Cloudflare ने क्रिप्टो प्लेटफॉर्म पर हुआ एक बड़ा साइबर अटैक रोका

Cloudflare रिसर्चर्स ने बॉटनेट का नाम नहीं बताया, लेकिन कहा कि यह एक ऐसा बॉटनेट था जिसपर उनकी नज़र थी और वे इससे मेल खाने वाले बॉटनेस द्वारा 1 करोड़ rps तक के बड़े हमले देख चुके हैं।

Cloudflare ने क्रिप्टो प्लेटफॉर्म पर हुआ एक बड़ा साइबर अटैक रोका

यह Cloudflare द्वारा रोका गया अब तक का सबसे बड़ा HTTPS DDoS हमला है

ख़ास बातें
  • यह एक HTTPS DDoS अटैक था
  • हमला 1 करोड़ 53 लाख रिक्वेस्ट-प्रति-सेकंड (rps) तक पहुंच गया था
  • क्लाउडफ्लेयर के डिफेंस सिस्टम ने अपने आप रोका था हमला
विज्ञापन
वेब सिक्योरिटी के क्षेत्र में खास फोकस करने वाली कंपनी Cloudflare ने पुष्टि की है कि उन्होंने रिकॉर्ड पर सबसे बड़े पैमाने पर फैले डिनायल-ऑफ-सर्विस या DDoS हमलों में से एक को सफलतापूर्वक रोक दिया है, जो एक अज्ञात क्रिप्टोकरेंसी कंपनी को लक्षित करता है। क्लाउडफ्लेयर के डिफेंस सिस्टम द्वारा इस हमले का पता लगाया गया और सिस्टम ने इसे अपने आप ही रोक भी दिया। इस सिस्टम को कंपनी ने अपने ग्राहकों में से एक के लिए स्थापित किया था। हमला 15.3 मिलियन (1 करोड़ 53 लाख) रिक्वेस्ट-प्रति-सेकंड (rps) तक पहुंच गया, जो क्लाउडफ्लेयर के अनुसार, कंपनी द्वारा रोका गया अब तक का सबसे बड़ा HTTPS DDoS हमला है।

कथित तौर पर हमला 15 सेकंड से भी कम समय तक चला और इसने एक क्रिप्टो लॉन्चपैड को टार्गेट किया। क्लाउडफ्लेयर एक्सपर्ट्स ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि यह लॉन्चपैड "संभावित निवेशकों के लिए डिसेंट्रलाइज़्ड फाइनेंस (DeFi) प्रोजेक्ट को पेश करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।"

ब्लॉग पोस्ट में कहा गया है कि हमलावर द्वारा उपयोग किए जाने वाले बॉटनेट में लगभग 6,000 यूनिक बॉट शामिल थे, जो दुनिया भर के 112 देशों में 1,300 से अधिक विभिन्न नेटवर्क से पैदा हुए थे, जिसमें लगभग 15 प्रतिशत ट्रैफिक इंडोनेशिया से आया था। सबसे अधिक ट्रैफिक पैदा करने वाले अन्य देशों में रूस, ब्राजील, भारत, कोलंबिया और अमेरिका शामिल हैं।

Cloudflare रिसर्चर्स ने बॉटनेट का नाम नहीं बताया, लेकिन कहा कि यह एक ऐसा बॉटनेट था जिसपर उनकी नज़र थी और वे इससे मेल खाने वाले बॉटनेस द्वारा 1 करोड़ rps तक के बड़े हमले देख चुके हैं।

जैसा कि Cloudflare द्वारा बताया किया गया है, एक डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल-ऑफ-सर्विस (DDoS) अटैक अनिवार्य रूप से "इंटरनेट ट्रैफिक की बाढ़ के साथ टार्गेट या उसके आस-पास के बुनियादी ढांचे को भारी करके लक्षित सर्वर, सर्विस या नेटवर्क के सामान्य ट्रैफिक को बाधित करने का एक प्रयास करता है।"
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: , Cloudflare, Cyber attack, Cryptocurrency
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. BSNL ने भारत में कई राज्यों की राजधानियों में शुरू किया 5G ट्रायल
  2. Xiaomi 15 Ultra vs iPhone 16 Pro Max: फीचर्स और कीमत में तुलना
  3. iQOO Z10x होगा 11 अप्रैल को पेश, डिजाइन और फीचर्स आए सामने
  4. Vivo का V50e जल्द होगा भारत में लॉन्च, 50 मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा
  5. Vivo का V50e जल्द होगा भारत में लॉन्च, 50 मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा
  6. 'अंतरिक्ष से शानदार दिखता है भारत', NASA की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स ने जानकारी
  7. इटालियन ब्रांड VLF भारत में 2 अप्रैल को लॉन्च कर रहा है नया इलेक्ट्रिक स्कूटर, शेयर किया टीजर
  8. Amazfit ने लॉन्च की 14 दिनों के बैटरी बैकअप, 140 से ज्यादा वर्कआउट सपोर्ट वाली Bip 6 स्मार्टवॉच, जानें कीमत
  9. ChatGPT Down: Ghibli ट्रेंड के वायरल होते ही ठप्प पड़ गया AI चैटबॉट, X पर छाए मीम्स!
  10. Haier ने भारत में लॉन्च किए 85-इंच साइज तक के 4 स्मार्ट TV, कीमत Rs 57,990 से शुरू
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »