मोटोरोला ने पिछले साल भारत में मोटो जी के फर्स्ट जेनरेशन हैंडसेट से शानदार वापसी की। यह स्मार्टफोन जल्द ही 'वैल्यू फॉर मनी' के हिसाब से पहला विकल्प बन गया। इस हैंडसेट के तीन जेनरेशन डिवाइस लॉन्च किए जाने के बाद मार्केट में असमंजस की स्थिति है। यूज़र के लिए कई विकल्प मौजूद हैं। इसका श्रेय चीन की कंपनियों को जाता है। मोटो जी हैंडसेट 15,000 रुपये से कम के रेंज में स्पेसिफिकेशन के हिसाब से ज़रूर पिछड़ते जाते हैं, लेकिन इसकी ब्रांड वेल्यू बार-बार कंज्यूमर को अपनी ओर खींचते हैं।
प्रतिस्पर्धा में बरकरार रहने के लिए मोटोरोला ने मोटो जी टर्बो एडिशन पेश किया है। इसे मोटो जी (जेन 3) का अपग्रेड ही माना जाएगा। बदलाव क्रांतिकारी नहीं हैं। प्रोसेसर, रैम और स्टोरेज में अपग्रेड के साथ मोटोरोला टर्बोपावर फ़ीचर को भी शामिल किया गया है।
मोटो जी टर्बो एडिशन की तुलना हर मायने में मोटो जी (जेन 3) से होगी, सिर्फ कीमत को छोड़कर। हम यह जानने के लिए बेहद ही उत्सुक हैं कि कंपनी की यह रणनीति कितनी कारगर साबित होगी।
लुक और डिजाइनडिजाइन प्रोफाइल के लिहाज से मोटो जी टर्बो एडिशन में कुछ नया नज़र नहीं आता। पिछले जेनरेशन के डिवाइस और लेटेस्ट हैंडसेट का वज़न व डाइमेंशन एक ही है। हमें रिव्यू के लिए जो हैंडसेट मिला उसका फ्रंट पैनल काले रंग का था और रियर पैनल ग्रे-ब्लू वाला। रियर हिस्से में रबर फिनिश दी गई है जो हाथों को मजबूत ग्रिप देता है। इतना तो साफ है कि यह इस प्राइस रेंज में मिलने वाला सबसे आकर्षक और मजबूत बिल्ड वाला हैंडसेट है।
पैनल यह सुनिश्चित करता है कि मोटो जी का आईपी67 सर्टिफिकेशन तमगा बरकरार रहे। अंदर की तरफ भी रबर का इस्तेमाल किया गया है जो माइक्रो-सिम और माइक्रोएसडी स्लॉट को सील करने का काम करता है। जब भी आप पैनल को हटाएंगे, स्क्रीन पर अलर्ट आता है कि पैनल को सही तरीके से वापस लगाया जाए।
मोटो जी (जेन 3) सिर्फ वाटरप्रूफ हैंडसेट है, जबकि टर्बो एडिशन में डस्ट प्रोटेक्शन भी मौजूद है। दोनों ही स्मार्टफोन के बारे में दावा किया गया है कि इन्हें ताजा पानी में तीन फीट की गहराई में 30 मिनट तक रखने पर कुछ नहीं होगा। इसका मतलब यह नहीं है कि आप ऐसा ही करें।
कर्व्ड बैक इन दिनों मोटोरोला के स्टाइल की पहचान बन गया है। इस कारण से फोन को एक हाथ रखकर इस्तेमाल करना आसान हो जाता है। यह थोड़ा वज़नदार है, 155 ग्राम। रियर पैनल पर कैमरे के नीचे खूबसूरती के लिए एक प्लेट दिया गया है। यह जाने-अनजाने में आपका ध्यान अपनी ओर खींचेगा।
फ्रंट पैनल पर मौजूद ईयर पीस और माइक ग्रिल उभार के साथ मौजूद हैं। दोनों स्टीरियो लाउडस्पीकर होने का एहसास देते हैं, जबकि नीचे मौजूद ग्रिल ही यह भूमिका निभाता है। पावर बटन दायीं तरफ है। इसके नीचे मौजूद हैं वॉल्यूम रॉकर। टॉप पर ऑडियो सॉकेट के बगल में दूसरा माइक मौजूद है। टॉप पर ही माइक्रो-यूएसबी पोर्ट भी हैं।
मोटो जी टर्बो एडिशन क्विक चार्ज़िंग को सपोर्ट करता है। इसे टर्बोपावर का नाम दिया गया है। मोटोरोला का कहना है कि मात्र 15 मिनट के चार्ज के बाद यह हैंडसेट 6 घंटे तक चल जाएगा। हैंडसेट के साथ दिया गया चार्ज़र उम्मीद से ज्यादा बड़ा है। यह 12 वोल्ट का आउटपुट देता है। हमें सिर्फ एक ही शिकायत है, यह फिक्स्ड यूएसबी केबल के साथ आता है, यानी डेटा ट्रांसफर के लिए आपको एक अलग केबल का इंतज़ाम करना पड़ेगा। मज़ेदार बात यह है कि मोटोरोला की वेबसाइट और प्रोमो मेटेरियल में डिटेचेबल यूएसबी केबल दिखाया गया था।
स्पेसिफिकेशन और सॉफ्टवेयरमोटो जी (जेन 3) के दो वेरिएंट हैं। आप 1 जीबी रैम-8 जीबी स्टोरेज और 2 जीबी रैम-16 जीबी की स्टोरेज के बीच चुन सकते हैं। वहीं, मोटो टर्बो एक ही वेरिएंट (2 जीबी रैम और 16 जीबी स्टोरेज) में उपलब्ध है। यह क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 615 चिपसेट से लैस है। ग्राफिक्स के लिए एड्रेनो 405 जीपीयू इंटिग्रेटेड है। 32 जीबी तक के माइक्रोएसडी कार्ड से स्टोरेज को भी बढ़ाया जा सकता है।
स्क्रीन 5 इंच का है जिसका रिज़ॉल्यूशन 720x1280 पिक्सल है। आज की तारीख में इस प्राइस रेंज में इससे ज्यादा रिज़ॉल्यूशन वाले हैंडसेट उपलब्ध हैं। इसके ऊपर कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास 3 का प्रोटेक्शन मौजूद है। इसमें 2470 एमएएच की बैटरी भी है। रियर कैमरे में 13 मेगापिक्सल का सेंसर है और साथ में डुअल-एलईडी फ्लैश भी। रियर कैमरे से आप 1080 पिक्सल के वीडियो रिकॉर्ड कर पाएंगे। सेल्फी के लिए 5 मेगापिक्सल का कैमरा दिया गया है। दोनों ही सिम स्लॉट एलटीई सपोर्ट करते हैं।
मोटोरोला के हर हैंडसेट की सबसे बड़ी खासियत इसका स्टॉक एंड्रॉयड अनुभव है। मोटो जी टर्बो एडिशन की यूआई को भी ज्यादा कस्टमाइज नहीं किया गया है। आपको एंड्रॉयड 5.1.1 लॉलीपॉप मिलेगा और भविष्य में एंड्रॉयड 6.0 मार्शमैलो का अपडेट मिलने की भी जानकारी है। कुछ बदलाव भी किए गए हैं। इनमें से सबसे अहम है मोटो डिस्प्ले फ़ीचर। जब भी हैंडसेट मोशन डिटेक्ट करेगा, स्क्रीन अपने आप नोटिफिकेशन दिखाने लगेगा।
कुछ शॉर्टकर्ट भी दिए गए हैं, जैसे कि आप अपने हाथों में हैंडसेट को रखकर कलाई को दो बार घुमाएं तो अपने आप कैमरा ऐप लॉन्च हो जाएगा। या फिर हैंडसेट को दो बार साइडवेज हिलाने पर सीधा टॉर्च ऑन हो जाएगा। ये हैं तो उपयोगी फ़ीचर, लेकिन इनके लिए कोई गाडड नहीं मौजूद हैं। यूज़र जाने-अनजाने में भी ये एक्शन परफॉर्म कर सकते हैं और उन्हें यह भी पता कि इन फ़ीचर को कैसे बंद किया जाए।
फोटो की साइज़ को 9.7 मेगापिक्सल पर डिफॉल्ट फिक्स किया गया है, जो थोड़ा परेशान करता है। जैसे ही आप वीडियो कैमरा आइकन पर टैप करेंगे यह वीडियो रिकॉर्ड करने लगता है जो अच्छी बात है।
परफॉर्मेंसमोटोरोला स्क्रीन रिज़ॉल्यूशन के मामले में पिछड़ता नज़र आता है। कई लोगों के लिए 720 पिक्सल का स्क्रीन काफी नहीं है। व्यूइंग एंगल अच्छे हैं, लेकिन कुल मिलाकर प्रतिद्वंद्वियो की तुलना इसका स्क्रीन थोड़ा डल है। आवाज़ तेज आती है और ज्यादातर वक्त पर स्पष्ट भी। इस स्मार्टफोन पर गेम्स खेलने और वीडियो देखने का अनुभव शानदार रहा। हमें इस बात की भी खुशी है कि इस दौरान स्क्रीन ज्यादा गर्म भी नहीं हुआ।
दिन के उजाले में आउटडोर में ली गई तस्वीरें बहुत वार्म कलर कास्ट के साथ आईं। हम रिप्रोडक्शन से बहुत संतुष्ट नहीं थे, शार्पनेस आमतौर पर अच्छी थी। कम रोशनी में ली गई तस्वीरें अच्छी आईं, खासकर इस प्राइस रेंज के हैंडसेट के हिसाब से।
वीडियो लूप टेस्ट में फोन की बैटरी की परफॉर्मेंस ने हमें चौंकाया। यह 7 घंटे 36 मिनट तक चली जबकि मोटो जी (जेन 3) की बैटरी इसी टेस्ट में ज्यादा देर तक चली थी। संभव है कि ऐसा हार्डवेयर में किए गए बदलाव के कारण हुआ हो। हालांकि, आम इस्तेमाल के दौरान बैटरी को लेकर कोई शिकायत नहीं है। बैटरी आराम से एक दिन तक चल गई। क्विक चार्ज़िंग फ़ीचर मजेदार है। हालांकि, फोन के चार्ज़र को हर जगह साथ लेना जाना परेशान करने वाला हो सकता है।
हमारा फैसलामोटो जी (जेन 3) के बाद से भारत में कई किफायती हैंडसेट लॉन्च किए जा चुके हैं। इनमें से कुछ फुल-एचडी स्क्रीन, 3 जीबी के रैम, फिंगरप्रिंट सेंसर से लैस हैं। मोटोरोला की मालिक कंपनी लेनेवो भी ज्यादा बेहतर स्पेसिफिकेशन अपने वाइब एस1 हैंडसेट को मात्र 1,500 रुपये अतिरिक्त कीमत में बेचती है। अगर लेनेवो अपने वाइब लाइन के हैंडसेट को बंद करके मोटोरोला को वो स्थान देती है, तो आने दिनों में और बेहतर स्पेसिफिकेशन की उम्मीद की जा सकती है।
हमें मोटो जी (जेन 3) ने एक्सपीरियंस के लिहाज से लुभाया था। यह जानते हुए कि स्पेसिफिकेशन के मामले में यह अपने प्रतिद्वंद्वियों से बेहद ही कमजोर था। नया मोटो जी टर्बो एडिशन इसकी तुलना में थोड़ा बेहतर है, लेकिन यह कहीं से मोटोरोला को रेस में सबसे आगे ले जाने के लिए काफी नहीं है। इसकी मदद से मोटोरोला प्रतिस्पर्धा बनी रह सकती है, इससे ज्यादा और कुछ नहीं।
वाटरप्रूफ फ़ीचर और स्टॉक एंड्रॉयड, दो अहम कारण हैं जिसकी वजह से यूज़र मोटोरोला को चुनते हैं। क्विक चार्ज़िंग वैल्यू एडिशन की तरह है। हमारे मानना है कि मोटो जी टर्बो एडिशन खरीदना सुरक्षित और समझदारी भरा फैसला होगा। यह आपको निराश नहीं करेगा।