घंटों बैठकर TV देखने वाले हो जाएं सावधान, मंडरा रहा है बड़ा जानलेवा खतरा

जो लोग प्रतिदिन 4 घंटे से अधिक टीवी देखते हैं उनके पॉलीजेनिक रिस्क स्कोर को देखे बिना दिल की बीमारी का सबसे बड़ा जोखिम होता है। इन व्यक्तियों के मुकाबले में जो लोग दिन में दो से तीन घंटे टीवी देखते हैं उनमें यह बीमारी पैदा होने की दर आमतौर पर 6 फीसद कम थी।

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साजन चौहान, अपडेटेड: 24 मई 2022 17:51 IST
ख़ास बातें
  • घंटों बैठकर टीवी देखने से सेहत को काफी नुकसान होता है।
  • कम टीवी देखने से कोरोनरी हृदय बीमारी को 11 प्रतिशत तक रोका जा सकता है।
  • कम चलने फिरने वाला लाइफस्टाइल कोरोनरी धमनी बीमारी की अहम वजहों में एक है।

अधिक समय तक बैठकर टीवी देखना सेहत के लिए ठीक नहीं है।

Photo Credit: Pixabay/Stocksnap

दुनिया भर में आज भी टीवी मनोरंजन का सबसे बड़ा साधन माना जाता है। टीवी देखना लोगों की लाइफ का एक हिस्सा रहा है। अगर आप लंबे समय से टीवी देख रहे हैं तो अब इस पर फिर से विचार करना चाहिए। एक नई रिसर्च के मुताबिक, लंबे समय तक टीवी देखने से कोरोनरी हृदय बीमारी का खतरा बढ़ सकता है, चाहे किसी का जेनेटिक कैसी भी हो। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और हांगकांग यूनिवर्सिटी के एक्सवर्ट की एक टीम द्वारा की गई रिसर्च में कहा गया है कि हर दिन 1 घंटे से भी कम समय तक टीवी देखने से कोरोनरी हृदय बीमारी को 11 प्रतिशत तक रोका जा सकता है।

हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, कम चलने फिरने वाला लाइफस्टाइल कोरोनरी धमनी बीमारी के सबसे अहम कारणों में से एक है। साफ तौर पर कहें तो फिजिकली एक्टिव रहने की बजाय लंबे समय तक बैठे रहने से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ता है। रिसर्चर ने यूके बायोबैंक के डाटा के हिसाब से बताया कि स्क्रीन का अधिक इस्तेमाल और कम चलना फिरना,  कंप्यूटर का अधिक इस्तेमाल करना किसी व्यक्ति के कोरोनरी हृदय बीमारी के जोखिम के बीच संबंध था।

बीएमसी मेडिसिन जर्नल में पब्लिश उनके जर्नल के लिए, रिसर्चर ने 500,000 से अधिक लोगों में से प्रत्येक के पॉलीजेनिक रिस्क स्कोर को स्कोर किया, जिनके डाटा को उन्होंने चेक किया। एक पॉलीजेनिक रिस्क स्कोर बताता है कि एक सामान्य व्यक्ति का रिस्क एक अलग जेनेटिक कॉन्स्टिट्यूशन वाले अन्य लोगों के मुकाबले में कैसे होता है। हांगकांग यूनिवर्सिटी के एसिस्टेंट प्रोफेसर और रिसर्चर में से एक डॉ यंगवॉन किम ने कहा कि कम टीवी देखने से रिसर्च कोरोनरी हृदय रोगों की रोकथाम में अहम भूमिका निभाई जा सकती है।

रिसर्चर ने देखा कि जो लोग प्रतिदिन 4 घंटे से अधिक टीवी देखते हैं उनके पॉलीजेनिक रिस्क स्कोर को देखे बिना दिली की बीमारी का सबसे बड़ा जोखिम होता है। इन व्यक्तियों के मुकाबले में जो लोग दिन में दो से तीन घंटे टीवी देखते हैं उनमें यह बीमारी पैदा होने की दर आमतौर पर 6 फीसद कम थी। 1 घंटे से भी कम समय तक टीवी देखने वालों की दर आमतौर पर 16 फीसद कम थी। रिसर्चर ने कहा कि ये सभी बातों का जोड़ और अन्य रिस्क फेक्टर अलग थे, उन्होंने कहा कि खाली समय में कंप्यूटर का इस्तेमाल करने से बीमारी का खतरा प्रभावित नहीं होता है।
 

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