अब घर बैठे Nasa की ‘नजर’ से देखिए अंतरिक्ष को, अमेरिकी स्‍पेस एजेंसी ने उठाया यह बड़ा कदम

वेबसाइट पर आने वाले विजिटर्स साल 1950 से 2050 तक ग्रहों, उनके चंद्रमाओं, एस्‍टरॉयड्स, धूमकेतुओं और अंतरिक्ष यान का पता लगा सकते हैं।

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Edited by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 14 सितंबर 2022 20:31 IST
ख़ास बातें
  • नासा ने आईज ऑन द सोलर सिस्टम वेबसाइट अपडेट की
  • इससे सौर मंडल की खोज से जुड़े पलों को जिया जा सकता है
  • साल 1950 से 2050 तक की जरूरी जानकारी मिल सकती है

‘आईज ऑन द सोलर सिस्टम’ वेबसाइट के लॉन्च होने के बाद ‘आर्टेमिस I’ (Artemis I) मिशन पर नजर रखने में भी मदद मिलेगी।

अमेरिकी स्‍पेस एजेंसी नासा (Nasa) ने उसकी ‘आईज ऑन द सोलर सिस्टम' (Eyes on the Solar System) वेबसाइट को अपडेट किया है। यह वेबसाइट अंतरिक्ष में दिलचस्‍पी रखने वाले लोगों को ‘ब्रह्मांड और उसकी खोज करने वाले अंतरिक्ष यान' को एक्‍सप्‍लोर करने की इजाजत देती है। वेबसाइट पर आने वाले विजिटर्स साल 1950 से 2050 तक ग्रहों, उनके चंद्रमाओं, एस्‍टरॉयड्स, धूमकेतुओं और अंतरिक्ष यान का पता लगा सकते हैं। वेबसाइट अपने विजिटर्स को नासा के स्‍पेसक्राफ्ट की लैंडिंग को‍ सिम्‍युलेट करने की भी इजाजत देती है, जिसमें नासा द्वारा मंगल पर भेजा गया पर्सवेरेंस रोवर भी शामिल है। 

‘आईज ऑन द सोलर सिस्टम' वेबसाइट के लॉन्च होने के बाद ‘आर्टेमिस I' (Artemis I) मिशन पर नजर रखने में भी मदद मिलेगी। मिशन को इस महीने के आखिर में लॉन्‍च करने की कोशिश की जाएगी। वेबसाइट में हुआ अपडेट उसी से जुड़ा हुआ लगता है। 

नासा ने आईज ऑन द सोलर सिस्टम वेबसाइट के बारे में कहा है कि रियल ट्रैजेक्‍टरी डेटा का इस्‍तेमाल करके लोग सौर मंडल की खोज से जुड़े मशहूर क्षणों को फिर से जी सकते हैं या आने वाले रोमांचक पलों का पूर्वावलोकन कर सकते हैं। इस अपडेट को सबसे पहले HotHardware द्वारा स्पॉट किया गया था।

आर्टेमिस I मिशन को 23 सितंबर से 27 सितंबर के बीच लॉन्च किए जाने की उम्‍मीद है। इस बीच, 26 सितंबर को भी नासा एक बड़े मिशन को अंजाम देगा, जिसके तहत वह डार्ट (DART) (डबल एस्‍टरॉयड रीडायरेक्‍शन टेस्‍ट) स्‍पेसक्राफ्ट को एक एस्‍टरॉयड से टकराएगा। DART स्‍पेसक्राफ्ट जानबूझकर डिमोर्फोस में दुर्घटनाग्रस्त हो जाएगा। डिमोर्फोस एक छोटा एस्‍टरॉयड उपग्रह है जिसे साल 2003 में खोजा गया था। यह एस्‍टरॉयड डिडिमोस का एक चंद्रमा है। 

डिमोर्फोस से पृथ्‍वी को कोई खतरा नहीं है, लेकिन इस पर गतिज प्रभाव तकनीक (kinetic impact technique) का परीक्षण दुनिया में पहली बार किया जा रहा है। इसके तहत स्‍पेसक्राफ्ट को एस्‍टरॉयड से टकराकर एस्‍टरॉयड को विक्षेपित किया जाएगा, ताकि पृथ्‍वी को सुरक्षित किया जा सके। 
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जहां तक बात आर्टिमिस 1 मिशन की है, तो अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी अबतक दो नाकाम कोशिशें कर चुकी है। नासा के SLS रॉकेट में आई तकनीकी दिक्‍कतों की वजह से आर्टिमिस 1 मिशन काफी लेट हो गया है। इस मिशन के तहत नासा एक बार फ‍िर से चंद्रमा पर मिशन लॉन्‍च करने की शुरुआत करने जा रही है। उसका मकसद भविष्‍य में इंसान को लंबे वक्‍त के लिए चंद्रमा पर पहुंचाना है। 
 

 

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