• होम
  • चंद्रयान
  • ख़बरें
  • Chandrayaan 3 रॉकेट का ऊपरी हिस्‍सा हुआ अनियंत्रित, पृथ्‍वी के वायुमंडल में एंट्री, कहां गिरेगा? जानें

Chandrayaan-3 रॉकेट का ऊपरी हिस्‍सा हुआ अनियंत्रित, पृथ्‍वी के वायुमंडल में एंट्री, कहां गिरेगा? जानें

Chandrayaan-3 Rocket : इसरो ने एक बयान में कहा कि इसका इम्‍पैक्‍ट पॉइंट उत्तरी प्रशांत महासागर के ऊपर अनुमानित है।

Chandrayaan-3 रॉकेट का ऊपरी हिस्‍सा हुआ अनियंत्रित, पृथ्‍वी के वायुमंडल में एंट्री, कहां गिरेगा? जानें

Photo Credit: File Photo/ISRO

रॉकेट बॉडी की री-एंट्री, मिशन की लॉन्चिंग के 124 दिनों के बाद हुई है।

ख़ास बातें
  • चंद्रयान 3 के रॉकेट का ऊपरी हिस्‍सा हुआ अनियंत्रित
  • पृथ्‍वी के वायुमंडल में कर गया है प्रवेश
  • इसका इम्‍पैक्‍ट पॉइंट उत्तरी प्रशांत महासागर पर हो सकता है
विज्ञापन
Chandrayaan-3 मिशन को लेकर जिस LVM3 M4 रॉकेट ने इस साल 14 जुलाई को उड़ान भरी थी, उसका ऊपरी हिस्‍सा अनियंत्रित होकर पृथ्‍वी के वायुमंडल में पहुंच गया है। भारतीय स्‍पेस एजेंसी इसरो (ISRO) ने यह जानकारी दी है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, चंद्रयान-3 मिशन को सफलतापूर्वक कक्षा में पहुंचाने वाले रॉकेट का ‘क्रायोजेनिक' ऊपरी हिस्सा बुधवार को पृथ्‍वी के वायुमंडल में अनियंत्रित तरीके से दोबारा एंट्री कर गया। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि रॉकेट का हिस्‍सा धरती में कहां गिर सकता है।   

रिपोर्ट के अनुसार, इसरो ने एक बयान में कहा कि इसका इम्‍पैक्‍ट पॉइंट उत्तरी प्रशांत महासागर के ऊपर अनुमानित है। अंतिम ‘ग्राउंड ट्रैक' भारत के ऊपर से नहीं गुजरा, जोकि राहत की बात है। इसरो ने बताया है कि यह रॉकेट बॉडी, LVM3 M4 लॉन्‍च यान का हिस्सा थी और दोपहर 2.42 बजे पृथ्‍वी के वायुमंडल में फ‍िर से एंट्री कर गई।  

रॉकेट बॉडी की री-एंट्री, मिशन की लॉन्चिंग के 124 दिनों के बाद हुई है। अभी तक की रिपोर्ट के अनुसार फ‍िलहाल किसी तरह के नुकसान की संभावना इस री-एंट्री से अनुमानित नहीं है।  

इसरो से जुड़ी अन्‍य खबरों की बात करें, तो भारतीय स्‍पेस एजेंसी, अमेरिका की स्‍पेस एजेंसी नासा के साथ मिलकर निसार सैटेलाइट को लॉन्‍च करने वाली है। नासा के अधिकारियों ने कहा है कि ‘नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर राडार' (निसार) कुछ टेस्‍टों के बाद 2024 की पहली तिमाही में लॉन्‍च के लिए रेडी है। निसार मिशन 3 साल का है। इसका लक्ष्‍य हर 12 दिन में पृथ्वी की पूरी जमीन और बर्फ से ढकी सतहों का सर्वे करना है। 

निसार सैटेलाइट की मदद से हर 12 दिन में पूरी दुनिया का मैप बनाया जाएगा और पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र, बर्फ का द्रव्यमान, समुद्र के स्तर में बढ़ोतरी, भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी और भूस्खलन जैसे मामलों को समझने में मदद मिलेगी। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Samsung Galaxy A36 5G, Galaxy A56 5G इस कीमत में साथ भारत में खरीदने के लिए हुए उपलब्ध, जानें लॉन्च ऑफर्स
  2. स्कूलों में स्मार्टफोन पर पूरी तरह बैन सही नहीं! कोर्ट ने जारी की गाइडलाइन्स
  3. Blinkit की 10 मिनट में एंबुलेंस की सर्विस ने बचाया मरीज का जीवन
  4. बच्चों के डाटा प्राइवेसी को लेकर यूके कर रहा TikTok और Reddit की जांच
  5. OnePlus Red Rush Days Sale: OnePlus 13, OnePlus 12 से लेकर वॉच और ईयरबड पर 10 हजार तक डिस्काउंट
  6. Google कर्मचारियों को 60 घंटे काम करने की सलाह, को-फाउंडर ने बताई ये वजह
  7. स्पेस में फंसी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स की इस महीने होगी वापसी, NASA कर रही तैयारी
  8. Samsung का तगड़ा एक्सचेंज प्रोग्राम! Galaxy S25 Ultra खरीदने पर Rs 15 हजार तक का लॉयल्टी बोनस
  9. Xiaomi ने शुरू की SU7 Ultra की बिक्री, 350 की टॉप स्पीड, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  10. MWC 2025: AI कनेक्ट Honor यूजर्स को देगा बिना केबल के iPhone में फाइल ट्रांसफर करने की सुविधा
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »