मोबाइल यूजर्स जल्द ही बिना सिम कार्ड या इंटरनेट कनेक्शन के वीडियो स्ट्रीम करने में सक्षम होंगे, क्योंकि डायरेक्ट-टू-मोबाइल ब्रॉडकास्ट एक वास्तविकता बन सकता है। केंद्र सरकार का कहना है कि घरेलू डायरेक्ट-टू-मोबाइल (D2M) टेक्नोलॉजी का ट्रायल जल्द ही 19 शहरों में किया जाएगा। वीडियो ट्रैफिक का 25-30 प्रतिशत D2M में स्थानांतरित होने से 5G नेटवर्क की रुकावट भी दूर होगी। हालांकि, आखिर यह D2M टेक्नोलॉजी क्या है और इसके जरिए कैसे कोई व्यक्ति बिना SIM कार्ड या इंटरनेट कनेक्शन के अपने मोबाइल पर वीडियो या लाइव टीवी को स्ट्रीम कर सकता है? चलिए जानते हैं।
पिछले साल जून में, IIT-कानपुर ने प्रसार भारती और टेलीकॉम डेवलपमेंट सोसाइटी के सहयोग से D2M ब्रॉडकास्टिंग पर
व्हाइट पेपर जारी किया था, जिसमें इसके बारे में सब कुछ विस्तार से बताया गया है। इस टेक्नोलॉजी को Saankhya Labs और IIT कानपुर द्वारा विकसित किया गया है। अगस्त 2023 में एक पत्र में, संचार मंत्रालय ने भी इसके उपयोग के मामलों को लिस्ट किया था। इसमें बताया गया था कि निकट भविष्य में इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किन क्षेत्रों में किया जा सकता है।
क्या है D2M टेक्नोलॉजी?
D2M टेक्नोलॉजी एक तरह से FM रेडियो के समान काम करता है, जहां फोन के भीतर एक खास रिसीवर डी2एम कंटेंट ले जाने वाली स्पेशल रेडियो फ्रीक्वेंसी को पकड़ कर सकता है। D2M ब्रॉडबैंड और ब्रॉडकास्ट टेक्नोलॉजी के एलिमेंट का एक मिश्रण है। मोबाइल फोन समर्पित एंटीना का उपयोग करके स्थलीय डिजिटल टीवी सिग्नल कैप्चर कर सकते हैं।
सूचना और प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा के
मुताबिक, सरकार इस उभरती हुई तकनीक के लिए 470-582MHz स्पेक्ट्रम आरक्षित रखेगी।
रिलीज किए गए पेपर के अनुसार, यह तकनीक यूजर्स को पारंपरिक ब्रॉडकास्ट तरीकों को दरकिनार करते हुए सीधे अपने स्मार्टफोन और टैबलेट पर मल्टीमीडिया कंटेंट की एक विस्तृत श्रृंखला का एक्सेस देगी। इसमें लाइव टीवी चैनल, शैक्षिक कार्यक्रम, नागरिक-केंद्रित जानकारी, आपातकालीन अलर्ट और यहां तक कि फिल्में और म्यूजिक जैसे एंटरटेनमेंट कंटेंट शामिल हो सकते हैं।
टेक्नोलॉजी उन क्षेत्रों में काफी फायदेमंद साबित होगा, जहां नेटवर्क कवरेज बहुत कम होती है या इंटरनेट महंगा है।
इसके अलावा, ब्रॉडकास्ट मोबाइल डेटा की तुलना में एक अलग स्पेक्ट्रम का उपयोग करेगा, जिससे अन्य उपयोगों के लिए बैंडविड्थ उपलब्ध रहेगी।
इससे क्या फायदे मिलेंगे?
सरकार का कहना है कि इस तकनीक से स्मार्टफोन यूजर्स और दूरसंचार ऑपरेटरों दोनों को लाभ होगा। D2M तकनीक 5G नेटवर्क को बंद करने के लिए 25-30% वीडियो ट्रैफिक को स्थानांतरित करने में मदद करेगी, जिससे देश में डिजिटल विकास में तेजी लाने और कंटेंट डिस्ट्रिब्यूशन को लोकतांत्रिक बनाने में मदद मिलेगी।
इसके अलावा, सरकार द्वारा यह भी कहा गया है कि भारत में 80 करोड़ स्मार्टफोन पर यूजर्स द्वारा एक्सेस किया जाने वाला 69% कंटेंट वीडियो फॉर्मेट में है। जिन लोगों के पास टीवी जैसे अन्य डिवाइस हैं, उन्हें सर्विस देने के अलावा, यह तकनीक देश भर में लगभग 8-9 करोड़ "टीवी डार्क" घरों तक पहुंचने में मदद करेगी।