Amazon ने अपने सैटेलाइट इंटरनेट Project Kuiper को लेकर बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने 27 अप्रैल को United Launch Alliance के जरिए 27 Kuiper सैटेलाइट्स लॉन्च किए, जो कि Amazon की 3,236 सैटेलाइट्स की बड़ी योजना का हिस्सा हैं। कंपनी का प्लान है कि साल 2025 के अंत तक ये इंटरनेट सर्विस फुल फ्लेज में शुरू हो जाए, जो दुनिया के रिमोट और इंटरनेट से वंचित इलाकों को टारगेट करेगी।
Amazon की ये सैटेलाइट्स केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से Atlas V रॉकेट के जरिए भेजी गईं। ये Kuiper Project की पहला फुल-कमर्शियल लॉन्च था, जिससे यह संकेत मिल रहा है कि अब ये प्रोजेक्ट टेस्ट फेज से बाहर निकलकर असली दुनिया में एंटर कर चुका है।
Amazon का
कहना है कि Project Kuiper की इंटरनेट स्पीड 100Mbps से लेकर 1Gbps तक हो सकती है, जो यूजर्स को वीडियो स्ट्रीमिंग, वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन क्लासेस जैसी एक्टिविटीज में काफी मदद करेगी। इसके साथ ही कंपनी का लक्ष्य है कि यूजर टर्मिनल (एंटीना और राउटर) की कीमत $400 (करीब 34,000 रुपये) से कम रखी जाए, जिससे यह सर्विस ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सके।
भारत की बात करें, तो Amazon ने यहां अपनी सैटेलाइट सर्विस शुरू करने के लिए जरूरी लाइसेंस के लिए DOT (डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन) में आवेदन कर दिया है। हालांकि, अभी तक यहां लॉन्च की डेट कन्फर्म नहीं है।
इस प्रोजेक्ट का सीधा मुकाबला Elon Musk की Starlink सर्विस से है, जो पहले ही अमेरिका, यूरोप और कुछ एशियन देशों में ऑपरेट कर रही है। लेकिन Kuiper को लेकर Amazon का दावा है कि यह न सिर्फ किफायती होगा, बल्कि तेज और ज्यादा स्केलेबल भी होगा। Amazon का ये कदम इस बात का साफ संकेत है कि अब सैटेलाइट इंटरनेट सेक्टर में मुकाबला तेज हो चुका है। Starlink ने जहां गेम की शुरुआत की थी, अब Amazon उसे सीधी टक्कर देने के लिए तैयार है।