Bitcoin इस हफ्ते की शुरुआत में $31,000 (लगभग 24 लाख रुपये) तक पहुंचने में कामयाब हो गया था। हालांकि, 2022 की बिटकॉइन प्राइस हिस्ट्री (Bitcoin Price History) देखें तो इस साल यह 35 प्रतिशत से घाटे में चल रहा है। फिर भी, दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी किसी तरह $30,000 (लगभग 23.3 लाख रुपये) के आसपास बने रहने में सफल रही है। पिछले 24 घंटों में बिटकॉइन की कीमत में आए बदलाव की बात करें तो यह 0.58 प्रतिशत से नीचे आया है जो कि बहुत बड़ी गिरावट नहीं है। भारतीय एक्सचेंज कॉइनस्विच कुबेर पर दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी $31,859 (लगभग 24.7 लाख रुपये) पर ट्रेड कर रही है। पिछले 24 घंटों में इसकी मार्केट कैपिटलाइजेशन में 0.4 प्रतिशत की गिरावट आई है। इंटरनेशनल एक्सचेंज्स पर दुनिया की सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी ने बढ़त के संकेत दिए हैं। Binance और Coinbase जैसे अन्तर्राष्ट्रीय एक्सचेंज्स पर यह $30,332 (लगभग 23.5 लाख रुपये) पर ट्रेड कर रहा है जो कि पिछले 24 घंटों में 1.9 प्रतिशत की बढ़त है।
बिटकॉइन इस जोखिम भरे बाजार के बीच स्थिरता का परिचय दे रहा है वहीं, पिछले 24 घंटों में ईथर में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। दुनिया की दूसरी सबसे
पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी पिछले कुछ समय से 2,000 डॉलर (करीब 1.55 लाख रुपये) के निशान को पार नहीं कर पाई है। खबर लिखे जाने के समय तक कॉइनस्विच कुबेर पर ईथर की कीमत $ 1,915 (लगभग 1.5 लाख रुपये) पर थी। जबकि ग्लोबल एक्सचेंज्स पर ईथर की कीमत $ 1,811 (लगभग 1.4 लाख रुपये) पर चल रही है, जो कि पिछले 24 घंटों में 0.38 प्रतिशत से अधिक बढ़ गई है।
गैजेट्स 360
क्रिप्टोकरेंसी प्राइस ट्रैकर बताता है कि आज क्रिप्टो प्राइस चार्ट में टॉप ऑल्टकॉइन्स हरे रंग में नजर आए। वहीं, प्राइस चार्ट में नीचे की ओर चलते हुए
Shiba Inu,
Monero,
Litecoin जैसे डिजिटल टोकन लाल रंग में थे। हालांकि इनमें बहुत अधिक गिरावट नहीं आई है। कॉइन्स में जो नुकसान हुआ, वह बहुत मामूली दिख रहा है। डॉजकॉइन में भी आज फिर बढ़त देखी गई। हालांकि इस मीम क्रिप्टोकरेंसी में ये बढ़त 1 प्रतिशत से कम के साथ बहुत मामूली रही, जो कि केवल 0.4 प्रतिशत ही थी।
वर्तमान में क्रिप्टो इंडस्ट्री का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 1.23 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 96,29,342 करोड़ रुपये) है। PwC ने ग्लोबल क्रिप्टो हेज फंड रिपोर्ट (Global Crypto Hedge Fund Report) जारी की है जो कहती है कि एक तिहाई हेज फंड, जो सर्वे किए गए हैं, पहले से ही बिटकॉइन जैसे डिजिटल एसेट्स में इन्वेस्ट कर रहे हैं। यह इंडस्ट्री की मैच्यूरिटी के लिए एक अच्छा संकेत है। क्योंकि संस्थान अभी भी गिरावट के दौर में निवेश कर रहे हैं, जबकि उन्हें पता है कि मार्केट बहुत अस्थिर है।