McAfee Corp. ने कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स शो (CES 2024) में प्रोजेक्ट मॉकिंगबर्ड (Mockingbird) नाम से अपनी AI-पावर्ड डीपफेक (Deepfake) ऑडियो डिटेक्शन तकनीक को पेश किया है। इस तकनीक का उद्देश्य घोटालों, साइबरबुलिंग और पब्लिक फिगर्स के वीडियो में हेरफेर के लिए बनाए गए AI-जनरेटेड ऑडियो का इस्तेमाल करने वाले साइबर क्रिमिनल्स का पता लगाना है। यह टेक्नोलॉजी साइबर अपराधियों द्वारा तेजी से अपनाए जाने वाले जेनरेटिव एआई टूल के उपयोग को कम करने का काम करेगी। आजकल साइबर अपराधी इस तरह के जनरेटिव टूल्स का इस्तेमाल कर लोगों के परिवार के सदस्य या कोई अन्य जान-पहचान का व्यक्ति बनकर स्कैम करने का काम करते हैं।
इनोवेशन और थ्रेट इंटेलिजेंस ब्रांच, McAfee Labs ने प्रोजेक्ट मॉकिंगबर्ड के हिस्से के रूप में एक एडवांस AI मॉडल विकसित किया है। यह मॉडल वीडियो में एआई-जनरेटेड ऑडियो की पहचान करने के लिए प्रासंगिक, व्यवहारिक और श्रेणीबद्ध पहचान विधियों का उपयोग करता है। McAfee का दावा है कि 90% की वर्तमान एक्युरेसी रेट के साथ, टेक्नोलॉजी गलत इरादा रखने वाले डीपफेक या "चीप फेक" का पता लगा सकती है और यूजर्स को मजबूत सुरक्षा प्रदान कर सकती है।
McAfee के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर स्टीव ग्रोबमैन ने इस बात पर जोर दिया कि यह एआई डिटेक्शन टूल यूजर्स को डिजिटल कंटेंट की प्रामाणिकता का आकलन करने के लिए इनसाइट देता है। टेक्नोलॉजी को कई जगहों पर इस्तेमाल किया जा सकता है, जिनमें क्लोन किए गए सेलिब्रिटी स्कैम का पता लगाने से लेकर राजनीतिक हस्तियों से संबंधित वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि करना शामिल है।
McAfee का AI इनोवेशन पर ध्यान स्पष्ट है, प्रोजेक्ट मॉकिंगबर्ड यूजर्स के डिजिटल जीवन की सुरक्षा के उद्देश्य से AI मॉडल के व्यापक पोर्टफोलियो का हिस्सा है। कंपनी का कहना है कि CES 2024 में टेक्नोलॉजी को पेश करना AI समाधान विकसित करने के लिए McAfee की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
Project Mockingbird का नाम मॉकिंगबर्ड्स के व्यवहार से लिया गया है, जो अन्य पक्षियों के चहचहाने की नकल करने के लिए जाने जाते हैं। इसी तरह, साइबर अपराधी धोखाधड़ी वाली गतिविधियों के लिए आवाजों को क्लोन करने के लिए जेनरेटिव एआई का उपयोग करते हैं।