ड्रग अपराधों के मुश्किल मामलों की जांच करने के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ऐसे एक्सपर्ट नियुक्त करने जा रहा है, जो डार्क वेब, क्रिप्टोकरेंसी और मल्टीलेयर्ड ट्रांजैक्शंस के जरिए छुपाई गईं डील्स को सामने लाने में मदद कर सकें। पिछले साल (NCB) के प्रमुख एसएन प्रधान ने निर्देश दिया था कि एजेंसी के अधिकारियों का मकसद केवल अंतरराज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव वाले मामलों की जांच करना होना चाहिए और वो मामले जिनमें हाई-प्रोफाइल सिंडिकेट शामिल हैं। उन्होंने अपनी जांच विंग से अदालतों में समय पर चार्जशीट दाखिल करने को भी कहा था।
जिन एक्सपर्ट और एजेंसीज को नियुक्त किया जाएगा, वो पैसों के लेन-देन की सीरीज का पता लगाएंगी साथी ही वित्तीय जांच के मामलों में NCB को मदद करेंगी। NCB और दूसरी एजेंसियों के डेटाबेस में मौजूद वित्तीय डिटेल्स और डेटा का विश्लेषण करने में भी एक्सपर्ट की मदद ली जाएगी। ये एक्सपर्ट NCB टीमों को फोरेंसिक ऑडिट में भी मदद करेंगे। साथ ही डॉक्युमेंट्स की जांच करने और बैंक स्टेटमेंट का विश्लेषण करने में भी मदद करेंगे। विशेषज्ञों के जरिए आरोपी, उसके सहयोगियों और परिवार के सदस्यों की अवैध आय का पता लगाने में भी मदद ली जाएगी।
शुरुआत में इन फाइनेंशियल एक्सपर्ट को दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, मुंबई, चंडीगढ़, बेंगलुरु और गुवाहाटी में स्थित NCB के जोनल ऑफिसेज के साथ अटैच करने का प्रस्ताव है। NCB तेजी से ऐसे मामलों का पता लगा रहा है, जिनमें नारकोटिक डील्स के लिए डार्क वेब, क्रिप्टोकरेंसी और मल्टीपल पेमेंट्स गेटवे का इस्तेमाल बढ़ गया है।
NCB के अधिकारी ने कहा कि ऐसे मामलों की जांच के लिए अब स्पेशलाइज्ड लोग चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधों की जांच के लिए एजेंसी आक्रामक रूप से 'साइबर गश्त' कर रही है। उन्होंने कहा कि हम जल्द ही एक साइबर विंग भी बनाने जा रहे हैं। पैनल में शामिल होने वाले प्राइवेट एक्सपर्ट की रिपोर्ट से एजेंसी को जांच की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
NCB ने पिछले महीने 22 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें सॉफ्टवेयर इंजीनियर, फाइनेंशल एनालिस्ट, एमबीए ग्रैजुएट शामिल थे। ये सभी एक बड़े ड्रग ट्रैफिकिंग नेटवर्क का हिस्सा थे। आरोपी लोगों के घरों तक नशीले पदार्थों को कूरियर करने के लिए 'डार्क नेट' और क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करते थे।