श्री बद्रीनाथ धाम और श्री केदारनाथ धाम की यात्रा अगले महीने से शुरू होने वाली है, क्योंकि श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई से खुलेंगे और केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई से खुलेंगे, सभी तीर्थ यात्री अगले महीने से यात्रा शुरू करेंगे। इन यात्रा के लिए ऑनलाइन
पंजीकरण करना होगा। अगर आप मंदिर में जाकर पूजा करने का सोच रहे हैं तो इसके लिए आपको पहले से बुकिंग करवानी होगी। यहां हम आपको इस प्रक्रिया के बारे में चरण दर चरण बता रहे हैं।
चारधाम की यात्रा के लिए पंजीकरण
अगर इस साल चारधाम की यात्रा करने का विचार कर रहे हैं तो उसके लिए आपको सबसे पहले उत्तराखंड टूरिज्म की वेबसाइट पर जाकर
पंजीकरण करना होगा।
ऑनलाइन पूजा की बुकिंग
ऑनलाइन पूजा की बुकिंग के लिए आपको सबसे पहले बद्रीनाथ केदारनाथ की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना है। वहां जाकर ऑनलाइन पूजा बुकिंग पर क्लिक करना है।
उसके बाद आपको रजिस्टर्ड करना होगा, जिसमें आप अपना मोबाइल नंबर, नाम, लिंग और मेल आईडी दर्ज करके प्रकिया पूरी कर सकते हैं।
फिर आपके फोन नंबर पर ओटीपी आएगा उसे दर्ज करना है और स्क्रीन पर नजर आ रहे कैप्चा को दर्ज करना है। ऐसे आपकी पंजीकरण प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
आपके मोबाइल नंबर पर लॉगिन पासवर्ड एसएमएस द्वारा भेज दिया जाएगा, उसके बाद आप अपने मोबाइल नंबर और पासवर्ड के जरिए लॉगिन कर सकते हैं।
लॉगिन करने का बाद आपको ऑनलाइन पूजा बुकिंग का ऑप्शन नजर आएगा, जिस पर आपको क्लिक करना है। अब आपको श्री बद्रीनाथ धाम, श्री केदारनाथ धाम, श्री नरसिंह मंदिर जोशीमठ और श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ का ऑप्शन नजर आएगा। आप अपने हिसाब से चयन कर सकते हैं और उसके बाद पुष्टि करके आगे बढ़ने के लिए क्लिक करना है।
श्री बद्रीनाथ धाम में इन पूजा का विकल्प आपको नजर आएगा, जिनमें आप अपनी श्रद्धा के अनुसार चयन कर सकते हैं। इनमें स्वर्ण आरती, वेद पाठ,अभिषेक पूजा, गीता पथ, कर्पूर आरती, अस्तोतरी पूजा, चंडी आरती, एक दिन की संपूर्ण पूजा, महा-अभिषेक पूजा, गीत गोविंद पाठ के साथ शयन आरती, विष्णुसहस्रनाम पथ, अखण्ड ज्योति एक दिवसीय-नॉन अटेंडिंग और विष्णुसहस्रनामावली पथ शामिल है। इसके अलावा भोग और अन्य स्पेशल पूजा का विकल्प भी है।
पूजा का चयन करने के आपको अपनी निजी जानकारी जैसे कि नाम, लिंग, आधार नंबर, आयु, पूरा पता और पूजा से संबंधित जानकारी जैसे कि गोत्र, राशि और नक्षत्र आदि दर्ज करना है।
दान करने और रुकने के लिए बुकिंग
अगर आप बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर में दान करना चाहते हैं और आप उसके नजदीक रुकने का सोच रहे हैं तो आपको ऑनलाइन ही दान और रुकने के लिए भी बुकिंग कर सकते हैं। हालांकि, वर्तमान में पोर्टल पर रुकने की सुविधा अभी चालू नहीं की गई है, लेकिन आप दान के लिए ऑनलाइन रजिट्रेशन कर सकते हैं।
कब शुरू होगी यात्रा
बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 4 मई को सुबर 7 बजे और केदारनाथ मंदिर के कपाट 2 मई 2025 को सुबह 7 बजे खुलेंगे। बद्रीनाथ मंदिर तक आप अपने वाहन से पहुंच सकते हैं और बाद थोड़ा सा पैदल चलना होता है, जबकि केदारनाथ मंदिर तक जाने के लिए गौरीकुंड के बाद ट्रेक करने जाना पड़ता है, इसमें चाहें तो आप पैदल जा सकते हैं, पालकी या खच्चर की सवारी करके जा सकते हैं या फिर हेलीकॉप्टर के जरिए पहुंच सकते हैं।