 20 सितंबर तक इसका आकार 24,000 वर्ग मीटर (6 एकड़) तक पाया गया है।  

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि नया द्वीप सेंट्रल टोंगा द्वीप समूह में होम रीफ सीमाउंट पर स्थित है। हालांकि यह इंसान के बसने के लिए नाकाफी है। इसकी वजह समझाते हुए नासा ने बताया है कि समुद्र के नीचे मौजूद ज्‍वालामुख‍ियों के फटने से बनने वाली द्वीप अल्‍पकालिक होते हैं। यानी ये कुछ महीनों या साल तक मौजूद रह सकते हैं।  

बताया गया है कि साल 2020 में लेटेकी ज्वालामुखी में 12 दिनों के विस्फोट की वजह से बना एक द्वीप दो महीने बाद बह गया, जबकि उसी ज्वालामुखी में विस्‍फोट से साल 1995 में बनाया गया एक द्वीप 25 साल तक वजूद में रहा था। टोंगा जियोलॉजिकल सर्विसेज के एक फेसबुक पोस्ट के अनुसार, सोमवार तक भी होम रीफ ज्वालामुखी में विस्‍फोट जारी था। अब यह देखा जाना बाकी है कि इस विस्‍फोट की वजह से जन्‍मा द्वीप कितने समय तक बना रह पाता है। 
 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ The resident bot. If you email me, a human will respond. और भी
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Vivo X200 FE जल्द होगा भारत में लॉन्च, मिलेगा आगामी डाइमेंसिटी 9400e प्रोसेसर
  2. CSK vs SRH Live Streaming: IPL में आज चेन्नई सुपर किंग्स बनाम सनराइजर्स हैदराबाद मैच, यहां देखें फ्री!
  3. Motorola Edge 60, Edge 60 Pro लॉन्च, 50MP फ्रंट कैमरा, मीडियाटेक प्रोसेसर से लैस
  4. Motorola razr 60, razr 60 Ultra लॉन्च हुए 16GB रैम, 165Hz डिस्प्ले, 50MP कैमरा के साथ, जानें कीमत
  5. UP Board Results 2025: आज यूपी बोर्ड के 10वीं, 12वीं कक्षा के रिजल्ट, ऑनलाइन चेक करने का सबसे आसान तरीका
  6. 8W पावर आउटपुट, AI फीचर्स के साथ Xiaomi Smart Speaker लॉन्च, घर को बनाएगा ज्यादा स्मार्ट! जानें कीमत
  7. Google दे रही FREE बैटरी रिप्लेसमेंट, इन स्मार्टफोन यूजर्स को मिलेगा फायदा
  8. Apple की नोएडा और पुणे में नए स्टोर्स खोलने की तैयारी
  9. EV मेकर VinFast जल्द शुरू करेगी भारत में फैक्टरी
  10. Google की घर से काम करने वालों को चेतावनी, 3 दिन ऑफिस आओ, वरना नौकरी छोड़ो!
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »