पिछले कुछ दिनों से चीनी रॉकेट Long March 5B ने कई देशों की नींद उड़ा रखी थी। खबर थी कि रॉकेट आउट ऑफ कंट्रोल हो गया है और उसका मलबा किसी भी समय धरती पर कहीं भी गिर सकता है। अमेरिका समेत कई देशों को इससे खतरा था। कई दिनों के बाद अब सभी देशों ने राहत की सांस ली है, क्योंकि इस चीनी रॉकेट (Chinese Rocket) का मलबा रविवार को मालदीव के पास हिंद महासागर (Indian Ocean) में गिर गया। बीते कुछ दिनों से चीन का यह 21 टन वजनी रॉकेट अंतरिक्ष में अनियंत्रित होकर पृथ्वी के चक्कर लगा रहा था। यदि यह पूरा रॉकेट या इसका एक छोटा हिस्सा भी धरती पर किसी रिहायशी इलाके में गिर जाता, तो निश्चित तौर पर एक बड़ा हादसा हो सकता था।
चीन के सरकारी अखबार ChinaDaily की
रिपोर्ट के अनुसार, चीनी स्पेस एजेंसी China Manned Space Agency (CMSA) ने रविवार को घोषित किया कि चीनी रॉकेट Long March 5B Y2 रॉकेट का बड़ा हिस्सा धरती के वातावरण में प्रवेश करते समय ध्वस्त हो गया और बचा हुआ हिस्सा हिंद माहासागर में गिर गया। इस रॉकेट ने बीजिंग के समयानुसार सुबह 10 बजकर 24 मिनट पर पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश किया और कुछ समय बाद यह समुद्र के एक खुले क्षेत्र में गिर गया।
चीन अंतरिक्ष में अपना खुद का स्पेस स्टेशन बना रहा है। इस स्टेशन का नाम तियांगोंग स्पेस स्टेशन (Tiangong Space Station) होगा और इसी के पहले हिस्से को लॉन्ग मार्च 5बी वाई2 रॉकेट के साथ भेजा गया था। इस रॉकेट ने स्पेस स्टेशन के मॉड्यूल को सफलतापूर्वक अपने तय स्थान पर छोड़ दिया था, लेकिन वापस आते समय यह अनियंत्रित हो गया और पिछले कुछ दिनों से इसने सभी देशों की नाक में दम किया हुआ था।
चीन आगामी हफ्तों में अपने अंतरिक्ष केंद्र कार्यक्रम के लिए कुछ अन्य रॉकेट भी भेज सकता है। खबर है कि चीन अपने इस स्पेस स्टेशन को 2022 तक पूरा करने की योजना बना रहा है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि हमें इससे खतरा है। स्पेस प्रोग्राम में इस तरह के हादसे होते रहते हैं। इससे पहले भी कई देशों के स्पेस प्रोग्राम विफल हो चुके हैं।