भारत का चंद्रयान-3
(Chandrayaan 3) मिशन अपने रास्ते में है। यह 14 जुलाई को पृथ्वी से लॉन्च हुआ था। हाल में रूस की स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मॉस (Roscosmos) ने भी चांद पर मिशन भेजा है। लूना-25 (Luna-25) नाम के मिशन को 10 अगस्त को लॉन्च किया गया था। ऐसा कहा जा रहा है कि बाद में लॉन्च होने के बाद भी लूना-25 मिशन चंद्रयान-3 से पहले चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर सकता है। आइए जानते हैं कौन सा मिशन कब चांद पर उतरने वाला है।
चंद्रयान-3 की लैंडिंग कब?
चंद्रयान-3 स्पेसक्राफ्ट ने 14 जुलाई को चंद्रमा की उड़ान भरी थी। इसने 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। फिलहाल यह चंद्रमा के साथ अपनी सबसे करीबी कक्षा में है। स्पेसडॉटकॉम ने
लिखा है कि
चंद्रयान-3 जिस लैंडिंग साइट को टार्गेट कर रहा है, वह 69.37˚S 32.35˚E है। इसरो पहले ही बता चुकी है कि वह 23 अगस्त की शाम भारतीय समय के अनुसार 5 बजकर 47 मिनट पर चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश करेगी। इसरो के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर, सौर ऊर्जा से चलते हैं, जिस वक्त ये वहां लैंड होंगे, सूर्य की रोशनी मौजूद होगी।
लूना-25 की लैंडिंग कब?
लूना-25 की लैंडिंग भी चांद के दक्षिणी ध्रुव पर होनी है। स्पेसडॉटकॉम के अनुसार, इसे लैंडिंग साइट 72.9˚S 43.2˚E पर उतारा जा सकता है। रिपोर्ट कहती है कि लूना-25 आंशिक रूप सोलर पावर्ड है। जिस जगह पर यह लैंड कर सकती है, वहां 20 अगस्त को सूर्य उग जाएगा। ऐसे में रूस का लूना-25 भारत के चंद्रयान-3 मिशन से पहले चांद के साउथ पोल पर उतर सकता है।
फिर भी हम बनेंगे नंबर-1
रूस का मिशन भले ही चांद पर पहले लैंड कर जाए, फिर भी भारत नंबर-1 बनेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि लूना-25 मिशन के साथ कोई रोवर शामिल नहीं है। जबकि चंद्रयान-3 मिशन में प्रज्ञान रोवर शामिल है। 26 किलोग्राम का यह रोवर जब चांद पर चहलकदमी शुरू करेगा, तो भारत दुनिया का पहला देश बन जाएगा, जिसका रोवर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर होगा।