मौसम का अलर्ट अब मोबाइल फोन पर SMS के जरिए लोगों को मिलना शुरू हो गया है। नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) ने यह सुविधा शुरू की है। चूंकि जलवायु परिवर्तन या क्लाइमेट चेंज ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है, दुनिया के हर हिस्से में प्राकृतिक आपदाओं की संख्या बढ़ती जा रही है। ये आपदाएं पहले से कहीं अधिक विनाशकारी होती जा रही हैं। फिर चाहे इसमें बढ़ते तापमान के कारण जंगलो में लग रही आग हो, बादलों के फटने से होने वाली तबाही, सामान्य से अधिक बारिश के कारण उफनती नदियों का कहर, या फिर बिन बारिश पानी की बूंद को तरसती दरारें पड़ी खेतों की सूखी जमीनें! अब मौसम में होने वाले बदलाव से लेकर प्राकृतिक आपदाओं जैसी स्थिति की जानकारी आपके मोबाइल में SMS के जरिए प्राप्त होगी। जिससे लोगों को पहले ही सावधान होने का मौका मिलेगा।
ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण मौसम में तेजी से बदलाव हो रहे हैं। इस बदलाव से दुनिया का कोई हिस्सा अछूता नहीं रहने वाला है। भारत में भी मौसम में बड़े बदलाव देखे जा रहे हैं। फरवरी में जहां गर्मी ने लोगों के पसीने छुड़ा दिए, वहीं अप्रैल और मई के महीने में लोगों को ठंड का अहसास हुआ। मौसम अब पहले जैसा बरताव नहीं कर रहा है। इसलिए नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (
NDMA) ने लोगों को SMS के जरिए अलर्ट करना शुरू कर दिया है। यह कॉमन अलर्टिंग प्रोटोकॉल (CAP) के जरिए किया जा रहा है। बाढ़, बवंडर, आंधी, लू और बारिश जैसी मौसमी घटनाओं का पूर्वानुमान लगाकर NDMA लोगों को मैसेज के जरिए सावधान कर रही है। बीते वीकेंड से यह सुविधा शुरू कर दी गई है। दिल्ली में इन दिनों आकस्मिक बारिश देखी जा रही है, जिसके लिए NDMA लोगों को मैसेज के जरिए अलर्ट कर रही है।
NDMA दिल्ली में इस तरह के अलर्ट मैसेज मोबाइल फोन में भेज रही है।
यह अलर्ट फिलहाल सिर्फ उन क्षेत्रों में भेजा जा रहा है, जो उस मौसमी गतिविधि के अंदर आते हैं। यानि कि अगर अगले 24 घंटे में दिल्ली में आंधी, तूफान जैसी स्थिति बन रही है, तो दिल्ली और उसके आसपास के हिस्से में ये ही अलर्ट भेजा जाएगा। फिलहाल ये मैसेज मैन्युअल तरीके से भेजे जा रहे हैं, लेकिन जल्द ही यह प्रक्रिया ऑटोमैटिक किए जाने की बात कही गई है। NDMA ने इसे टेलीकम्युनिकेशन एंड सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्स के साथ मिलकर तैयार किया है। इस तरह की सुविधा US, जापान, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में भी मौजूद है।
भारत में मौसमी बदलाव की बात करें तो हाल ही में वर्ल्ड बैंक ने क्लाइमेट इन्वेस्टमेंट अपॉरच्यूनिटीज इन इंडियाज कूलिंग सेक्टर (Climate Investment Opportunities in India's Cooling Sector) नाम से एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें कहा गया था कि पिछले कुछ दशकों में हीट वेव्स यानि कि 'लू' अपना रौद्र रूप धारण करने लगी हैं। रिपोर्ट में एक डराने वाली बात ये भी सामने आई कि जल्द ही भारत में ऐसी स्थिति पैदा हो सकती है जब गर्मी लोगों की सहन क्षमता से बाहर चली जाएगी और यहां पर लोगों के लिए जीवित रहना तक मुश्किल हो जाएगा।
ग्लोबल वार्मिंग आज के समय में दुनिया के लिए सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है। धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है जिससे प्राकृतिक आपदाओं ने विकाराल रूप लेना शुरू कर दिया है। वैज्ञानिक लगातार ऐसे तरीके खोज रहे हैं जिससे ग्लोबल वॉर्मिंग को रोका जा सके और क्लाइमेट चेंज को कंट्रोल किया जा सके।