पिछले कई दशकों से मुंबई की सड़कों पर दौड़ती काली-पीली प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी शहर की पहचान बन चुकी थी। यह टैक्सी सेवा आम लोगों के लिए सवारी का एक सस्ता और आरामदायक साधन थी। हालांकि, अब यह टैक्सी सेवा 60 साल के लंबे इतिहास के बाद मुंबई की सड़कों से हटने जा रही है। इसकी घोषणा के बाद से केवल मुंबई ही नहीं, देशभर से लोगों ने दुख व्यक्त किया, जिनमें से एक भारतीय उद्योगपति आनंद महिंद्रा भी हैं। महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट शेयर किया और बताया कि Kaali-Peeli से उनकी भी यादें जुड़ी हैं।
आनंद महिंद्रा ने X पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें उन्होंने बताया कि इस सर्विस के बंद होने से उन्हें बहुत दुख हुआ और उनकी कई यादें इससे जुड़ी हैं। उन्होंने पोस्ट में लिखा, (अनुवादित) “आज से, प्रतिष्ठित प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी मुंबई की सड़कों से गायब हो गई है। वे दिखने में बुरी, असुविधाजनक, अविश्वसनीय, शोरगुल वाली थीं। सामान रखने की क्षमता भी ज्यादा नहीं थीं। लेकिन मेरे परिवार के लोगों के लिए, वे ढेर सारी यादें लेकर आईं। और उन्होंने हमें पॉइन्ट A से पॉइन्ट B तक ले जाने का अपना काम किया। गुडबाय और अलविदा, काली-पीली टैक्सियां। अच्छे समय के लिए धन्यवाद।"
इस ट्वीट को उन्होंने आज शेयर किया और अभी तक इसे 10 लाख से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं और 1 हजार से ज्यादा यूजर्स इसे रीपोस्ट कर चुके हैं।
मुंबई में प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी सर्विस की शुरुआत 1963 में हुई थी। उस समय यह टैक्सी सर्विस एक आधुनिक और आरामदायक सवारी का साधन माना जाता था। जल्द ही यह टैक्सी सेवा मुंबई की सड़कों पर छा गई और शहरवासियों की पसंदीदा बन गई। काली-पीली टैक्सी सेवा के साथ मुंबईवासियों का गहरा जुड़ाव रहा है। यह टैक्सी सेवा शहर के हर कोने में उपलब्ध थी और लोगों को आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाती थी। यह टैक्सी सेवा मुंबई की संस्कृति और पहचान का एक हिस्सा बन चुकी थी।
हाल के वर्षों में, मुंबई में नई तकनीक आधारित टैक्सी सेवाओं ने लोकप्रियता हासिल की है। इन नई टैक्सी सेवाओं में बेहतर सुविधाएं और कम किराया मिल रहा है। इसके कारण काली-पीली टैक्सी सेवाओं की मांग में कमी आई है।