What is BrahMos-MA? 1206Kg वजन, 290km रेंज, जमीन, हवा, पानी हर तरफ से दुश्‍मन ढेर करेगी नई ब्रह्मोस!

What is BrahMos-MA : BrahMos-MA पर काम हाल-फ‍िलहाल शुरू नहीं हुआ है। पहले इस मिसाइल को BrahMos-NG नाम से डेवलप किया जा रहा था।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 20 अगस्त 2024 13:14 IST
ख़ास बातें
  • BrahMos-MA मिसाइल पर काम कर रहे भारत-रूस
  • मौजूदा ब्रह्मोस मिसाइल से वजन में होगी हल्‍की
  • साल 2026 तक शुरू हो सकती है मिसाइल की टेस्टिंग

BrahMos-NG या BrahMos-MA मौजूदा ब्रह्मोस मिसाइल का एक छोटा वर्जन होगा।

Photo Credit: wiki

BrahMos-MA Supersonic Missile : ब्रह्मोस मिसाइल के रूप में भारत के पास ऐसा ‘ब्रह्मास्‍त्र' है, जिससे पूरी दुनिया कांपती है। इस सुपरसोनिक मिसाइल को भारत और रूस ने मिलकर डेवलप किया है। अब एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत-रूस का जॉइंट वेंचर अगले दो साल में अपनी नई एयर-लॉन्‍च्‍ड सुपरसोनिक मिसाइल, ‘ब्रह्मोस-एमए' (BrahMos-MA) की टेस्टिंग शुरू करने की योजना बना रहा है। क्‍या है ‘ब्रह्मोस-एमए' मिसाइल? इससे भारत की सैन्‍य ताकत में कितना इजाफा होगा? आइए जानते हैं। 
 

What is BrahMos

रिपोर्टों के अनुसार, ब्रह्मोस भारत की एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसे बनाया है रूस और भारत के जॉइंट वेंचर ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने। मिसाइल को बनाने में रूसी कंपनी एनपीओ मशीनोस्ट्रोनिया और भारत सरकार का रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) मिलकर काम करते हैं। मिसाइल को इंडियन एयरफोर्स, नेवी और आर्मी इस्तेमाल करती हैं।
 

BrahMos-NG अब बनेगी BrahMos-MA

यूरेशियन टाइम्‍स की रिपोर्ट के अनुसार, BrahMos-MA पर काम हाल-फ‍िलहाल शुरू नहीं हुआ है। पहले इस मिसाइल को BrahMos-NG नाम से डेवलप किया जा रहा था। यह डेवलपमेंट कई वर्षों से चल रहा है। हाल ही में ब्रह्मोस जेवी के को-डायरेक्‍टर अलेक्जेंडर मकसिचेव ने ब्रह्मोस-एमए को बनाने का ऐलान किया। 

उन्‍होंने कहा कि अब हम मिसाइल के एयर-लॉन्‍च्‍ड वर्जन पर काम कर रहे हैं। हम वर्किंग डिजाइन डॉक्‍युमेंटेशन डेवलप करने के फेज में हैं। सब कुछ ठीक रहा, तो हम दो साल के अंदर मिसाइल का परीक्षण शुरू कर देंगे। (रूसी से अंग्रेजी और फ‍िर हिंदी में अनुवादित बयान) 

BrahMos-MA Features 

रिपोर्ट के अनुसार, BrahMos-NG या BrahMos-MA मौजूदा ब्रह्मोस मिसाइल का एक छोटा वर्जन होगा। नई मिसाइल की रेंज 290 किलोमीटर होने का अनुमान है। यह ब्रह्मोस के हालिया वर्जन से कम से कम 3 मीटर छोटी और 50 फीसदी हल्‍की होगी। इसका वजन 1206 किलोग्राम होगा, जबकि अभी उपलब्‍ध ब्रह्मोस मिसाइल का वजन करीब ढाई हजार किलोग्राम है। 
 

तेजस एयरक्राफ्ट पर होगी फ‍िट! दुश्‍मन पर बरसाएगी आफत 

रिपोर्ट के अनुसार, ब्रह्मोस कंपनी के CEO अतुल दिनकर राणे ने पिछले साल ऐलान किया था कि नई मिसाइल को LCA तेजस विमान पर लगाया जाएगा। हालांकि डेवलपमेंट के दौरान यह मिसाइल पहले रूस द्वारा निर्मित विमानों पर लगेगी। बाद में इसे भारत में बने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट पर लगाया जाएगा। LCA तेजस के अलावा यह मिसाइल सुखोई एयरक्राफ्ट में भी लगाई जा सकती है। 

BrahMos-MA का कम वजन इसे समुद्र के नीचे से दागे जाने के भी काबिल बनाएगा। सबकुछ ठीक रहा तो मिसाइल की टेस्टिंग साल 2026 तक शुरू हो सकती है। 
 
 

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