भारत में गर्मियों का सीजन शुरू हो गया है और लोगों को गर्मी से छुटकारा पाने के लिए एयर कंडीशनर और कूलर का उपयोग करना होगा। पिछले कुछ सालों से भारत में एसी का उपयोग काफी बढ़ गया है। अगर आप भी कूलर से AC में जाने का प्लान कर रहे हैं तो आपको कुछ बातों को जानना जरूरी है। आपने अक्सर सुना होगा कि एयर कंडीशनर टन का उपयोग किया जाता है। नया एसी खरीदने से पहले भी कमरे के साइज के आधार पर एसी 1 टन, 1.5 टन, 2 टन और उससे ज्यादा का होना चाहिए इस पर चर्चा होती है। अगर आपको नहीं पता कि एसी में टन का मतलब क्या होता है तो आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
AC में टन का मतलब वजन से नहीं बल्कि कूलिंग कैपेसिटी से है। इससे यह निर्धारित होने में मदद मिलती है कि किसी कमरे को बेहतर तरीके से ठंडा करने के लिए एयर कंडीशनर कितना पावरफुल है। कमरे के हिसाब से सही टन का चयन करना काफी जरूरी है। अगर टन बहुत कम है तो AC लगातार चलेगा और ठीक से ठंडा नहीं करेगा। अगर यह बहुत ज्यादा तो यह जल्दी ठंडा हो जाएगा लेकिन नमी ठीक से नहीं हटेगी, जिससे असुविधा और ज्यादा बिजली की खपत हो सकती है।
AC में क्या है टन
1 टन एयर कंडीशनर मतलब 12,000 BTU/घंटा है। BTU का मतलब ब्रिटिश थर्मल यूनिट है। एक 1 टन एसी प्रति घंटे 12,000 BTU हीट निकाल सकता है। एक 2 टन AC प्रति घंटे 24,000 BTU निकालता है। जितना ज्यादा टन होगा यूनिट में उतनी ही ज्यादा कूलिंग पावर होगी। हालांकि, ज्यादा टन हमेशा बेहतर नहीं होता। एसी का साइज बड़ा होने से ह्यूमिडिटी कंट्रोल खराब हो सकता है।
कमरे के साइज के हिसाब से कितना टन है बेहतर600 स्क्वायर फीट तक के कमरे के लिए 1 टन सही है। 600–900 स्क्वायर फीट तक के लिए 1.5 टन उचित है। 900–1,200 स्क्वायर फीट तक के लिए 2 टन उचित है। 1,200–1,500 स्क्वायर फीट तक के लिए 2.5 टन उचित है। 1,500–2,000 स्क्वायर फीट तक के लिए 3 टन उचित है।