भारत में केंद्र सरकार ने ड्रोन और उनके उपयोग से संबंधित नए नियम जारी कर दिए हैं। इससे भारत में ड्रोन के उपयोग को लेकर बड़ा बदलाव आएगा। केंद्र ने गुरूवार को यह मानदंड जारी किए हैं।
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ए नियमों के अनुसार ड्रोन के संचालन के लिए किसी भी रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस जारी करने से पहले अब किसी सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता नहीं है। जबकि ड्रोन ऑपरेट करने की अनुमति के लिए शुल्क नाममात्र कर दिया गया है।
कार्गो डिलीवरी के लिए ड्रोन कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे। यह निर्दिष्ट किया गया है कि भारी पेलोड ले जाने वाले ड्रोन और ड्रोन टैक्सियों को शामिल करने के लिए ड्रोन नियम 2021 के तहत ड्रोन का कवरेज 300 किलोग्राम से बढ़ाकर 500 किलोग्राम कर दिया गया है।
नए नियमों के तहत समाप्त की गई कुछ स्वीकृतियों में एक यूनीक अथॉराइजेशन नम्बर, यूनीक प्रोटोटाइप आइडेंटिफिकेशन नम्बर, अनुरूपता का प्रमाण पत्र, रखरखाव का प्रमाण पत्र, ऑपरेटर परमिट, रिसर्च और डेवलेपमेंट ऑर्गेनाइजेशन का अथॉराइजेशन, और रिमोट पायलट इन्सट्रक्टर अथॉराइजेशन शामिल हैं।
ड्रोन नियम 2021 के तहत अधिकतम जुर्माना घटाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है। हालांकि यह अन्य कानूनों के उल्लंघन के संबंध में दंड पर लागू नहीं होगा।
डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर हरे, पीले और लाल क्षेत्रों के साथ इंटरेक्टिव एयरस्पेस मैप प्रदर्शित किया जाएगा। हवाई अड्डे की परिधि से पीले क्षेत्र को 45 किमी से घटाकर 12 किमी कर दिया गया है।
हवाईअड्डे की परिधि से 8 किमी से 12 किमी के बीच के क्षेत्र में ग्रीन जोन और 200 फीट तक के क्षेत्र में ड्रोन के संचालन के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है।
सभी ड्रोन का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के माध्यम से होगा। इसमें कहा गया है कि ड्रोन के ट्रांसफर और डी-रजिस्ट्रेशन के लिए निर्धारित प्रकिया आसान बताई गई है।
देश में मौजूदा ड्रोनों के रेगुलेशन के लिए एक आसान अवसर प्रदान किया गया है। नियमों में कहा गया है कि गैर-व्यावसायिक उपयोग के लिए नैनो ड्रोन और माइक्रो ड्रोन के संचालन के लिए अब किसी पायलट लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है।
भविष्य में 'नो परमिशन - नो टेक-ऑफ' (NPNT), रीयल-टाइम ट्रैकिंग बीकन, जियो-फेंसिंग आदि जैसी सुरक्षा सुविधाओं को अधिसूचित किया जाएगा। अनुपालन के लिए कम से कम छह महीने का समय दिया जाएगा।