जिम्बाब्वे की सरकार भी बिटकॉइन को कानूनी मान्यता देने की ओर आगे बढ़ रही है। खबरें हैं कि जिम्बाब्वे सरकार जिम्बाब्वे डॉलर के साथ-साथ बिटकॉइन को भी लीगल पेमेंट ऑप्शन के रूप में अपनाने पर विचार कर रही है। इस दक्षिण अफ्रीकी देश में ई-गवर्नमेंट टेक्नॉलजी के प्रमुख चार्ल्स वेक्वेट ने खुलासा किया है कि प्राइवेट सेक्टर के प्लेयर्स के साथ बिटकॉइन पेमेंट को लीगल बनाने पर चर्चा चल रही है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि जिम्बाब्वे सरकार इस विषय पर कब तक अंतिम फैसला ले सकती है।
Wekwete के अनुसार, सरकार को डर है कि कुख्यात लोग मनी लॉन्ड्रिंग को आसान बनाने और अन्य अवैध गतिविधियों को फंड देने के लिए क्रिप्टोकरेंसी का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसका पता लगाना बहुत मुश्किल हो सकता है।
जिम्बाब्वे के समाचार पोर्टल
Bulawayo24 की एक रिपोर्ट में टॉप अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि सरकार अभी इसे (क्रिप्टोकरेंसी) ठीक से समझने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा है कि हम इसके इम्प्लिकेशन समझने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि बॉर्डर पार से पैसों की आवाजाही, मनी लॉन्ड्रिंग समेत बहुत सी चीजों के बारे में आशंकाएं हैं। देश में बिटकॉइन को अपनाने को लेकर प्राइवेट सेक्टर के लोगों और कंपनियों के सुझाव मंगाए गए हैं।
इस साल की शुरुआत में अल साल्वाडोर
बिटकॉइन को लीगल बनाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया था। अब जिम्बाब्वे के अल सल्वाडोर की राह पर चलने और क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने की खबरों ने ट्विटर पर भी चर्चाओं को तेज कर दिया है।
हाल के दिनों में दुनिया भर में क्रिप्टो कल्चर का विस्तार देखा गया है। अमेरिका, भारत और पाकिस्तान समेत कई देशों की सरकारें क्रिप्टो स्पेस को रेग्युलेट करने पर काम कर रही हैं। कई इंटरनैशनल कंपनियां भी इस कल्चर को स्वीकार कर रही हैं।
मार्केट रिसर्च ट्रैकर,
कॉइनगेको के अनुसार, वर्तमान में क्रिप्टो मार्केट का ओवरऑल वैल्यूएशन $3.007 ट्रिलियन (लगभग 2,22,79,296 करोड़ रुपये) के मार्क पर पहुंच रहा है।