भारत की हवाई सुरक्षा और इंटेलिजेंस क्षमता और मजबूत होने वाली है, क्योंकि अमेरिका से आर्म्ड ड्रोन MQ-9 प्रीडेटर की खरीद को रक्षा खरीद परिषद ने मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री के अमेरिका दौरे से पहले रक्षा खरीद का यह सबसे बड़ा फैसला लिया गया है। ये करीब 3 अरब डॉलर की डील होने वाली है, जिसमें भारत को अमेरिका क्वारा 30 प्रीडेटर ड्रोन्स डिलीवर किए जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से वायुसेना और थलसेना प्रत्येक को 8 ड्रोन और नौसेना को 14 ड्रोन दिए मिलेंगे।
सूत्रों का हवाला देते हुए NDTV की
रिपोर्ट बताती है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार, 15 जून को हुई रक्षा खरीद परिषद की बैठक में MQ-9 की खरीद की डील को मंजूरी दी गई। इसके लिए आखिरी मंजूरी कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी से मिलनी है। भारत अमेरिका से 30 ड्रोन खरीदने वाला है, जो देश की तीनों सेना को बांटे जाएंगे।
रिपोर्ट बताती है कि डील 3 अरब डॉलर की है। 30 MQ-9 ड्रोन में से थलसेना और वायुसेना को 8-8 और नौसेना को 14 ड्रोन मिलेंगे।
General Atomics Aeronautical Systems द्वारा डेवलप MQ-9 के जरिए 1200 किलोमीटर दूर से ही दुश्मन पर मिसाइल से हमला किया जा सकता है। अमेरिका ने इसे और इस तरह के कुछ अन्य मॉडल्स को इराक और अफगानिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों पर नजर रखने और हमलों के लिए इस्तेमाल किया था।
यूं तो अमेरिका के पास कई प्रीडेटर ड्रोन्स हैं, लेकिन हम पॉपुलर MQ-9A Reaper ड्रोन की बात करें, तो यह 50,000 फीट की मैक्सिमम हाइट पर उड़ सकता है। इसकी टॉप स्पीड 240 KTAS (445 kmph) है। इसकी लंबाई 36 फीट, विंग स्पैन 66 फीट और मैक्सिमम ग्रॉस टेकऑफ वजन 4,763 किलो है।
Gerenal Atomics के पास और भी कई प्रीडेटर ड्रोन्स हैं, जिनमें MQ-9B STOL, MQ-9B SeaGuardian, MQ9B SkyGuardian के साथ-साथ और भी कई ड्रोन्स शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जून को अमेरिका की आधिकारिक राजकीय यात्रा पर जा रहे हैं, जहां रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडन के बीच हथियारों और जमीनी वाहनों के सह-उत्पादन पर भी चर्चा की उम्मीद की जा रही है।