Arecibo Message Google Doodle: वो संदेश जो 44 साल पहले धरती से भेजा गया

Arecibo Message 44th Anniversary Google Doodle 44 साल पहले इंसान ने पृथ्वी से बाहर तारों को पहला रेडियो मैसेज था।

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गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 16 नवंबर 2018 11:43 IST
ख़ास बातें
  • Arecibo Message अभी 259 ट्रिलियन माइल तक ही पहुंच पाया है
  • Arecibo Message को याद करते हुए बनाया गया Google Doodle
  • 3 मिनट से कम समय का था Arecibo Message

Arecibo Message 44th Anniversary: 44 साल पहले इंसान ने पृथ्वी से बाहर तारों को पहला रेडियो मैसेज था

आज से 44 साल पहले इंसान ने पृथ्वी से बाहर तारों को पहला रेडियो मैसेज (Arecibo Message) भेजा था। गूगल ने इसी उपलब्धि को सम्मानित करते हुए अरसीबो मैसेज का Google Doodle तैयार किया है। काले रंग के बैकग्राउंड पर अरसीबो मैसेज का गूगल डूडल देखने में रंग-बिरंगा नजर आ रहा है। 44th anniversary of Arecibo message Google doodle पर क्लिक करने के बाद अरसीबो मैसेज से संबंधित जानकारियां सामने आ जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि प्रसारित हुआ यह संदेश बेहद ही शक्तिशाली था, लेकिन आज तक इसका जवाब (Arecibo Message Reply) या कह लीजिए रिस्पॉन्स मैसेज प्राप्त नहीं हुआ है।

ऐसा माना जाता है कि 1974 में पोर्टो रीको के जंगलों में स्थित अरसीबो ऑब्ज़र्वेटरी में कुछ वैज्ञानिकों एकत्रित हुए थे। यही वह जगह थी जहां से Arecibo message भेजा गया था। आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि 3 मिनट से कम के इस रेडियो मैसेज में 1,679 बाइनरी डिजिट का इस्तेमाल हुआ था। इन बाइनरी डिजिट्स को 73 पंक्तियों और 23 कॉलम में व्यवस्थित किया जाता है। बता दें कि नंबर की इन सीरीज का लक्ष्य सितारों का वह समूह था, जो पृथ्वी से 25,000 प्रकाश साल की दूरी पर स्थित था। ब्रॉडकास्ट पॉवरफुल इसलिए था क्योंकि इसने 305 मीटर के एंटीना से जुड़े अरसीबो के मेगावाट ट्रांसमीटर का इस्तेमाल किया था।

इंसान की इसी उपलब्धि को याद दिलाते हुए Arecibo Message Google Doodle बनाया गया है। गूगल के मुताबिक, भेजा गया मैसेज लक्ष्य तक पहुंचने में तकरीबन 25 हजार साल का वक्त लेगा, तो ऐसी स्थिति में रिस्पॉन्स मैसेज का इंतजार करना होगा। इस बात से कोई भी वाकिफ नहीं है कि आखिर रिस्पॉन्स मैसेज कब तक आएगा। 44 साल में यह Arecibo Message केवल 259 ट्रिलियन माइल तक ही पहुंच पाया है।

Arecibo Message को लेकर यही उम्मीद है कि यह एक दिन परग्रहियों तक पहुंचेगा। अरसीबो मैसेज की परिकल्पना कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स की टीम द्वारा की गई थी। खगोलविद और तारा-भौतिकविद फ्रैंक ड्रेक के नेतृत्व में Arecibo Message को तैयार किया गया था। मैसेज रिसीव होने पर गणित, इंसानी डीएनए, धरती और इंसान से संबंधित जानकारी देगा। 44th anniversary of Arecibo message के मौके पर यही कहा जा सकता है कि अभी सफर का एक हिस्सा ही पूरा हुआ है। उम्मीद है कि आज से करीब 25 हजार साल बाद कोई जवाब मिल पाए।

 
 

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