AI वॉर गर्माने वाली है! ChatGPT और Gemini को टक्कर देने के लिए Meta ने लॉन्च किया Llama 4

Llama 4 Maverick एक हाई-परफॉर्मेंस मॉडल है, जो GPT-4o और DeepSeek-V3 जैसे एडवांस्ड मॉडल्स के बराबर या उनसे बेहतर रिजल्ट देने का दावा करता है।

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ख़ास बातें
  • Llama 4 Scout एक हल्का मॉडल है, जो सिंगल Nvidia H100 GPU पर चल सकता है
  • Maverick GPT-4o और DeepSeek-V3 जैसे मॉडल्स जैसा हाई-परफॉर्मेंस मॉडल है
  • Meta एक तीसरे सुपर मॉडल पर भी काम कर रहा है जिसका नाम Llama 4 Behemoth है
AI वॉर गर्माने वाली है! ChatGPT और Gemini को टक्कर देने के लिए Meta ने लॉन्च किया Llama 4

Photo Credit: Reuters

Meta ने अपनी नई AI सीरीज Llama 4 को लॉन्च कर दिया है, जो सीधे तौर पर OpenAI के GPT-4 और Google Gemini जैसे चैटबॉट्स को चुनौती देती है। इस बार कंपनी ने दो नए मॉडल, Llama 4 Scout और Llama 4 Maverick लॉन्च किए हैं, जबकि एक सुपर-पावरफुल मॉडल Llama 4 Behemoth पर काम जारी है। Meta का दावा है कि इनके परफॉर्मेंस, खासकर लॉजिकल रीजनिंग और कोडिंग टास्क में, मौजूदा टॉप AI मॉडल्स से बेहतर हैं। साथ ही ये मॉडल Meta AI चैटबॉट में भी इंटीग्रेट किए जा रहे हैं, जो WhatsApp, Instagram और Messenger जैसे प्लेटफॉर्म्स पर इस्तेमाल होगा।

Meta के साथ-साथ मार्क जुकरबर्ग ने भी खुद अपने लेटेस्ट लैंगुएज मॉडल्स (LLMs) की जानकारी लोगों के साथ शेयर की। इसमें दो प्रमुख वर्जन शामिल हैं, जिसमें पहला Llama 4 Scout है। यह एक हल्का मॉडल है जिसे एक सिंगल Nvidia H100 GPU पर चलाया जा सकता है। इसमें 10 मिलियन टोकन का कॉन्टेक्स्ट विंडो है और इसका टारगेट है हाई-क्वालिटी आउटपुट कम रिसोर्स में देना। परफॉर्मेंस के मामले में यह Mistral 3.1 और Google Gemma 3 जैसे हल्के मॉडल्स से बेहतर है।

वहीं, दूसरा Llama 4 Maverick है, जो एक हाई-परफॉर्मेंस मॉडल है, जो GPT-4o और DeepSeek-V3 जैसे एडवांस्ड मॉडल्स के बराबर या उनसे बेहतर रिजल्ट देने का दावा करता है। खासतौर पर कोडिंग और लॉजिकल टास्क में इसकी परफॉर्मेंस काफी प्रभावशाली बताई जा रही है।
 
Meta एक तीसरे सुपर मॉडल पर भी काम कर रहा है जिसका नाम Llama 4 Behemoth है। इसमें 2 ट्रिलियन पैरामीटर्स होंगे और 288B एक्टिव पैरामीटर्स के साथ ये अभी तक का सबसे बड़ा Meta मॉडल हो सकता है। दावा किया गया है कि यह GPT-4.5 और Claude 3 Sonnet जैसे मॉडल्स को भी पछाड़ सकता है।

इस बार Meta ने इन मॉडल्स में Mixture of Experts (MoE) आर्किटेक्चर का इस्तेमाल किया है। इसका फायदा ये है कि सारे पैरामीटर्स एक साथ एक्टिव नहीं होते, जिससे तेज़ स्पीड और बेहतर एफिशिएंसी मिलती है।

Meta ने यह भी कन्फर्म किया है कि इसके AI मॉडल अब WhatsApp, Messenger, Instagram और वेब जैसे प्लेटफॉर्म्स में Meta AI के जरिए इंटीग्रेट किए जा रहे हैं। इससे यूज़र्स को पहले से ज्यादा स्मार्ट और इंटरैक्टिव चैटबॉट एक्सपीरियंस मिलेगा।

हालांकि, Meta के इस मॉडल को पूरी तरह ओपन-सोर्स नहीं कहा जा सकता, क्योंकि इसकी लाइसेंसिंग में कमर्शियल यूज को लेकर कुछ सीमाएं हैं। Open Source Initiative जैसी संस्थाओं ने इस पर सवाल भी उठाए हैं।

Meta ने इन सभी एलान की डिटेल्स 29 अप्रैल को होने वाली LlamaCon कॉन्फ्रेंस में साझा करने का प्लान बनाया है।

(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a press release)

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नितेश पपनोई

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