7kg की छोटी सी डिवाइस लगाएगी एलियंस का पता! जानें वैज्ञानिकों ने क्‍या बना डाला

यह एक छोटी लेजर डिवाइस है और पुरानी डिवाइस के मुकाबले ज्‍यादा संसाधन कुशल (resource efficient) है।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, Edited by आकाश आनंद, अपडेटेड: 17 जनवरी 2023 14:37 IST
ख़ास बातें
  • रिसर्चर्स ने बनाई छोटी लेजर डिवाइस
  • स्‍पेस मिशनों में करेगी मदद
  • जीवन के संकेतों का पता लगाने में होगी मददगार

डिवाइस का वजन सिर्फ 17 पाउंड यानी करीब 7.7 किलो है। जीवन के संकतों का पता लगाने के लिए बनाई गई यह डिवाइस असल में दो जरूरी डिवाइसेज का एक छोटा वर्जन है।

दुनियाभर के वैज्ञानिक और स्‍पेस एजेंसियां पृथ्‍वी से बाहर अपने मिशन भेज रही हैं। वह जानना चाहती हैं कि क्‍या पृथ्‍वी के बाहर जीवन मुमकिन है। अगर है, तो कहां? वैज्ञानिकों ने कई वर्षों से ब्रह्मांड को टटोला है। वह तलाश रहे हैं कि धरती के अलावा और किस ग्रह पर जीवन पनप सकता है। एक्‍सोप्‍लैनेट पर वैज्ञानिकों की खास नजर है। एक्‍सोप्‍लैनेट उन ग्रहों को कहा जाता है जो हमारे सूर्य के अलावा किसी अन्‍य तारे की परिक्रमा करते हैं। वैज्ञानिक जैसे-जैसे सुदूर ब्रह्मांड में अपने मिशन भेजते हैं, उन्‍हें ऐसे उपकरणों की जरूरत होती है, जो कॉम्‍पैक्‍ट हो, सटीक काम करे और विश्‍लेषण हासिल करने में मददगार हो। मैरीलैंड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स की एक टीम ने ऐसा ही एक उपकरण तैयार किया है।   

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, टीम ने नासा की जरूरतों के हिसाब से एक डिवाइस बनाई है। यह एक छोटी लेजर डिवाइस है और पुरानी डिवाइस के मुकाबले ज्‍यादा संसाधन कुशल (resource efficient) है। नई डिवाइस से जुड़ा रिसर्च पेपर सोमवार को जरनल नेचर एस्‍ट्रोनॉमी में पब्लिश हुआ है। 

बताया जाता है कि डिवाइस का वजन सिर्फ 17 पाउंड यानी करीब 7.7 किलो है। जीवन के संकतों का पता लगाने के लिए बनाई गई यह डिवाइस असल में दो जरूरी डिवाइसेज का एक छोटा वर्जन है। यह एक अल्‍ट्रावॉयलेट लेजर है, जो दूसरे ग्रहों से जुटाए जाने वाले सैंपलों से छोटी मात्रा में सैंपल निकालता है। इसमें एक ऑर्बिट्रैप एनालाइजर भी लगा है, जो मटीरियल के केमिस्‍ट्री से जुड़ा हाई-रेजॉलूशन डेटा उपलब्‍ध कराता है।  

स्‍टडी के प्रमुख लेखक प्रोफेसर रिकार्डो अरेवालो के हवाले से रिपोर्ट में लिखा गया है कि ऑर्बिट्रैप को मूल रूप से 
कमर्शल इस्‍तेमाल के लिए बनाया गया था। ये एनालाइजर लैब में काफी यूज होते हैं। इसका प्रोटोटाइप तैयार करने में रिसर्चर्स को 8 साल लग गए। वैज्ञानिकों ने ऑर्बिट्रैप को छोटा किया। इसे पृथ्‍वी से बाहर भेजे जाने के अनुकूल बनाया। यह कम बिजली खपत करता है, जो पृथ्‍वी से बाहर भेजी जाने वाले डिवाइसेज के लिए अहम है। 
Advertisement

यह डिवाइस भविष्‍य के मिशनों के लिए मददगार हो सकती है। खासतौर पर जीवन के संकेतों का पता लगाने वाले मिशन, चंद्रमा की सतह की खोज से जुड़े मिशन आदि। हो सकता है नासा के आर्टिमिस मिशन (Artemis Mission) में इस डिवाइस का इस्‍तेमाल किया जाए। 
 

 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
संबंधित ख़बरें
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Redmi 15C में मिल सकती है 6,000mAh बैटरी, जल्द लॉन्च की तैयारी
#ताज़ा ख़बरें
  1. सैमसंग की नई फोल्डेबल स्मार्टफोन सीरीज ने भारत में बनाया बुकिंग का रिकॉर्ड
  2. Redmi 15C में मिल सकती है 6,000mAh बैटरी, जल्द लॉन्च की तैयारी
  3. Samsung Galaxy F36 5G Launched in India: 5000mAh बैटरी और AI फीचर्स वाला सैमसंग फोन भारत में लॉन्च, जानें कीमत
  4. AI से नेताओं की नौकरी तो सुरक्षित है, लेकिन क्या आप सेफ हैं?
  5. OnePlus 13, 13R और 13s की गिरी कीमत, बंपर डिस्काउंट के साथ खरीदें
  6. Jio का यह Recharge किया तो Netflix फ्री
  7. Samsung Galaxy F36 5G आज भारत में होगा 12 बजे लॉन्च, जानें अनुमानित कीमत, फीचर्स और स्पेसिफिकेशंस
  8. OnePlus Pad 3 की जल्द शुरू होगी भारत में सेल, 12,140mAh की पावरफुल बैटरी
  9. AI से कहीं रोजगार का खतरा तो कुछ सेक्टर में जॉब्स की बहार
  10. Amazon से बाहर हुए सैंकड़ों वर्कर्स, क्लाउड डिविजन पर बड़ा असर
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.