लेईको ले 1एस ईको का रिव्यू

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जमशेद अवारी, अपडेटेड: 24 जून 2016 18:03 IST
कुछ महीने पहले ले 1एस हैंडसेट के जरिए भारतीय मार्केट में कदम रखने वाली चीन की लेईको कंपनी ने बाज़ार में तेजी से और सस्ते फोन उतारने शुरू कर दिए हैं। फोन को जरिया बनाकर कंपनी ने अपनी कंटेंट सर्विस 'लेईको मैंबरशिप' को पेश किया है। कंपनी को उम्मीद है कि ये सेवाएं भविष्य में उसकी कमाई का मुख्य जरिया बनेंगी।

यह एक रोचक रणनीति है, और कुछ हद तक जुआ भी। क्या ग्राहक एक साल की मुफ्त मेंबरशिप खत्म हो जाने के बाद अगले साल से सब्सक्रिप्शन के लिए भुगतान करेंगे? यह देखने वाला होगा। क्या लेईको ऐसा ऑफर देने में कामयाब रहेगी जिसे भारतीय स्मार्टफोन यूज़र नकार नहीं पाएंगे। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए हम आपको ले 1एस ईको के रिव्यू से रूबरू कराते हैं।


लुक और डिजाइन
अगर आपने ले 1एस को देखा या इस्तेमाल किया है तो ले 1एस ईको के बारे में कहने के लिए कुछ भी नया नहीं है। दोनों ही फोन बिल्कुल ही एक जैसे हैं। नया मॉडल अभी सिर्फ गोल्ड वेरिएंट में उपलब्ध है, लेकिन दोनों की बनावट में कोई ऐसा बदलाव नहीं है जिसका ज़िक्र किया जाए। डाइमेंशन और वज़न के लिहाज से भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। हमें दिए गए टेस्ट यूनिट में अब भी पुराना लेटीवी लोगो मौजूद था। यह चौंकाने वाला है, क्योंकि कंपनी को इसे बदलने के लिए लंबा वक्त मिल चुका है।

ले 1एस को बनाने में इस्तेमाल किए गए मेटेरियल और बिल्ड क्वालिटी बेहतरीन हैं। इसलिए हम इस फोन से भी पूरी तरह से संतुष्ट हैं। यह दिखने में ज्यादा महंगा होने का एहसास देता है। यह किनारों पर थोड़ा शार्प है, लेकिन इसे आमतौर पर हाथों में रखना और इस्तेमाल करना काफी कंफर्टेबल है।
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सारे अहम प्वाइंट तक आसानी से पहुंचा जा सकता है, चाहे रियर हिस्से पर मौजूद फिंगरप्रिंट सेंसर ही क्यों ना हो। दायीं तरफ मौजूद सिम कार्ड स्लॉट में एक नैनो सिम और एक माइक्रो सिम कार्ड इस्तेमाल किए जा सकते हैं। हैंडसेट में माइक्रोएसडी कार्ड के लिए सपोर्ट मौजूद नहीं है। ले 1एस ईको यूएसबी टाइप-सी पोर्ट के साथ आता है जिसका इस्तेमाल चार्ज और डेटा ट्रांसफर के लिए किया जा सकता है। आपको एक क्विक चार्जर भी मिलेगा, जो आमतौर पर मिलने वाले चार्जर से ज्यादा बड़ा और वज़नदार है।

स्पेसिफिकेशन
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ले 1एस की तुलना में ले 1एस ईको थोड़े कम क्लॉक स्पीड वाले सीपीयू के साथ आता है। यह भी ऑक्टा-कोर मीडियाटेक हीलियो एक्स10 प्रोसेसर के साथ आता है, लेकिन कंपनी ने बताया है कि पुराने फोन की 2.2 गीगाहर्ट्ज़ क्लॉक स्पीड की तुलना में यह 1.8 गीगाहर्ट्ज़ की क्लॉक स्पीड देगा।
 

इसमें 5.5 इंच का 1080x1920 पिक्सल रिज़ॉल्यूशन वाला डिस्प्ले है। नए वेरिएंट में भी 3 जीबी रैम है और इनबिल्ट स्टोरेज 32 जीबी है। 3000 एमएएच की बैटरी, 13 मेगापिक्सल रियर कैमरा और 5 मेगापिक्सल के फ्रंट कैमरे में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। आपको रियर हिस्से पर फिंगरप्रिंट सेंसर पर भी मिलेगा।
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इसमें वाई-फाई एसी, ब्लूटूथ 4.1 और ए-जीपीएस के साथ दोनों ही सिम 4जी एलटीई नेटवर्क को सपोर्ट करेंगे। माइक्रोएसडी कार्ड के लिए जगह तो नहीं है, लेकिन कंपनी ले मेंबरशिप में 5 टीबी की क्लाउड स्टोरेज मुफ्त मिलेगी। यह किसी भी फोन के लिए बेहतरीन स्पेसिफिकेशन हैं, जो इस कीमत में ले 1एस ईको को और शानदार बनाता है।
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इसका मतलब है कि आपको आमूल-चूल बदलाव के साथ पुराना फोन ही दिया जा रहा है, लेकिन कम कीमत में। हमें देखना होगा कि कम क्लॉक स्पीड का असर परफॉर्मेंस पर किस तरह से पड़ेगा। उम्मीद है कि इसका असर बहुत ज्यादा नहीं होगा।

सॉफ्टवेयर
इस डिपार्टमेंट में नया ले 1एस ईको पुराने फोन से अलग हो जाता है। फोन अभी एंड्रॉयड 5.0.2 पर चलता है और हमें लगता है कि कस्टम ईयूआई स्किन पर और काम करने की ज़रूरत है। हमारा मानना है कि एंड्रॉयड की आम क्षमता में गैर-जरूरी बदलाव किए गए हैं। कोर सॉफ्टवेयर अपडेट और इंडस्ट्री के कुछ ट्रिक्स का इस्तेमाल करके इस कस्टम यूआई को और बेहतर बनाया जा सकता है।
 

हालांकि, इस फोन की सबसे अहम खासियत लेईको मेंबरशिप पैकेज है। इससे यूज़र को सिनेमा, टीवी चैनल, गाने और लाइव स्ट्रीम की सुविधा मिलती है। आप यहां होमस्क्रीन के निचले हिस्से में नज़र आ रहे लाइव आइकन को टैप करके पहुंच सकते है। सीधे शब्दों में यह यप्प टीवी का कस्टमाइज़्ड वर्ज़न है।
 

अभी चैनल के विकल्प सीमित हैं, लेकिन तेज इंटरनेट कनेक्शन में क्वालिटी खराब नहीं है। आपको 10 भारतीय भाषाओं में कई न्यूज और म्यूजिक चैनल मिलेंगे। लेकिन स्पोर्ट्स, मूवीज, इंटरटेनमेंट चैनल के विकल्प अभी नहीं हैं।

परफॉर्मेंस
मीडिया फ़ीचर को छोड़ भी दिया जाए तो ले 1एस ईको एक मजबूत फोन है। हमने पाया कि वीडियो स्ट्रीमिंग के दौरान कई बार फोन बहुत गर्म हो गया और ख़ासकर चार्ज करने के दौरान। अगर आप इसे लगातार अपने हाथों में पकड़े रहते हैं तो यह थोड़ा असहज हो सकता है। गेम खेलने में दिक्कत नहीं हुई। फूल-एचडी स्क्रीन पर सिनेमा देखने को अनुभव शानदार रहा। बिल्ट इन स्पीकर अच्छे हैं, लेकिन ग्रुप में वीडियो देखने के लिए पर्याप्त नहीं।
 

कम क्लॉक स्पीड का असर बेंचमार्क नतीजों में बहुत ज्यादा नहीं दिखा। ले 1एस ईको के बेंचमार्क नतीजे पुराने ले 1एस के आसपास ही रहे।

हमारे बैटरी लूप टेस्ट में फोन की बैटरी 6 घंटे और 7 मिनट तक चली, जो निराशाजनक है। आम इस्तेमाल में फोन की बैटरी अच्छा चली और स्टैंडबाय टाइम भी गौर करने योग्य था।
 

कैमरे की परफॉर्मेंस भी ले 1एस की तरह थी। दिन की रोशनी में ली गई तस्वीरें काफी अच्छी निकलीं। कभी-कभार फोकस लॉक की समस्या रही। कम रोशनी में लिए गए शॉट बेहद ही खराब निकले। स्ट्रीटलैंप्स, शॉप साइन्स या विंडोज की रोशनी में भी ली गई तस्वीरें इस्तेमाल करने योग्य नहीं थीं। यहीं पर ले 1एस के इस वेरिएंट के सस्ता होने की वजहें पता चलती हैं।

हमारा फैसला
लेईको ने ले 1एस ईको को पुराने फोन के स्पेशल एडिशन के बजाय अलग मॉडल के तौर पर लॉन्च करने का रोचक फैसला किया है। दोनों ही फोन लगभग एक जैसे हैं। कीमत में 100 रुपये के अंतर और क्लॉक स्पीड में मामूली फ़र्क के अलावा कुछ भी अलग नहीं है। कंपनी का ध्यान कंटेंट पर है और यहां पर लेईको को ग्राहकों के बीच सहमति बनाने के लिए बहुत काम करना पड़ेगा।
 

अगर इस कंपनी द्वारा दिए जा रहे कंटेंट आपके काम के नहीं हैं, तो आप 490 रुपये प्रति माह अपनी पसंद के किसी और कंटेंट पर खर्चना पसंद करेंगे। हालांकि, 5 टीबी की क्लाइड स्टोरेज इस प्राइस रेंज में एक बेहतरीन ऑफर है।

अगर आपके लिए कम क्लॉक स्पीड प्रोसेसर की तुलना में कंटेंट ज्यादा अहम हैं तो ले 1एस खरीदने के बजाय ले 1एस ईको के बारे में सोचें। दूसरी तरफ, अगर आप कंटेंट का इस्तेमाल कभी नहीं करने वाले तो आप पुराने ले 1एस को खरीदें। दोनों ही दिखने में अच्छे हैं। अगर आप कैमरा क्वालिटी और बैटरी लाइफ को लेकर बेहद ही सजग हैं तो दोनों ही फोन से बचें।
 

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