क्रिप्टो-लैंडिंग प्लेटफॉर्म BlockFi ने अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) और कई राज्यों के रेगुलेटर्स द्वारा चलाई जा रही जांच को निपटाने के लिए 100 मिलियन डॉलर (लगभग 755 करोड़ रुपये) का भुगतान करने पर सहमती जताई है। बता दें कि SEC का आरोप है कि ब्लॉकफाई ने रेगुलेटर्स द्वारा लगाए गए जुर्माने के बारे में बताते हुए अपने डिपोज़िटर्स को उसके रिक्स के बारे में गलत तरीके से बाताया। यह किसी क्रिप्टोकरेंसी फर्म के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना है।
SEC सचिव वैनेसा कंट्रीमैन (Vanessa Countryman) के
आदेश में कहा गया है, "ब्लॉकफाई ने बीआईए (ब्लॉकफाई इंटरेस्ट अकाउंट) निवेशकों को अपने लोन पोर्टफोलियो में जोखिम के स्तर को लेकर गलत बयान दिया।" उन्होंने कहा "ब्लॉकफाई ने कई वेबसाइट पोस्ट में एक बयान दिया कि इसके [कंपनी के] इंस्टीट्यूशनल लोन 'आम तौर पर' अति-संपार्श्विक थे, जबकि वास्तव में, अधिकांश लोन नहीं थे।"
BlockFi ने SEC द्वारा लगाए गए जुर्माने की पुष्टि करते हुए एक
प्रेस रिलीज़ जारी की। हालांकि, कंपनी ने SEC के निष्कर्षों को स्वीकार या अस्वीकार नहीं किया।
SEC के निष्कर्ष में सेंट्रलाइज़्ड फाइनेंशियल ऑफरिंग और डीसेंट्रलाइज़्ड फाइनेंशियल (DeFi) लैंडिंग प्लेटफार्मों के बीच के मुख्य अंतरों में से उस एक अंतर को उजागर भी किया गया, जहां प्रत्येक जमाकर्ता (डिपोज़िटर) और ऋणदाता (लैंडर) के लिए पोजीशन और टर्म्स उनके द्वारा चलाए जा रहे ब्लॉकचेन पर वैरिफाई होती हैं।
BlockFi क्रिप्टो एसेट इंटरेस्ट अकाउंट प्रदान करता है, जो यूज़र्स को बैंकों की तुलना में बेहतर ब्याज कमाने में मदद करता है। हालांकि, SEC ने इन इंटरेस्ट-एर्निंग प्रोडक्ट्स को सिक्योरिटीज़ के रूप में घोषित किया है, क्योंकि क्रिप्टो एसेट का उपयोग उधार देने और इंटरेस्ट कमाने के लिए किया जाता है।
BlockFi ने यह भी
घोषणा की है कि कंपनी एक नए, रेगुलेट्री का अनुपालन करने वाले लैंडिंग प्रोडक्ट को रजिस्टर करने की योजना बना रही है, जो क्रिप्टो इंडस्ट्री में अपनी तरह का पहला प्रोडक्ट होगा।
बड़े पैमाने पर जर्माने को DeFi इकोसिस्टम के लिए एक भारी झटके के रूप में देखा जा रहा है। TechCrunch से बात करते हुए, क्रिप्टो-एसेट अटॉर्नी मैक्स डिलेंडॉर्फ (Max Dilendorf) कहते हैं कि SEC ने अनिवार्य रूप से DeFi लैंडिंग बिजनेस मॉडल का "सफाया" कर दिया है।
उन्होंने कहा कि इंटरेस्ट-बीयरिंग अकाउंट प्रदान करने के इच्छुक किसी भी क्रिप्टो प्लेटफॉर्म को अनिवार्य रूप से पब्लिक-ट्रेडिंग कंपनी बनने की आवश्यकता होगी। यह DeFi के बिल्कुल विपरीत है, जो बड़े पैमाने पर डीसेंट्रलाइज़्ड ऑटोनोमस ऑर्गनाइजेशन (DAOs) द्वारा ऑपरेट किया जाता है। जो फर्में इस दिशा में चलना चाहती हैं, उन्हें एक S-1 स्टेटमेंट फाइल करना होगा, जो एक इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) शुरू करने के समान है। इस महंगे प्रोसेस के लिए निवेशकों को मान्यता प्राप्त होने की भी आवश्यकता होगी।