जापान के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा ड्रोन तैयार किया है, जो जरूरत पड़ने पर आसमान से बिजली गिरा सकता है और वो भी मनचाही जगह। यह अनोखा प्रयोग निपॉन टेलीग्राफ एंड टेलीफोन कॉर्पोरेशन, यानी NTT की टीम ने किया है, जिसमें पहली बार किसी ड्रोन से लाइटनिंग स्ट्राइक को ट्रिगर और डायरेक्ट करने में सफलता मिली है। इस टेक्नोलॉजी का मकसद न सिर्फ बिजली गिरने से होने वाले नुकसान को रोकना है, बल्कि लंबे समय में इससे बिजली पैदा करने के ऑप्शन भी देखे जा रहे हैं।
कैसे काम करता है यह सिस्टम
NTT का
कहना है कि इस ड्रोन को खासतौर पर डिजाइन किया गया है ताकि यह आसमान में 300 मीटर की ऊंचाई तक उड़ सके, यानी उस लेवल तक जहां बादलों के नीचे बिजली बनने की संभावना होती है। ड्रोन में एक कंडक्टिव वायर लगा होता है, जो जमीन से जुड़ा रहता है। जैसे ही ये एक्टिवेट किया जाता है, ये बिजली को आकर्षित करता है और स्ट्राइक को उस वायर के जरिए जमीन तक ले आता है, वो भी किसी आबादी से दूर तयशुदा लोकेशन पर।
यह प्रयोग दिसंबर 2024 से जनवरी 2025 के बीच जापान के हमादा सिटी में किया गया था। दिलचस्प बात यह है कि NTT के मुताबिक, इस ड्रोन पर बिजली भी गिरी, लेकिन खास डिजाइन की वजह से सिर्फ बाहरी प्रोटेक्टिव फ्रेम को हल्का नुकसान हुआ। डिवाइस पूरी तरह कंट्रोल में रहा।
नीचे वीडियो में देखा जा सकता है कि यह कैसे काम करता है;
क्या है इसका फायदा
इस टेक्नोलॉजी से दो बड़े फायदे हो सकते हैं। पहला, शहरी इलाकों में बिजली गिरने से जो नुकसान होता है, जैसे पावर ग्रिड जलना, मोबाइल टावर फेल होना या जान-माल का नुकसान उसे रोका जा सकेगा। दूसरा, आने वाले समय में वैज्ञानिक यह भी टेस्ट कर सकते हैं कि इस कंट्रोल्ड लाइटनिंग को कैसे एनर्जी में बदला जाए। हालांकि, अभी यह सिर्फ एक शुरुआती प्रयोग है।
NTT ने बताया कि आने वाले महीनों में और भी टेस्टिंग की जाएगी और इस टेक्नोलॉजी को पावर स्टेशनों, एयरपोर्ट्स और बड़े इंडस्ट्रियल हब्स के पास लगाया जा सकता है ताकि बिजली से सुरक्षा मिल सके।