13 अरब डॉलर पर पहुंचकर ‘उड़ान’ भरेगी भारत की स्‍पेस इकॉनमी, जानें क्‍या कहती है नई रिपोर्ट

Space Economy : रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के स्‍पेस इकोसिस्‍टम में प्राइवेट प्‍लेयर्स को शामिल करने की दिशा में सरकार के सकारात्मक कदम से इंडियन स्‍पेस लॉन्‍च को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 10 अक्टूबर 2022 19:24 IST
ख़ास बातें
  • इंडियन स्पेस एसोसिएशन ने जारी की रिपोर्ट
  • देश में सैटेलाइट मैन्‍युफैक्‍चरिंग को बढ़ावा मिलेगा
  • तमाम फैक्‍टर्स लुभाएंगे ग्‍लोबल टेक कंपनियों को

Space Economy : रिपोर्ट कहती है कि बड़े पैमाने पर प्रोडक्‍शन और लो-कॉस्‍ट सैटेलाइट लॉन्‍च वीकल्‍स की उपलब्‍धता से दुनियाभर के ग्राहकों की मांग बढ़ेगी।

सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत की स्‍पेस इकॉनमी साल 2025 तक बढ़कर लगभग 13 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सैटेलाइट लॉन्‍च सर्विस सेगमेंट में सबसे तेज वृद्धि होगी। इसमें निजी भागीदारी से बढ़ने से अंतरिक्ष अर्थव्‍यवस्‍था में उछाल आएगा। इंडियन स्पेस एसोसिएशन (आईएसपीए) और अर्न्स्ट एंड यंग द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि छोटे सैटेलाइट्स की बढ़ती डिमांड के कारण देश में सैटेलाइट मैन्‍युफैक्‍चरिंग को बढ़ावा मिलेगा। इस सेक्‍टर में स्‍पेस टेक कंपनीज को शामिल करने से ग्‍लोबल स्टार्टअप को भी लुभाने में मदद मिलेगी। 

एक न्‍यूज एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2020 में  भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था 9.6 अरब डॉलर थी। 2025 तक इसके 12.8 अरब डॉलर पर पहुंचने की उम्‍मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के स्‍पेस इकोसिस्‍टम में प्राइवेट प्‍लेयर्स को शामिल करने की दिशा में सरकार के सकारात्मक कदम से इंडियन स्‍पेस लॉन्‍च को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। लॉन्‍च सर्विस सेगमेंट जो साल 2020 में 60 करोड़ डॉलर आंका गया था, 2025 तक 1 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। 

‘डेवलपिंग द स्‍पेस इकोसिस्‍टम इन इंडिया : फोकस‍िंग ऑन इन्‍क्‍लूसिव ग्रोथ' टाइटल वाली यह रिपोर्ट कहती है कि सैटेलाइट सर्विसेज एंड ऐप्लिकेशंस सेगमेंट सबसे ज्‍यादा टर्नओवर लाएगा। यह 4.6 अरब डॉलर का हो जाएगा। सैटेलाइट मैन्‍युफैक्‍चरिंग दूसरा सबसे बड़ा सेगमेंट होगा, जो 3.2 अरब डॉलर का हो जाएगा। 

रिपोर्ट कहती है कि बड़े पैमाने पर प्रोडक्‍शन और लो-कॉस्‍ट सैटेलाइट लॉन्‍च वीकल्‍स की उपलब्‍धता से दुनियाभर के ग्राहकों की मांग बढ़ेगी। जाहिर है यह भारत की अंतरिक्ष अर्थव्‍यवस्‍था को गति देंगी। रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में 100 से ज्‍यादा स्पेस टेक स्टार्ट-अप हैं, जिनका निवेश साल 2021 में 68 मिलियन डॉलर को छूने वाला है। इस बीच, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा कि भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप जल्द ही सैटेलाइट लॉन्च करेंगे और नए रॉकेटों को आजमाएंगे।
 

 

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