रूस के सेंट्रल बैंक- ‘बैंक ऑफ रूस' (Bank of Russia) ने ऐलान किया है कि उसने अपनी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) का शुरुआती ट्रायल कर लिया है। इसे ‘डिजिटल रूबल' कहा जाता है। जानकारी के मुताबिक, बैंक ऑफ रूस के दो बैंक पहले ही डिजिटल करेंसी प्लेटफॉर्म से जुड़ चुके हैं और मोबाइल बैंकिंग ऐप के जरिए कस्टमर्स के बीच ‘डिजिटल रूबल' ट्रांसफर की एक साइकल पूरी हो गई है। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब रूस का केंद्रीय बैंक और वित्त मंत्रालय क्रिप्टोकरेंसी रेगुलेशंस को लेकर किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए हैं।
बैंक ऑफ रूस के डेप्युटी चेयरमैन ओल्गा स्कोरोबोगेटोवा ने
कहा कि डिजिटल रूबल प्लेटफॉर्म देश के नागरिकों, बिजनेसेज और राज्य के लिए एक नया अवसर है। उन्होंने बताया कि डिजिटल रूबल में ट्रांसफर करना मुफ्त होगा। बिजनेसेज को भी यही सहूलियत दी जाएगी, जिससे उनकी लागत घटेगी।
माना जा रहा है कि 'डिजिटल रूबल' को इशू करने की शुरुआत डिजिटल वॉलेट खोलकर और ट्रांसफर प्रोसेस शुरू करके की जाएगी। अगला चरण में गुड्स और सर्विसेज पेमेंट्स की टेस्टिंग होगी। बैंक ऑफ रूस ने संकेत दिया है कि ऑफलाइन पेमेंट और नॉन-रेजिडेंट यूजर्स के साथ लेनदेन का ऑप्शन देने की भी तैयारी है।
Finextra की एक
रिपोर्ट के अनुसार, VTB बैंक और PSB उन 12 फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशंस में से हैं, जो बैंक ऑफ रूस के CBDC पायलट प्रोग्राम में हिस्सा ले रहे हैं। दोनों बैंकों ने सफलतापूर्वक इसे टेस्ट किया है। कुछ और इंस्टिट्यूशंस भी इस पायलट प्रोग्राम का हिस्सा हैं। इनमें Sberbank, Alfa-Bank, Gazprombank, Tinkoff Bank, Promsvyazbank, Rosbank, Ak Bars Bank, Dom.RF Bank, SKB-Bank, Soyuz और TKB Bank शामिल हैं।
गौरतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रूस में अनिश्चितता का माहौल है। रूस के सेंट्रल बैंक और वित्त मंत्रालय ने अलग-अलग रुख जाहिर किया है। पिछले महीने रूस के सेंट्रल बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर पूरी तरह से बैन लगाने का प्रस्ताव दिया था। दूसरी ओर रूसी वित्त मंत्रालय ने सुझाव दिया था कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रेगुलेशन लागू करना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।
कुछ दिनों पहले ही खबर आई थी कि क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने को लेकर सरकार और बैंक ऑफ रूस ने एक समझौता किया है। इसमें क्रिप्टो को DFA (डिजिटल फाइनेंशियल असेट्स) के बजाय ‘करेंसीज के एनालॉग' के रूप में परिभाषित किया जाएगा। इसके साथ ही कानूनी तरीके से क्रिप्टो का इस्तेमाल पूरी आइडेंटिटी के साथ सिर्फ बैंकिंग सिस्टम या लाइसेंस प्राप्त बिचौलियों के जरिए हो सकेगा।