Apple Awas Yojana : 1.5 लाख नौकरियों के बाद अब घर भी देगी ऐपल, 78 हजार यूनिटों पर काम शुरू, कर्मचारियों को फायदा

Apple Awas Yojana : ऐपल डिवाइस मैन्‍युफैक्‍चर करने वाली कंपनियां और सप्‍लायर्स अपने एम्‍प्‍लॉइज को रहने के लिए आवास की सुविधा देंगे।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 8 अप्रैल 2024 17:44 IST
ख़ास बातें
  • ऐपल कर्मचारियों को भारत में मिलेंगे घर
  • चीन-वियतनाम मॉडल किया जाएगा लागू
  • ऐपल मैन्‍युफैक्‍चरर्स तैयार कर रहे घर

यह सब पीपीपी यानी पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के जरिए किया जाएगा।

Apple Awas Yojana : दुनिया की बड़ी टेक दिग्‍गज ऐपल (Apple) ने भारत में चीन और वियतनाम जैसा इंडस्ट्रियल हाउसिंग मॉडल लागू करने की योजना बनाई है। इसके तहत ऐपल डिवाइस मैन्‍युफैक्‍चर करने वाली कंपनियां और सप्‍लायर्स अपने एम्‍प्‍लॉइज को रहने के लिए आवास की सुविधा देंगे। यह सब पीपीपी यानी पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के जरिए किया जाएगा। फ‍िलहाल 78 हजार से ज्‍यादा यूनिट्स का निर्माण करने की तैयारी है। इनमें से अकेले 58 हजार यूनिट्स तमिलनाडु में रेडी की जाएंगी। इकॉनमिक टाइम्‍स की एक रिपोर्ट में यह बताया गया है। ऐपल ने बीते 3 से 4 साल में भारत में करीब डेढ़ लाख जॉब्‍स जनरेट की हैं।  

रिपोर्ट के अनुसार, ऐपल आवास योजना में केंद्र सरकार भी मदद करेगी। वह 10-15 पर्सेंट पैसा देगी। बाकी की रकम राज्य सरकारों और कारोबारियों से लेने की तैयारी है। अगले साल मार्च तक यह प्रोजेक्‍ट पूरा होने की उम्‍मीद है। बनाए जा रहे घरों की जिम्‍मेदारी तमिलनाडु के स्‍टेट इंडस्‍ट्रीज प्रमोशन कार्पोरेशन के हाथ में है। टाटा ग्रुप और एसपीआर इंडिया भी आवासों को तैयार कर रहे हैं। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि कामकाज वाली जगह के पास घर मिलने से कर्मचारियों की दक्षता बढ़ेगी। मामले की जानकारी रखने वालों के हवाले से रिपोर्ट में लिखा गया है कि इतना बड़ा हाउस‍िंग प्रोजेक्‍ट महिला कर्मचारियों के लिए पहली बार है। गौरतलब है कि ऐपल की मैन्‍युफैक्‍चरिंग फैस‍िलिटीज में बड़ी संख्‍या में महिलाएं काम करती हैं। उनमें से ज्‍यादातर किराए पर रहती हैं और फैक्‍टरी तक पहुंचने के लिए उन्‍हें लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। 

रिपोर्ट के अनुसार, बसों में कई घंटे की यात्रा के दौरान महिला कर्मचारियों को सेफ्टी की समस्‍या भी आती है। बताया गया है कि इस प्रोजेक्‍ट के तहत फॉक्‍सकॉन के कर्मचारियों को 35 हजार आवासों की सुविधा मिलेगी। मौजूदा वक्‍त में फॉक्‍सकॉन में 41 हजार वर्कर हैं। इनमें 75 फीसदी संख्‍या महिलाओं की है। इसके अलावा, टाटा अपनी फैक्‍टरी कर्मचारियों के लिए साढ़े 11 हजार यूनिट तैयार कर रही है, जहां उन्‍हें रहने की जगह दी जाएगी।  
 

 

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